Article 30 in Hindi: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 30 क्या है?

Article 30 of Indian Constitution in Hindi: भारतीय संविधान का अनुच्छेद ३० क्या है?

Article 30 Kya Hai: आर्टिकल 30 लेकर लगातार कोई ना कोई बयान जारी होता रहता है और इस पर सियासत भी की जाती है 28 मई को एक बार फिर से बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट करके भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३० को संवैधानिक समानता के अधिकार को नुकसान पहुँचाने वाला बताया है। कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट करते हुए कहा कि अनुच्छेद 30 ही वह संविधान का अनुच्छेद है जिसने समानता के अधिकार को सबसे ज्यादा क्षति पहुंचाई है। और 28 मई 2020 को भारतीय ट्विटर पर #आर्टिकल_30_हटाओ ट्रेंड कर रहा था।

What is Article 30 of Indian Constitution in Hindi
What is Article 30 of Indian Constitution in Hindi

ऐसे में अगर आप आर्टिकल 30 के बारे में नहीं जानते तो आज के इस लेख में हम आपको अनुच्छेद ३० क्या है? (What is Article 30 in Hindi) के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ हम आपको अल्पसंख्यकों के लिए बनाए गए Article 30, 30(1), 30 (1A) और 30(2) के इस संविधान के अनुच्छेद के बारे में विस्तार से बताएंगे।

अनुच्छेद 30 क्या है? – What is Article 30 in Hindi?

भारत के संविधान में अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान की स्थापना करने और उसे संचालित करने का अधिकार देता है। और भारतीय संविधान के इस आर्टिकल में लिखा है कि सरकार किसी भी शैक्षणिक संस्थान के खिलाफ इस आधार पर मदद देने में भेदभाव नहीं कर सकती कि वे एक अल्पसंख्यक प्रबंधन के तहत आता है।

और अनुच्छेद 30 को तीन भागों में बांटा गया है अनुच्छेद 30(1), 30 (1A) और 30(2).

आर्टिकल 30(1): आर्टिकल 30(1) यह कहता है कि धर्म या भाषा के आधार पर सभी अल्पसंख्यक वर्गों को अपने रुचि के शिक्षण संस्थान की स्थापना और संचालन का अधिकार होगा।

अनुच्छेद 30(1A): भारतीय संविधान के आर्टिकल 30(1A) में अल्पसंख्यकों (मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी और जैन) द्वारा स्थापित किए जाने वाले शैक्षणिक संस्थानों की संपत्ति का जरूरी अधिग्रहण भी सुरक्षित किया जाएगा।

अनुच्छेद 30(2): इसके अनुसार भारत का कोई भी राज्य, धर्म या भाषा के आधार पर किसी भी शिक्षण संस्थान को सहायता देने में यह कहते हुए भेदभाव नहीं कर सकता कि वह अल्पसंख्यकों के प्रबंधन के अधीन है।

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इससे पहले साल 2019 में एक झूठ फैलाया गया था जिसमें धार्मिक पुस्तकों को पढ़ाने को भारत के संविधान के Article 30 से जोड़ा गया था परंतु Indian Constitution में ऐसा में कोई प्रावधान नहीं है। क्योंकि हमारा संविधान पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष है। इसमें मदरसों में कुरान पढ़ाए जाने और स्कूलों में गीता ना पढ़ाए जाने का कोई प्रावधान नहीं है।

आर्टिकल 30 कैसे देता है असमानता को बढ़ावा

अनुच्छेद 30 में अल्पसंख्यक संस्थानों को तो पूरी छूट मिलती है साथ ही सरकार द्वारा इन्हें सहनशील दृष्टिकोण भी प्रदान होता है और सरकार इसमें कोई हस्तक्षेप भी नहीं कर सकती, परंतु भारत के हिंदू संस्थानों को सरकारी हस्तक्षेप झेलना पड़ता है जो गैर-अल्पसंख्यकों के लिए एक तरह से भेदभाव ही है।

जो समानता के अधिकार का खंडन करता है।

इसके साथ ही, अनुच्छेद 30 की धारा 1 (ए) के अनुसार, पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण नीति को लागू करने का दायित्व अल्पसंख्यक संस्थानों का नहीं है। जो भारतीय संविधान के अनुसार, पिछड़े वर्गों के अधिकारों से इनकार करता है।

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अंतिम शब्द

दोस्तों अब तो आप समझ ही गए होंगे कि भारतीय संविधान का आर्टिकल 30 क्या है और क्यों इसे असमानता को बढ़ावा देने वाला कानून बताया जा रहा है। और ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की इस बार बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) आर्टिकल 370 और 35A के बाद अब Article 30 को हटाने पर विचार कर रही है।

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