भगत सिंह के प्रेरणादायक विचार और शायरी फोटो (Bhagat Singh Quotes Images)

Bhagat Singh Quotes: भगतसिंह जी के प्रेरणादायक और क्रांतिकारी विचार तथा इंकलाब जिंदाबाद का वो नारा आज भी हर भारतीय के भीतर जोश भर देता है।

Bhagat Singh Quotes Photos 2024: शहीद भगत सिंह के प्रेरणादायक उद्धरण और शायरी (Inspirational Thoughts Images)

भगत सिंह कोट्स फोटो 2024: देश के महान देश भक्त, स्वत्रंता सेनानी और लेखक भगत सिंह की जयंती (Birthday) हर साल 28 सितम्बर को मनाई जाती है तो वही उनकी पुण्यतिथि को 23 मार्च के दिन शहीदी दिवस (Martyr’s Day 2024) के रूप में मनाया जाता है।

भगत सिंह वैसे तो 23 मार्च 1931 को ही राजगुरु और सुखदेव के साथ फांसी के फंदे पर झूल गए थे परंतु उनके स्लोगन, विचार (Thoughts) और उनके द्वारा दिया गया इंकलाब जिंदाबाद का नारा (Slogan) आज भी हर एक भारतवासी के हृदय में जीवित है।

Bhagat Singh Hindi Quotes Images
Bhagat Singh Hindi Quotes Images

 

Shaheed Bhagat Singh Quotes Images & Shayari Photos in Hindi

आइए अब भगतसिंह शहीदी दिवस और उनकी जयंती के अवसर पर उन्हें नमन करने हेतु उनके कुछ दूरदर्शी और क्रांतिकारी विचार, नारे और कोट्स आपके साथ साझा करते हैं।

Bhagat Singh Saying & Famous Lines

इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से..
अगर मैं इश्क लिखना चाहूं तो इंकलाब लिखा जाता है।


Bhagat Singh Inspirational Quotes in Hindi
Bhagat Singh Inspirational Quotes in Hindi

 

मेरा धर्म देश की सेवा करना है।
-भगत सिंह


Shaheed Bhagat Singh Quotes In Hindi
Shaheed Bhagat Singh Quotes In Hindi

 

Bhagat Singh Shayari Wallpaper

सीने पर जो जख्म है सब फूलों के गुच्छे हैं..
हमें पागल ही रहने दो हम पागल ही अच्छे हैं।
-भगत सिंह


Bhagat Singh Inspirational Thoughts
Bhagat Singh Inspirational Thoughts

 

भगत सिंह के प्रेरणादायक उद्धरण 2024

लिख रहा हूं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा..
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।
-भगत सिंह


भगत सिंह के प्रेरणादायक विचार
भगत सिंह के प्रेरणादायक उद्धरण

 

खुशबू-ए-वतन भगत सिंह शायरी इमेज

दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उल्फत…
मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी।
-भगत सिंह


Bhagat Singh Desh Bhakat Shayari image
Bhagat Singh Desh Bhakat Shayari image

 

 

शहीद भगत सिंह जी के कोट्स, विचार और शायरी (उद्धरण) 2024: Bhagat Singh Saying, Famous Lines Inspirational Quotes & Thoughts

भले ही भारतीय सरकार भगत सिंह को शहीद ना मानती हो परंतु Bhagat Singh आज भी भारतीय नौजवानों के Insipiration (प्रेरणास्रोत) हैं, और आज भी देश के युवा (Youth) उन्हें और उनके विचारों (Thoughts) को काफी ज्यादा महत्व देते हैं।

ऐसे में शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के स्लोगन और उनके कोट्स आपको खासा पसंद आने वाले हैं जो आप को प्रेरित (Motivate) और इंस्पायर भी करेंगे।


जब इश्क और क्रांति का अंजाम एक ही है तो…
रांझा बनने से अच्छा है भगत सिंह बन जाओ।


जिंदगी तो अपने दम पर जी जाती है मेरे दोस्त..
दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।
-भगत सिंह


सफलता मौके और वातावरण पर निर्भर करती है..
लेकिन मनुष्य का कर्तव्य है कि वह कोशिश और प्रयास करता रहे।
-भगत सिंह


प्रेमी पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।
-भगत सिंह


इंसानों को कुचल कर आप…
उनके विचारों को नहीं मार सकते।
-भगत सिंह


अपने दुश्मन से बहस करने के लिए..
उसका अभ्यास करना बहुत जरूरी है।
-भगत सिंह


आलोचना और स्वतंत्र सोच…
एक क्रांतिकारी के दो अपरिहार्य गुण हैं
– भगत सिंह, (मैं नास्तिक क्यों हूं)


मैं एक इंसान हूं..
और मानव जाति को प्रभावित करने वाली सभी चीजें,
मुझे चिंतित करती हैं।
-भगत सिंह


प्रेम हमेशा मनुष्य के चरित्र को ऊँचा उठाता है।
यह उसे कभी कम नहीं करता है,
बशर्ते प्यार प्यार हो।
-भगत सिंह


राख का हर छोटा कण मेरी गर्मी के साथ गति में है..
मैं इतनी पागल मनुष्य हूं कि मैं जेल में भी मुक्त हूं।
-भगत सिंह


अगर बहरो के कानों तक आवाज़ पहुँचानी है, तो आवाज बहुत ज़ोरदार होनी चाहिए।
जब हमने बम गिराया, तो हमारा इरादा किसी को मारने का नहीं था।
-भगत सिंह

 

 

शहीद भगतसिंह जी के बारें में

भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के एक संपन्न परिवार में हुआ और उनका पूरा परिवार ही स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था।

सरदार भगत सिंह अपने लक्ष्य के प्रति सचेत और अडिग थे और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सर्वस्व निछावर करने के लिए भी तत्पर थे। और उनके जीवन का एक ही लक्ष्य था देश की स्वतंत्रता और आज़ादी।

उनके फांसी पर चढ़ने के पीछे भी उनका एक खास और दूरदर्शी लक्ष्य था। वे चाहते थे कि भारत के युवा भी देश के स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें।

इतनी कम उम्र में उनकी समझदारी और देश के प्रति उनके निष्ठा तथा उनके द्वारा लिए गए फैसलों और उनके विचारों की आज भी दुनिया भर में सराहना की जाती है। बारहवीं कक्षा तक ही पढ़े-लिखे होने के बावजूद भी उन्होंने ‘मैं नास्तिक क्यों हूं’ जैसे अमर लेख लिखें।