Satellite Internet क्या है? कैसें काम करता है? (Service Provider in India)

यहाँ भविष्य के सैटेलाइट इंटरनेट और इसकी कार्यप्रणाली, फायदे-नुकसान तथा भारत में इसके कुछ सर्वश्रेष्ठ सेवा प्रदाताओं के बारे में जानकारी साझा की गयी है।

सैटेलाइट इंटरनेट क्या है? कैसें काम करता है? भारत में इसके कुछ सर्वश्रेष्ठ सेवा प्रदाता

दुनिया के कुछ अत्यंत अप्राकृतिक और अनुप्रयुक्त क्षेत्रों में आज भी इंटरनेट की सुविधा नहीं पहुंच पायी है। ऐसे इन दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी को दूर करने के लिए सैटेलाइट इंटरनेट एक उत्कृष्ट विकल्प प्रस्तुत कर रहा है। इससे वहां रहने वाले लोग भी इंटरनेट सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे।

इस लेख में हम जानेंगे कि Satellite Internet क्या होता है? यह कैसे काम करता है? यहाँ भारत में कब तक आएगा तथा इसके फायदे और नुकसान क्या हैं? इसके साथ ही भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने वाली कुछ प्रमुख कंपनियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे।

Satellite Internet Kya hai
Satellite Internet Kya hai

 

सैटेलाइट इंटरनेट क्या है? (Satellite Internet in Hindi)

उपग्रहों (सैटलाइट) के जरिए इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराने की टेक्नोलॉजी सैटेलाइट इंटरनेट कहलाती है। जो Satellite Internet Service Provider से सिग्नल पाकर रेडियो तरंगों के माध्यम से काम करते हैं और यह तीन प्वाइंट्स पर काम करता है: Network’s Operation Center, Space (Satellite) और Satellite Dish.

नेटवर्क संचालन केंद्र से इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) अंतरिक्ष (Space) में सैटेलाइट को डाटा सिग्नल भेजता/प्राप्त करता है। अनुरोधित डाटा सिग्नल हमारे घर की छत पर लगे सैटलाइट डिश के जरिए भेजे या प्राप्त किए जाते हैं, जो वाईफाई राउटर या मॉडेम की मदद से इससे अन्य डिवाइस भी कनेक्ट होते हैं।

 

कैसें काम करता है सैटेलाइट इन्टरनेट:

जब यूजर अपनी डिवाइस से डाटा रिक्वेस्ट भेजता है तो यह अनुरोध उसके छत पर लगे डिश रिसीवर की मदद से अंतरिक्ष में उपग्रह तक और फिर इसके जरिए नेटवर्क संचालन केंद्र को प्राप्त होता है। जिसके बाद प्रतिक्रिया भेजी जाती है जो उपग्रह की मदद से डिश के जरिए उपयोगकर्ता तक पहुँचती हैं। यह एक दोतरफा प्रक्रिया है, जिसमें डाटा का आदान-प्रदान होता है।

सैटलाइट इंटरनेट की कार्यप्रणाली
सैटलाइट इंटरनेट की कार्यप्रणाली चित्र HaxiTrick.com द्वारा

 

Satellite Internet Service Providers in India

भारत में स्टारलिंक, वनवेब, कुइपर सिस्टम्स, वीसैट और ह्यूजेस कम्युनिकेशंस इंडिया कुछ मुख्य सैटलाइट इंटरनेट सेवा प्रदाता है। इनमें से अधिकतर अभी टेस्टिंग फेज में है और इन्हें लॉन्च होने में अभी काफी समय लगने वाला है।

SpaceX (Starlink):

दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में शुमार एलोन मस्क की कंपनी Starlink भी स्पेसएक्स की मदद से अमेरिका और कनाडा में स्टारलिंक सेटेलाइट ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस शुरू कर दी है। इसके साथ ही भारत समेत अन्य देशों में भी इसकी बुकिंग शुरू हो गई है। आज ही स्टारलिंक वेबसाइट से प्रीबुकिंग करें?


Airtel (OneWeb):

वनवेब को हाल ही में भारती ग्लोबल एवं ब्रिटिश सरकार द्वारा खरीद लिया गया था इसके बाद उपग्रहों की लॉन्चिंग एक बार फिर शुरू हुई और दिसम्बर 2020 तक कुल 648 में से 110 सैटलाइट लॉन्च किए जाने की जानकारी उपलब्ध है।

OneWeb 2022 के अंत तक कुल 648 लो अर्थ आर्बिट (LEO) सेटेलाइट्स Launch कर यह फुल कवरेज प्रोवाइड करा सकता है जो हाई स्पीड और लो लेटेंसी पर ग्लोबल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। एयरटेल की कमान संभालने वाले सुनील भारती मित्तल ही वनवेब के कार्यकारी अध्यक्ष एग्जीक्यूटिव चेयरमैन भी हैं साथ ही वे भारती इंटरप्राइजेज के फाउंडर और चेयरमैन भी है।


Amazon (Kuiper Systems):

Amazon की सहायक कम्पनी Project Kuiper भी सैटेलाइट इंटरनेट कांस्टेलेशन Build कर रहा है हो सकता है इसे वर्ष 2026 तक मार्केट में उपलब्ध कराया जाए। अमेजॉन को Federal Communications Commission (FCC) द्वारा 3236 सेटेलाइट्स को लॉन्च करने की मंजूरी मिल गई है, अमेजॉन प्रोजेक्ट कुइपर में 10 अरब डॉलर से ज्यादा इन्वेस्ट करेगी।

प्रोजेक्ट कुइपर नए क्षेत्रों में LTE और 5G सेवा प्रदान करने वाले वायरलेस कैरियर के लिए बैकहॉल सॉल्यूशन भी प्रदान करेगा अमेजॉन के अनुसार यह प्रोटोटाइप पहले से ही 400 MBPS तक की स्पीड दे रहा है और भविष्य में इसमें सुधार होता रहेगा। Kuiper Systems के अध्यक्ष राजीव बडयाल हैं जो स्पेसएक्स के स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट कांस्टेलेशन के पूर्व उपाध्यक्ष रह चुके हैं।


Viasat सैटेलाइट इंटरनेट सेवा:

फिलहाल वायासैट इंटरनेट अपनी सेवाएं अमेरिका में दे रहा है तथा यह इंटरनेट सेवा ViaSat-1 उपग्रह द्वारा संचालित होती हैं। साथ ही ViaSat-1 satellite ने उच्चतम क्षमता वाले संचार उपग्रह के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। Viasat का रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर भारत के चेन्नई (तमिलनाडु) में स्थित है।

 

भारत में सैटलाइट इन्टरनेट सेवा कब शुरू होगी?

Hughes India को भारत ब्रॉडबैंड निगम लिमिटेड और टेलीकम्युनिकेशन कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड की मदद से 5000 रिमोट ग्राम पंचायतों में हाई स्पीड सेटेलाइट कनेक्टिविटी प्रोवाइड करना है।

Hughes India दुनिया भर में 40 से अधिक सेटेलाइट उपयोग करेगा जिन्हें इसरो के GSAT-19 और GSAT-11 सेटेलाइट के साथ Hughes JUPITER System सेटेलाइट ब्रॉडबैंड इंप्लीमेंटेशन का इस्तेमाल करके प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए इंटरनेट सेवा को सक्षम बनाएगा।

यह भारत सरकार के प्रमुख भारतनेट (BharatNet) कार्यक्रम का एक हिस्सा है जिसके तहत भारत के सभी ढाई लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना है।


BharatNet Satellite Internet

BharatNet के सैटेलाइट इंटरनेट द्वारा भारत के उत्तर और पूर्वोत्तर पहाड़ी राज्य छत्तीसगढ़, झारखंड जैसे जंगल वाले राज्यों एवं अंडमान और निकोबार व लक्षद्वीप समूह जैसे द्वीपीय इलाके भी कवर होंगे।

वही उत्तर पूर्वी राज्यों में यह परियोजना मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और पूर्वी लद्दाख एवं गैलवान घाटी में उन इलाकों को कवर करेगी जहां फाइबर या केबल जैसी कनेक्टिविटी नहीं पहुंच पाई है यह 10 मेगाबाइट्स प्रति सेकंड की स्पीड के साथ लांच किया जा सकता है।

 

सैटेलाइट इंटरनेट के फायदे (Benefits)

  • दुर्गम इलाकों में इंटरनेट सुविधाएं पहुंचा पाना मुमकिन हो सकेगा।
  • ग्रामीण पहाड़ी घाटी एवं दुर्गम जगहों पर छात्रों एवं सेना के जवानों को इसके जरिए जोड़ा जा सकेगा।
  • प्राकृतिक आपदाएं आने पर जहां केबल इंटरनेट को गंभीर क्षति पहुंचेगी वहीं सैटेलाइट इंटरनेट वरदान साबित होंगे।
  • यह हर उस जगह उपलब्ध होगा जहां सिग्नल, सेटेलाइट और रिसेप्टर मौजूद होंगे।
  • इसके जरिए कारों, ट्रकों एवं अन्य वाहनों को भी जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

 

Satellite Internet के नुकसान

  • केबल इंटरनेट के मुकाबले फिलहाल सैटलाइट इंटरनेट की स्पीड कम है।
  • इसकी कीमत केबल इंटरनेट से कई ज्यादा महंगी है।
  • कुछ रिपोर्ट के अनुसार यह वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का समर्थन नहीं करता।
  • वीडियो डाउनलोडिंग स्पीड काफी कम होती है।