NASA की फुल फॉर्म क्या है | नासा के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में

नासा की फुल फॉर्म क्या है | NASA के बारे में पूरी जानकारी | All Information in Hindi

What Is NASA, Full Form and All Information In Hindi: दोस्तों आजकल स्पेस साइंस काफी चर्चा में है और chandrayaan-2 भेजने के बाद से इसरो और नासा की चर्चाएं काफी बढ़ गई हैं, जिस तरह से भारत की स्पेस एजेंसी ISRO है, उसी प्रकार अमेरिका की स्पेस एजेंसी का नाम NASA है.

Nasa Kya Hai Full Form And All Information in Hindi Important Missions
Nasa Kya Hai Full Form And All Information in Hindi Important Missions

दोस्तों अगर आप नहीं जानते कि नासा की फुल फॉर्म क्या है? (NASA Full Form in Hindi), नासा का मुख्यालय कहां है (Nasa Headquaters) किस देश में स्थित है, नासा का इतिहास (History of NASA in Hindi) और नासा की स्थापना कब और किसने की, नासा का चेयरमैन/अध्यक्ष कौन है? तथा नासा के कुछ महत्वपूर्ण मिशन (Important Missions of NASA) यह सभी बातें यानि हम आज के इस पोस्ट में नासा के बारे में पूरी जानकारी (Nasa All Information in Hindi) जानने का प्रयास करेंगे.

दोस्तों आप सभी जानते ही हैं कि अंतरिक्ष में किसी भी चीज की बात हो तो वहां नासा का नाम तो अवश्य आता है. नासा ने अब तक इतनी सफलताएं हासिल की है कि आप अंतरिक्ष की बात करते समय नासा को नकार नहीं सकते. तो चलिए लेख को शुरू करते हैं और लेख की शुरुआत सबसे पहले नासा की फुल फॉर्म क्या है हिंदी और इंग्लिश में तथा इसकी टैगलाइन (Motto) के बारे में भी जानते हैं.

नासा क्या है | What Is NASA Information In Hindi

  • 1. NASA की फुल फॉर्म: नासा की हिंदी में फुल फॉर्म राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन है। जिसे इंग्लिश में NASA कहा जाता है और NASA की इंग्लिश फुल फॉर्म NATIONAL AERONAUTICS AND SPACE ADMINISTRATION (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) है.
  • 2. नासा क्या है: यह संयुक्त राज्य अमेरिका के संघीय सरकार की कार्यकारी शाखा और एक स्वतंत्र एजेंसी है. जिसकी स्थापना 1958 में नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एक्ट द्वारा की गई जिसका Motto For the Benefit of All है और हिंदी में यह आदर्श-वाक्य सब की भलाई के लिए है.
  • 3. नासा की स्थापना: नासा की स्थापना 1958 में अमेरिका के राष्ट्रपति Dwight D. Eisenhower ने की थी, इसकी स्थापना करने का मुख्य कारण सोवियत संघ रूस द्वारा 1957 में लांच किए गए पहले कृत्रिम उपग्रह को टककर देना था.
  • 4. NASA के चेयरमैन/अध्यक्ष:वर्तमान समय में नासा के वर्तमान चेयरमैन या अध्यक्ष JIM BRIDENSTINE (जिम ब्रिडेनस्टाइन) है।
  • 5. नासा का मुख्यालय: नासा का मुख्यालय (Headquarters) वाशिंगटन डी.सी. (संयुक्त राज्य अमेरिका) में है.
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  • 6. NACA: पहले NASA (NATIONAL AERONAUTICS AND SPACE ADMINISTRATION) को NACA (National Advisory Committee for Aeronautics) के नाम से जाना जाता था जो केवल स्पेस रिलेटेड एडवाइज दिया करते थे बाद में इसे नासा (NASA) कर दिया गया.
  • 7. अपोलो मिशन: अपोलो अब तक के सबसे महंगे वैज्ञानिक कार्यक्रमों में से एक है, 1960 में इसकी कीमत 20 बिलियन डॉलर थी और अब यह लगभग $258 बिलियन है.
  • 8. चाँद पर पहला कदम: 20 जुलाई 1969 को चंद्रमा पर कदम रखने वाला पहला व्यक्ति नील आर्मस्ट्रांग था, जिसके 19 मिनट बाद बज एल्ड्रिन ने चांद पर कदम रखा और माइकल कॉलिन्स ने ऊपरी परिक्रमा की थी.
  • 9. Space Race: नासा ने अपने अपोलो कार्यक्रम में सन 1969 से 1972 तक चंद्रमा पर 12 लोगों को उतारकर सोवियत संघ से स्पेस रेस जीती.
  • 10. मिशन मानव: 12 April 1961 में सोवियत अंतरिक्ष यात्री युरी गागरीन अंतरिक्ष में जाने वाले प्रथम मानव बने, जिसके बाद 25 May 1961 को अमेरिकी राष्ट्रपती जॉन एफ़. केनेडी ने नासा के अंर्तगत अपोलो कार्यक्रम की घोषणा की। उन्होने 1960 के दशक के अंत से पहले नासा द्वारा चाँद पर मानव को भेजने की घोषणा की।

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Important Mission of NASA in Hindi

  • 1. Pioneer 10 नासा का पहला इंटरस्टेलर यान
  • 2. Voyager Space Mission in Hindi
  • 3. नासा का अपोलो 11 मिशन
  • 4. स्काईलैब | Skylab Space station
  • 5. Spirit & Opportunity

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1. Pioneer 10 नासा का पहला इंटरस्टेलर यान

नासा ने मार्च 1972 में Spacecraft Pioneer 10 को Launch किया था, यह कोई आम स्पेसक्राफ्ट नहीं था. पायनियर 10 मंगलग्रह और बृहस्पति ग्रह के बीच मौजूद Asteroid belt को पार करने वाला पहला स्पेसक्राफ्ट था, साथ ही यह हमारे सौर मंडल के Escape Velocity को पार करनें वाला पहला स्पेस मिशन बना,

इतना ही नहीं Pioneer 10 एक ऐसा पहला Space mission बना जिसने सन 1973 में बृहस्पति ग्रह और उसके Lunar का इतने करीब से अध्ययन किया। इसने एक साथ कई रिकॉर्ड बनाए। और फरवरी 1976 को यह शनि ग्रह (Saturn planet) के पास से गुजरा। पायनियर का आखिरी Signal जनवरी 2003 में डिटेक्ट किया गया था.

2. Voyager Space Mission in Hindi

Pioneer मिशन के बाद अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने 20 अगस्त 1977 को अमेरिकी अंतरिक्ष सेंटर कैंप कनावराल से वायेजर-2 को और 5 सितम्बर को वायेजर-1 लॉन्च किया, इनका मुख्य उद्देश्य बृहस्पति(Jupiter), शनि (Saturn), वरुण और अरुण(नेपच्यून और यूरेनस) ग्रहों के बारें में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करना था.

और Voyager Mission के द्वारा ही बृहस्पति ग्रह पर ज्वालमुखी और शनि ग्रह के उपग्रह Titan में हाइड्रोकार्बन के सागर मौजूद होने का पता चला. साथ ही इसने ग्रहों की कई तस्वीरें भी भेजी.

42 साल बाद अब वायेजर-1 पृथ्वी से करीबन 21 अरब किलोमीटर से दूरी पर है तो वहीं वायेजर-2 पृथ्वी से लगभग 17 अरब किलोमीटर की दूरी मौजूद है और इसने Interstellar Space में भी प्रवेश कर लिया है.

3. नासा का अपोलो 11 मिशन

Apollo नासा का सबसे महत्वपूर्ण और सबसे सफल माना जाने वाला ऐसा मिशन था जिसने चंद्रमा के तरफ उड़ान भरी और चंद्रमा पर पहले इंसान नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन को 20 जुलाई 1969 को चंद्रमा की सतह पर उतारा यह मिशन अपोलो अभियान का पांचवा मिशन और चंद्रमा का तीसरा मिशन था.

और इस मिशन के तहत भेजे गए तीनों अंतरिक्ष यात्री 24 जुलाई को पृथ्वी पर स्थित महा प्रशांत महासागर में उतरे और वह अपने साथ 21.5 किलो चांद के नमूने भी लेकर आए. नासा के इस अपोलो ११ अभियान ने अमेरिकी राष्ट्रपती जॉन एफ़. केनेडी का चाँद पर Soviet Union से पहले उतरने का सपना साकार कर दिया. जिसके बाद 1969 से 1972 के दरमियां नासा द्वारा 6 अपोलो मिशन चाँद पर भेजे गए, जिनमें से 5 ने चाँद पर उतरने में सफलता हासिल की।

हालाकि नासा का अपोलो 11 मिशन काफी विवादित रहा था.

4. स्काईलैब | Skylab Space Station

स्कायलैब संयुक्त राज्य अमेरिका का पहला और एकमात्र स्वतंत्र रूप से निर्मित अंतरिक्ष स्टेशन था इसे अमेरिका द्वारा 14 मई 1973 को अंतरिक्ष में लांच किया गया और इसके लॉन्च किए जाने के बाद तक लगभग 5 साल यह ठीक तरह से काम करता रहा. यह स्टेशन 1973 से 1979 तक पृथ्वी की कक्षा में रहा.

स्काईलैब का का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में रहकर काम करना और इसका इस्तेमाल एक प्रयोगशाला के तौर पर किया जाना था. जिससे पृथ्वी और सूर्य के साथ ही सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (Micro gravity) पर और अधिक अध्ययन किया जा सके, यह भी पता लगाया जा सके कि Long Term अंतरिक्ष उड़ान का मानव शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है.

इस केंद्र पर वैज्ञानिकों को अपोलो यान की मदद से पहुँचाया जाता था. इन अभियानों के दौरान स्काईलैब ने 2476 बार पृथ्वी का चक्कर लगाया और अंतरिक्ष यात्रियों ने 10 बार स्काईलैब से बाहर आकर अंतरिक्ष में कुल 42 घंटे और 16 मिनट का समय बिताया.

लेकिन नासा की मानें तो 1977-78 के दौरान अंतरिक्ष में आए सौर तूफान (सूर्य से निकलने वाली आग की लपटें) के कारण इसके पैनल जल गए और साथ-साथ इंजन ने भी काम करना बंद कर दिया. करीब 78 टन वजनी यह स्काईलैब उस समय मुसीबत बना जब यह अंतरिक्ष से धरती की ओर बढ़ने लगा। और इसके भारत में गिरने की बात भी फैली थी, लेकिन 11 जुलाई को स्काईलैब हिंदमहासागर और ऑस्ट्रेलिया में गिरा। यह इतना तगड़ा मिशन था कि स्काईलैब का नाम उस समय हर कोई जानता था.

5. Spirit & Opportunity

मंगल पर चट्टानों और वहाँ की मिट्टी में बहते हुए जल की गतिविधियों के सुराग तलाशने के लिए साल 2004 में अपॉर्च्युनिटी रोवर को लॉन्च किया गया जिसकी कुल 90 दिनों की थी, इसे 1 किलोमीटर का सफर तय करना था, परन्तु इसने मंगल ग्रह पर 15 साल का एक ऐतिहासिक सफर तय किया, जिसमें इसने 45 किलोमीटर का सफर तय किया.

और Twin rover spirit ने इस बात के सबूत भेजें कि मंगल पर कभी पानी बहता था और यहां सूक्ष्मजीवों के पनपने की भी संभावना है। हालाकि फ़रवरी 2019 में नासा के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्रिडेंस्टाइन ने ट्वीट कर यह बताया की मंगल पर पिछले साल जून में रेतीला तूफान आने के कारण अपॉर्च्यूनिटी के ट्रांसमिशन पर बुरा असर पड़ा था, रोवर से संपर्क नहीं होने पर इसे मृत घोषित कर दिया गया। इससे पहले ही इस रोवर ने मंगल की चट्टानों के कुछ नमूने इकट्ठा कर इनका परीक्षण भी किया था।

अंतिम शब्द

दोस्तों अब तो आप नासा के बारे में पूरी जानकारी और Pioneer, Voyager Mission, Apollo, Skylab Space Station और Spirit & Opportunity को भी पूरी तरह समझ ही गए होंगे. यहां आपको नासा की फुल फॉर्म क्या है नासा का उद्देश्य, नासा की स्थापना कब हुई नासा का चेयरमैन/अध्यक्ष कौन है? नासा के महत्वपूर्ण मिशन (Important Mission of NASA) के बारे में आपने जानकारी (Knowledge) हासिल की.

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