भगत सिंह शहीद दिवस (23 मार्च 2024)

30 जनवरी को गांधी जी की पुण्यतिथि, 14 फरवरी को पुलवामा हमलें की बरसी और 23 मार्च को भगत सिंह की फाँसी के दिन को देश शहीद दिवस के रूप में मनाता है।

Bhagat Singh Martyr’s Day 2024 Date: भगतसिंह शहीद दिवस कब मनाया जाता है?

भारत में प्रति वर्ष 23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव को फांसी दिए जाने वाले दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसके आलावा हर साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि, 14 फरवरी को पुलवामा हमलें में शहीद जवानों, और 17 नवंबर को लाला लाजपत राय जी की पूण्यतिथि को भी शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इसके साथ ही 13 जुलाई को कश्मीर में मारे गए लोगों, 21 अक्टूबर को लद्दाख में शहीद हुए पुलिसकर्मियों, और 19 नवंबर को झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती को भी शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Bhagat Singh Rajguru Sukhdev Shaheed Diwas
Bhagat Singh Rajguru Sukhdev Shaheed Diwas
शहीद दिवस तारीख़ 2024
तारीखशहीद दिवस
30 जनवरीमहात्मा गाँधी जी की पुण्यतिथि
14 फरवरीपुलवामा हमलें की बरसी
23 मार्चभगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव शहीदी दिवस
17 नवंबरलाला लाजपत राय जी की पूण्यतिथि
19 नवंबररानी लक्ष्मीबाई की जयंती

 

23 मार्च – भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव बलिदान दिवस

अपनी बात अंग्रेजों तक पहुचाने के लिए बिना किसी खून-खराबे के शहीद-ए-आजम कहलाए जाने वाले ‘भगत सिंह‘ ने बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर 08 अप्रैल 1929 को ‘पब्लिक सेफ्टी और ट्रेड डिस्ट्रीब्यूट बिल’ के विरोध में सेंट्रल असेंबली में एक खाली स्थान पर बम फेंका और इंकलाब जिंदाबाद का नारा लगाया। जिसके बाद उन्होंने खुद अंग्रेजी हुकूमत को अपनी गिरफ्तारी भी दी।

शहीद भगत सिंह पर देशद्रोह और हत्या का मुकदमा चला और 24 मार्च 1931 को उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गयी। इस मुकदमें को ‘लाहौर षड्यंत्र‘ के नाम से जाना गया।

23 March Bhagat Singh Shaheedi Diwas
23 March Bhagat Singh Shaheedi Diwas

 

भगत सिंह को फांसी की सजा सुनाने वाला न्यायाधीश ‘जी.सी. हिल्टन‘ था, जिसने 24 मार्च 1931 का दिन उनकी फाँसी के लिए तय किया था। लेकिन निर्धारित समय से 11 घंटे पहले (23 मार्च, शाम 7:30 बजे) ही भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर लटका दिया गया।

लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए वे राजगुरु और सुखदेव के साथ सांडर्स हत्याकांड में भी शामिल हुए थे इसलिए उनके साथ राजगुरु और सुखदेव को भी इसी दिन फाँसी दे दी गयी थी।

बताया जाता है कि उन्हें बम फोड़ने और जेल जाने के बाद भी भागने का मौका मिला था, परंतु वह देश के लिए अपनी जान देकर दूसरे युवाओं और दूसरे लोगों में आजादी के प्रति प्रेरणा भरना चाहते थे।

शहीद भगतसिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को हुआ था तो वहीं शहीद सुखदेव का जन्म 15 मई, 1907 को और शहीद राजगुरू का जन्म 24 अगस्त, 1908 को हुआ था।

यहाँ देखें:
भगत सिंह जी के क्रांतिकारी विचार
भगत सिंह की बायोग्राफी

 

30 जनवरी – शहीद दिवस (महात्मा गाँधी जी की पूण्यतिथि)

30 January – Mahtma Gandhi Death Anniversary: भारत के इतिहास में 30 जनवरी 1948 का दिन काफी दुखद समाचार लेकर आया था, इसी दिन देश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गांधी जी को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी।

महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत-शत नमन
महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत-शत नमन

देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है और उनकी समाधि ‘राजघाट‘ पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इस साल 2024 में 30 जनवरी को मंगलवार के दिन महात्मा गांधी जी की 76वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है।

यहाँ देखें: महात्मा गांधीजी के प्रेरणादायक विचार (फोटोज)

 

14 फरवरी – पुलवामा शहीद दिवस (Pulwama Shaheedi Diwas)

14 February Pulwama Shaheed Diwas: साल 2019 में 14 फरवरी का दिन भारत के इतिहास का सबसे काला दिन था। जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के जवानों पर ग्रेनेड से किए गए आतंकी हमले में 39 जवान शहीद हो गए थे।

2020 में 14 फरवरी को पहली बार Pulwama Shaheedi Diwas मनाया गया और देश के अमर जवानों को याद किया गया।

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13 जुलाई शहीद दिवस – Jammu & Kashmir Shaheed Diwas

13 July Shahid Diwas: 13 जुलाई 1931 के उस दिन को याद करके जम्मू और कश्मीर के लोग आज भी सहम जाते हैं, इस दिन के इतिहास की बात करें तो साल 1931 में उस समय के महाराज हरि सिंह के खिलाफ अफगान के अब्दुल कादिर ने लोगों को हिंदू और मुसलमानों में भेदभाव पर भड़काया और जवाबी कार्रवाई करने पर अफगानी अब्दुल को बंधक बना लिया गया।

इसके बाद मुसलमान अब्दुल को रिहा करने के समर्थन में उतरे और श्रीनगर की सेंट्रल जेल के बाहर प्रदर्शन और सुरक्षाकर्मियों पर पथराव करने लगे जिसके बाद शाही सैनिकों द्वारा 22 लोगो की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

इन 22 लोगों की मौत को याद करने के लिए कश्मीर में 13 जुलाई को शहीद दिवस मनाया जाता है।

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21 अक्टूबर – पुलिस शहीद दिवस

21 October Police Shahid Diwas: भारतीय इतिहास में 21 अक्टूबर 1959 का दिन हमें लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र में मातृभूमि की रक्षा करते हुए भारतीय पुलिस की एक टुकड़ी के जवानों के बलिदान की याद दिलाता है। इस दिन देश के वीरों की याद में पुलिस शहीद दिवस (Police Martyrs Day) पर परेण का आयोजन किया जाता है।

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17 नवंबर – लाला लाजपत राय शहीद दिवस

17 November Lala Lajpat Rai Martyrdom Day: लॉयन ऑफ पंजाब कहे जाने वाले लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि के अवसर पर ओडिशा में 17 नवंबर को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आपको बता दें कि लाला लाजपत राय ने भारत की स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी और वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी भी थे।

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19 नवंबर – रानी लक्ष्मीबाई शहीदी दिवस

19 November Rani Lakshmi Bai Shaheedi Diwas: झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने 1857 की क्रांति में अपने जीवन का बलिदान दे दिया था और 19 नवंबर को उनके जन्म दिवस के दिन ही झांसी (मध्य प्रदेश) में शहीद दिवस मनाया जाता है।

इस मौके पर वीर मन्नू को याद किया जाता है, और उन्हें याद करते समय बस यही जहन में आता है कि ‘खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी‘।

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क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस?

भारत में शहीद दिवस उन वीर सपूतों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने देश की आन, बान और शान के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। शहीद दिवस उन वीर जवानों की गौरव गाथा को दर्शाता है जो मातृभूमि के लिए शहीद हो गए।

अथार्त यह दिन देश के उन देशभक्तों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने देश के लिए अपनी प्राण न्योछावर कर दिए। भारत में इन विभिन्न तिथियों को शहीद दिवस (मार्टियर्स डे) के रूप में Celebrate किया जाता हैं।

भारत माता के इन लालों की शहादत को याद करने का दिन है शहीद दिवस (Martyr’s Day). और कहा जाता है कि “जब कोई मातृभूमि के लिए शहीद होता है, तो वह अमर हो जाता है!

 

कैसे मनाया जाता है शहीद दिवस (Tribute on Martyrdom Day)

शहीद दिवस के दिन हर साल देश में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, तीनों सेना के प्रमुख तथा रक्षा मंत्री शहीदों की समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, साथ ही भारतीय सेना के जवान भी शहीदों की समाधि पर मौजूद होते हैं और उन्हें सम्मान देते हुए अपने हथियारों को झुकाते हैं।

इसके साथ ही देश की मिट्टी के लिए अपनी जान देने वाले शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन धारण किया जाता है।

स्कूलों और विश्वविद्यालयों में भी शहीद दिवस पर इन खास तिथियों पर उन्हें याद किया जाता है और विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है तथा इन वीर सपूतों की शहादत के बारे में बच्चों को भी बताया जाता है।

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