Eid-E-Milad/Milad Un Nabi 2019: कब, क्यों और कैसे मनाते है, जाने इसका महत्व
Milad-Un-Nabi Date 2019: इस्लाम धर्म को मानने वालों में मिलाद उन नबी/ईद ए मिलाद एक प्रमुख त्योहार है अरबी भाषा में मौलिद शब्द का तात्पर्य जन्म से है और मौलिद उन नबी का Meaning मतलब हजरत मोहम्मद का जन्मदिन है, इस दिन प्रॉफिट मोहम्मद का जन्म हुआ था जिन्हें पैगंबर भी कहा जाता है. यह दिन उर्दू कैलेंडर के हिसाब से 12 रबी उल अव्वल को मनाया जाता है, इस त्यौहार को अलग-अलग भाषाओं मैं अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है. इस बार यह दिन 9 नवम्बर से 10 नवम्बर तक मनाया जाएगा.![]() |
Eid E Milad Un Nabi Kab Kyu Kaise Manate Hai Paigamber Muhammad Information Hindi |
आइए अब मिलाद उन नबी या ईद ए मिलाद कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है? मिलादुन्नबी का इतिहास और महत्त्व और पैगंबर मुहम्मद के बारे में संक्षिप्त जानकारी हिंदी में जानते है, When, Why and How Milad-Un-Nabi Celebrated In India, and Information About Muhammad Pophit In Hindi
कब मनाया जाता है मिलाद उन नबी | When Milad un Nabi is Celebrated
Eid Milad Un Nabi 2019 Date: मिलाद उन नबी पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है इस्लामिक कैलेंडर हिजरी के अनुसार यह दिन रबी अल-अव्वल महीने के 12वें दिन पड़ता है,इस्लामिक केलेंडर चाँद के अनुसार तय किया जाता है, और इस साल 29 अक्टूबर को नया चाँद देखे जाने की खबरें है इसीलिए 30 अक्टोबर 2019 रबी अल-अव्वल महीने की पहला दिन है और 12वां दिन 10 नवम्बर को है, इसलिए मिलादुन्नबी या ईद-ए-मिलाद इस साल शनिवार 9 नवंबर 2019 को शुरू होकर रविवार 10 नवंबर 2019 तक होगा.
वहीं अगली साल 2020 में यह दिन 01 नवंबर को पड़ रहा है, इसलिए 2020 में मिलादुन्नबी या ईद-ए-मिलाद ०१ नवम्बर को मनाया जाएगा. इस दिन भारत सरकार का राजपत्रित अवकाश (Gazetted Holidays) भी होता है.
सुन्नी इस्लाम और शिया इस्लाम में इस दिन को लेकर काफी विवाद है सुन्नी मुसलमान इस दिन को रवि अव्वल के 12 दिन मनाते हैं तो वही सिया इस्लाम इस दिन को रवि अव्वल के सत्र में दिन मनाने का दावा करते हैं.
मिलाद-उन-नबी क्यों मनाते हैं | Why Eid-e-Milad Is Celebrated in India
ईद-ए-मिलाद (उर्दू) और मिलाद-उन-नबी (अरबी) के नाम से जाना जाने वाला यह त्यौहार इस्लाम के आखरी पैगंबर (पैगम्बर मुहम्मद) हज़रत मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम (आपका) के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाते है। आपका (पैगम्बर मुहम्मद) जन्म 8 जून, 570 ई. को मक्काह (सऊदी अरब) में हुआ था. यह पर्व मुहम्मद के जीवन और उनकी शिक्षाओं को याद करने के अवसर के रूप में मनाया जाता है।मुसलमानों के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है, इस दिन पैगंबर के बताए गए रास्ते को याद करते हुए, इस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान की तिलावत की जाती है.
मिलादुन्नबी कैसे मनाते हैं | How Eid-e-Milad Is Celebrated in India
मिलादुन्नबी के दिन इस्लामिक मान्यता वाले लोग शीशे के ताबूत वाला जुलूस निकालते हैं इसमें पैगम्बर मुहम्मद के एक प्रतीक को शीशे के ताबूत में रखकर लोगों के बीच जुलूस निकाला जाता है। और हजरत मोहम्मद के जीवन का बखान करते हुए शांति संदेश देते हैं इस दिन को जो व्यक्ति नियम से निभाता है वह अल्लाह के और भी करीब चला जाता है.भारत में ईद-ए-मिलाद के दौरान मुस्लिम लोग अपना शोक व्यक्त करने के लिए बारा वफात भी मनाते हैं। जो मुहम्मद की बीमारी और अंत में उनकी मृत्यु के बारह दिनों की याद करते हुए मनाया जाता है।
मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी मान्यताओं और प्राथमिकताओं के आधार पर मिलादुन्नबी को मनाते है। हालाँकि मुहम्मद का जन्मदिन खुशी मानाने का अवसर होता है, लेकिन मिलाद-उन-नबी के दिन शोक भी मनाया जाता है। जिसके पीछे की वजह रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन ही पैगम्बर मुहम्मद का इंतकाल है।
मिलाद-उन-नबी पर लोग मिठाइयां और अन्य पकवान बांटते है। इस दिन शहद बाँटने का विशेष महत्व है। कई विद्वान की माने तो ऐसा इसलिए क्योंकि शहद पैगम्बर मुहम्मद को सबसे ज्यादा अज़ीज था।
ईद-ए-मिलाद के दिन मुस्लिम मस्जिदों में जाकर पैगम्बर मुहम्मद और अल्लाह के लिए नमाज़ पढ़ते हैं, और उपदेश सुनते है।
मिलाद-उन-नबी के दिनों में भारत का मुस्लिम समुदाय अक्सर सार्वजनिक स्थानों पर कार्यक्रम करते है और गीत गाते हैं।
पैगम्बर मुहम्मद संक्षिप्त परिचय:
ऐतिहासिक ग्रंथों के मुताबिक इस्लाम के प्रमुख पैगम्बर मुहम्मद (आपका) का जन्म सन् 570 में सऊदी अरब में हुआ था। इस्लाम के जानकारों के हिसाब से आपका जन्म इस्लामी कैलेंडर के तीसरे महीने के 12वें दिन हुआ है।पैगंबर मुहम्मद के वालिद (पिता) का नाम अब्दुल्लाह एवं माँ का नाम बीबी आमिनाह है, अपने 62 वर्ष के जीवनकाल में पैगंबर मुहम्मद ने इस्लाम धर्म की स्थापना की और सऊदी अरब का निर्माण किया जो अल्लाह की इबादत के लिए समर्पित है।
इनका इंतकाल 62 बरस की आयु में 8 जून 632 ई. को मदीना, सऊदी अरब हुआ, अंग्रेजी कैलेंडर की माने तो आपका जन्म और इंतकाल (मृत्यु) दोनों ही 8 जून को हुआ था.