धनतेरस पर झाड़ू खरीदने का महत्व और पूजा तथा इससे जुड़ी कुछ अन्य जरूरी बातें (Dhanteras Broom Importance)
Dhanteras Jhadu Puja: धनतेरस पर चाहे आपको कोई सोना-चांदी या वाहन, बर्तन इत्यादि ना खरीदते दिखे परंतु आप आपको सभी के हाथों में झाड़ू अवश्य दिख जाएगी, धनत्रयोदशी पर अन्य वस्तुओं के साथ झाड़ू खरीदना भी एक अनोखी परंपरा है और इसके पीछे कई मान्यताएं हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है।
धनतेरस का त्यौहार इस साल 23 अक्टूबर 2022 को मनाया जा रहा है, ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान धनवंतरी (Dhanwantari) का जन्म हुआ था इसीलिए इस दिन भगवान धन्वन्तरि की पुजा की जाती है। साथ ही माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा का भी विशेष महत्व है।
धनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदते हैं? महत्व
हिंदू धर्म में प्रचलित मान्यताओं में धनत्रयोदशी वाले दिन झाड़ू खरीदना बेहद शुभकारी होता है, क्योकि इसमें माँ लक्ष्मी जी वास करती है। इस दिन इसे खरीदने से पैसे की तंगी से छुटकारा मिलता है और धनवान बनने का आपका सपना भी पूर्ण हो सकता है।
मत्स्य पुराण की मान्यताओं के अनुसार झाड़ू माता लक्ष्मी का ही प्रतिरूप कहा गया है, झाड़ू लगाने से दरिद्रता का नाश तो होता ही है साथ ही बार-बार ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त होती जाती है। और इससे ऋण से मुक्ति भी मिल जाती है।
झाड़ू घर को साफ सुथरा रखने के काम आती है और जहां साफ सफाई होती है वहां सुख समृद्धि आती है ऐसे में सांकेतिक महत्व के तौर पर धनत्रयोदशी के दिन झाड़ू खरीद कर आप पूरे साल अपने घर को साफ-सुथरा रख सकते हैं।
धनत्रयोदशी पर झाड़ू खरीदने के बाद क्या करें?
धनतेरस पर झाड़ू खरीदने के बाद मां लक्ष्मी को घर में स्थिर बनाए रखने के लिए आपको सबसे पहले इसके ऊपरी भाग (हैंडल) पर एक सफेद रंग का धागा बांध देना चाहिए।
धनत्रयोदशी पर खरीदी गई झाड़ू को दिवाली के दिन सूर्योदय से पहले मंदिर में दान करने से घर में लक्ष्मी का निवास और सुख-शांति बनी रहती है।
झाड़ू खरीदते समय यह जरूर ध्यान रखें कि आप इस दिन एक साथ तीन झाड़ू खरीदे यह अच्छा शगुन माना जाता है, साथ ही इस बात का भी ख्याल रखें कि आप जोड़े में झाड़ू ना खरीदे जैसे दो या चार आदि।
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झाड़ू और द्रौपदी की शादी की कथा
महाभारत की जानकारी रखने वाले द्रोपदी के बारे में अवश्य जानते होंगे आपको बता दें कि महाभारत काल में भी जब द्रोपदी की शादी में विभिन्न अड़चनें आ रही थी, और उनका विवाह नहीं हो पा रहा था। तब महाभारत काल में झाड़ू से पूरे राज महल को झाड़ा गया जिसके बाद ही द्रोपदी का विवाह अर्जुन से हो सका। ऐसे में यह शुभ चीजों का संकेत बन गया और लोग इससे अच्छा मानने लगे।
झाड़ू के बारे में जरूरी बातें
झाड़ू मुख्यतः 3 प्रकार की होती है। मोर पंख की बनी झाड़ू मंदिरों में झाड़-फूंक करने के लिए इस्तेमाल की जाती है, तो वहीं कुश की झाड़ू का प्रयोग तंत्र शक्तियों एवं पूजा स्थलों पर किया जाता है। हालांकि फूल झाड़ू का प्रयोग घर को साफ करने एवं दरिद्रता का नाश करने के लिए किया जाता है।
- झाड़ू को हमेशा ढककर या किसी जगह छुपा कर रखना चाहिए जहां पर किसी की नजर ना पड़े, इसको छुपा कर रखने से आप सदैव अपने दुश्मनों से बचे रहते हैं।
- हिंदू धर्म के अनुसार रात के समय घर में झाड़ू नहीं लगानी चाहिए।
- इसे कभी भी खड़ा करके ना रखें मान्यता है की इससे आपके शत्रु आपके लिए बाधाएं उत्पन्न कर सकते हैं।
- झाड़ू को हमेशा उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए।
- झाड़ू पर कभी भी पैर ना मारे ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज होती हैं।
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किस दिन झाड़ू नहीं खरीदनी चाहिए?
हिंदू धर्म के अनुसार सामान्य दिनों में शनिवार, रविवार और मंगलवार को झाड़ू भूल कर भी नहीं खरीदनी चाहिए। इन दिनों में झाड़ू खरीदने से आपके घर में विसंगति फुट और कलह का वातावरण उत्पन्न होता है।
पुरानी झाड़ू किस दिन फेंके?
टूटी फूटी झाड़ू ज्यादा दिन घर में रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, ऐसे में झाड़ू को घर से हटाने का सबसे अच्छा दिन अमावस्या का होता है। इस दिन आप टूटी या खराब हो चुकी झाड़ू को घर से बाहर निकाल सकते हैं। ध्यान रहे कि गुरुवार और शुक्रवार के दिन झाड़ू को बाहर ना फेंके इस दिन झाड़ू बाहर फेंकने से माता लक्ष्मी का अपमान होता है।
डिस्क्लेमर: यह सभी जानकारियाँ सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं, HaxiTrick.Com इसकी पुष्टि नहीं करता, कृपया कुछ भी लेने से पहले किसी अच्छे और ज्ञानी पंडित की सलाह अवश्य लें। किसी भी तरह के लाभ या हानि के ज़िम्मेदार आप स्वयं होंगे।