जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 कब और कहाँ होगा? थीम, उद्देश्य और सदस्य देश

G-20 New Delhi Summit 2023: क्या है जी-20 शिखर सम्मेलन? जानिए इसका उद्देश्य और Theme

G20 Shikhar Sammelan: 2023 में G20 देशों की 18वीं बैठक 9-10 सितम्बर को भारत की राजधानी नई दिल्ली (New Delhi) में होगी, जिसकी Theme ‘One Earth, One Family, One Future‘ (वसुधैव कुटुम्बकम्) है। इसमें भारत द्वारा ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) देशों के प्रधानों के साथ ही बाग्लादेश, मिस्त्र, नीदरलैंड, नाइजीरिया, मोरिशस, सिंगापुर, स्पेन, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात को भी अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।

यहाँ हम आपको जी-20 शिखर सम्मेलन क्या है? 2023 में कहाँ होगा? इसमें कौन भाग लेगा? इसका उद्देश्य, थीम (विषय) अतिथि देश, सभी सदस्य देश, मेजबान देश और अगले साल 2024 की अध्यक्षता के बारे में बताने जा रहे है

जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 क्या है? कहाँ होगा?
जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 क्या है? कहाँ होगा?
G20 नई दिल्ली शिखर सम्मेलन 2023 के बारे में:
कब:9–10 सितम्बर 2023
मेजबान देश:भारत
थीम:वसुधैव कुटुम्बकम् (वन अर्थ. वन फैमिली. वन फ्यूचर)
स्थान:‘भारत मंडपम’ ITPO कन्वेंशन सेंटर, प्रगति मैदान
शहर:नई दिल्ली
अगली बार (2024):ब्राजील
वर्ष 2025 में:दक्षिण अफ्रीका

 

G20 शिखर सम्मेलन 2023 कब और कहाँ होगा?

2023 में 9–10 सितंबर को 18वां G20 शिखर सम्मेलन भारत की मेजबानी में होगा, जिसे राजधानी दिल्ली में ITPO कन्वेंशन सेंटर, प्रगति मैदान के ‘भारत मंडपम‘ में आयोजित किया जाएगा। इसके लिए ‘वसुधैव कुटुम्बकम्‘ (एक पृथ्वी · एक कुटुंब · एक भविष्य) को थीम (विषय) के रूप में चुना गया है।

भारत की अध्यक्षता पिछली साल प्रेसीडेंसी हैंडओवर समारोह 2022 के सम्मेलन के अंत में मेजबान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो द्वारा भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को अध्यक्षता स्थानांतरित करने के बाद 1 दिसंबर 2022 से शुरू हुई है, जो 30 नवम्बर 2023 तक जारी रहेगी। आपको बता दें कि भारत को इसकी अध्यक्षता मिलने के साथ ही पूरे साल इसे लेकर मंत्रीस्तरीय तथा शेरपा बैठकें और कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा चुके हैं।

 

जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 की थीम क्या है?

2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारत को मिली है, और इस प्रेसीडेंसी की थीम – “वसुधैव कुटुम्बकम” यानी – “वन अर्थ. वन फैमिली. वन फ्यूचर” रखी गयी है। यह थीम महा उपनिषद के प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है। जिसका अर्थ ‘धरती ही परिवार है‘ है।


G20 शिखर सम्मेलन 2023 Logo
G20 शिखर सम्मेलन 2023 Logo

 

जी20 शिखर सम्मेलन 2023 में कौन भाग लेगा?

जी20 शिखर सम्मेलन 2023 में अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन पियरे जेम्स ट्रूडो, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोलज़, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, जापान के प्रधानमंत्री फ़ुमिओ किशिदा, मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुअल लोपेज ओब्राडोर, कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति यूं सुक येओल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद, दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन, यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर. बाइडेन जूनियर, यूरोपीय संघ के अध्यक्ष, यूरोपीय परिषद चार्ल्स मिशेल, यूरोपीय संघ के अध्यक्ष, यूरोपीय आयोग उर्सुला वॉन डेर लेयेन भाग लेंगे।

जी-20 सम्मेलन में भारत द्वारा आमंत्रित किए गए सदस्य भी हिस्सा लेंगे, जिसमें बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह सईद हुसैन खलील अल-सीसी, मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट, नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनूबू, ओमान के राज्य के प्रधान सुल्तान हैथम बिन तारिक, सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान शामिल है।

 

जी-20 शिखर सम्मेलन 2024 कहाँ होगा?

आपको बता दें कि 2024 में G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी ब्राज़ील करेगा, और 2025 में जी20 समिट दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा।

पिछली साल 2022 में 17वां जी-20 शिखर सम्मेलन इंडोनेशिया के हार्डीज मॉल नुसा दुआ, बाली में 15-16 नवम्बर को आयोजित किया गया। इसमें भारत का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। 2022 का सम्मेलन रूस-यूक्रेन युद्ध के आलावा कोरोना की वजह से उत्त्पन्न हुए वैश्विक वित्तीय संकटों से निपटने और इसके समाधान के मुद्दों पर केन्द्रित था।


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जी-20 समिट क्या है? (G-20 Summit in Hindi)

26 सितंबर 1999 को स्थापित G-20 बीस देशों का एक समूह (Group) है जिसमें 19 देश और 20वां यूरोपीय संघ शामिल है। और इसका नाम इसके सदस्यों की संख्या के आधार पर ही रखा गया है जो 20 है और G का मतलब Group है। इसकी स्थापना मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग और वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) के मामलों और मुद्दों पर चर्चा करने के उद्देश्य से की गई थी।

G-20 में शामिल इन 20 देशों के नेताओं की बैठक को जी20 शिखर सम्मेलन के रूप में जाना जाता है इसका आयोजन हर वर्ष विभिन्न देशों में किया जाता है। यह समिट देशों के प्रधान ही नहीं बल्कि वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स भी बैठक करते है।

 

G20 में कुल कितने सदस्य देश है?

G20 में कुल 19 देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, इटली, भारत, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, चीन, जर्मनी, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाईटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) और यूरोपीय संघ शामिल हैं।

G20 Member Countries List:

  1. अमरीका,
  2. अर्जेंटीना,
  3. ऑस्ट्रेलिया,
  4. ब्राजील,
  5. कनाडा,
  6. चीन,
  7. फ्रांस,
  8. जर्मनी,
  9. भारत,
  10. इंडोनेशिया,
  11. इटली,
  12. जापान,
  13. मैक्सिको,
  14. रूस,
  15. सऊदी अरब,
  16. दक्षिण अफ्रीका,
  17. दक्षिण कोरिया,
  18. तुर्की,
  19. यूनाइटेड किंगडम और
  20. यूरोपीय संघ।

 

नोट: जी20 के अध्यक्ष द्वारा हर साल आसियान देशों के अध्यक्ष और एक देश को भी आमंत्रित किया जाता है तो वहीं स्पेन एक स्थायी अतिथि है।

G20 दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक वैश्विक मंच पर लाने का काम करता है जहां वित्तीय मुद्दों पर चर्चा की जाती है। इसका कोई स्थाई मुख्यालय नहीं है, हर साल बारी-बारी से इसके सदस्य देशों में इस सम्मलेन का आयोजन किया जाता है। वर्तमान में भारत को इसकी अध्यक्षता मिली है।


 

जी-20 का समूह क्यों बनाया गया है? (उद्देश्य)

जी-20 का मुख्य उद्देश्य विश्व के वैश्विक और आर्थिक मुद्दों पर विचार-विमर्श और चर्चा करना है, जहाँ 20 देश प्रमुख मुद्दों पर अपनी राय साझा करते हैं। यहाँ मुख्य रूप से औद्योगिक और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को लेकर बातचीत होती है। इसके साथ ही विश्व की अर्थव्यवस्था में स्थिरता और सतत विकास के लिए भी नई नीति बनाई जाती है।

दुनिया में मौजूद सभी में से केवल G-20 सदस्य देशों की दुनिया की जीडीपी में 85 फीसदी हिस्सेदारी हैं। साथ ही वैश्विक व्यापार में भी 75 फीसदी की हिस्सेदारी इन देशों की ही है।

 

जी20 का इतिहास: G7 से G20 तक

इस ग्रुप का नाम इसके सदस्यों की संख्या पर रखा गया है इसलिए जब इसकी शुरुआत हुई तो इसमें केवल 7 ही सदस्य (फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमरीका और कनाडा) थे इसलिए उस समय इसे G7 कहा जाता था।

परंतु साल 1998 में इस समूह में रूस को भी शामिल किया गया जिसके बाद इसे G7 की बजाए G8 कहा जाने लगा। परंतु रूस ज्यादा समय तक इस ग्रुप का हिस्सा नहीं रह सका और वर्ष 2014 में रूस को इससे हटा दिया गया। जिसके बाद यह पुनः G7 हो गया।

G-20 सम्मेलन: सन 1999 में G8 सदस्य देशों की जर्मनी के कोलोन में हुई बैठक के दौरान एशिया के आर्थिक संकटों के विषय में चर्चा की गई, और इन 20 देशों को भी इसमें शमिल किया गया, जिसके बाद दिसंबर 1999 मे पहली बार बर्लिन में G20 समूह की बैठक हुई। और 14-15 नवम्बर 2008 में वाशिंगटन डीसी (संयुक्त राष्ट्र अमेरिका) में पहला G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया।