राष्ट्रीय खेल दिवस 2023: थीम, इतिहास, महत्व और ध्यानचंद जयंती

National Sports Day 2023: राष्ट्रीय खेल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? ध्यानचंद की जयंती और खेल पुरस्कार

Rashtriya Khel Divas 2023: महान भारतीय हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद्र जी की जयंती पर उन्हें याद करते हुए प्रति वर्ष 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) मनाया जाता है। उनकी कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक खेलों में लगातार तीन बार स्वर्ण पदक जीता था।

ध्यान सिंह का जन्म 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (प्रयागराज) जिले में हुआ था। उन्होंने अपने खेल का जलवा कुछ इस तरह बिखेरा कि लोग उन्हें ‘हॉकी का जादूगर‘ कहने लगे। यहाँ हम Major Dhyan Chand Jayanti के मौके पर राष्ट्रीय खेल दिवस कब मनाया जाता है? इसकी Theme, इतिहास और उद्देश्य तथा ध्यानचंद जी की बायोग्राफी (जीवनी) बताने जा रहे है।

National Sports Day 2023 in Hindi
National Sports Day 2023 in Hindi

 

Rashtriya Khel Divas Information in Hindi
नामराष्ट्रीय खेल दिवस
तिथि29 अगस्त (वार्षिक)
पहली बार29 अगस्त 2012
तारीख़मंगलवार, 29 अगस्त 2023
उद्देश्यखेलों के प्रचार और खेल भावना को बढ़ावा देना
संम्बंधित व्यक्तिमेजर ध्यानचंद

इस साल 21 अगस्त से 29 अगस्त तक राष्ट्रीय खेल सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसकी थीम (विषय) ‘खेल एक समावेशी और फिट समाज के लिए एक समर्थक के रूप में’ है।

 

राष्ट्रीय खेल दिवस की शुरुआत कब हुई? (इतिहास)

वर्ष 1994 में झांसी के एक पूर्व सांसद ने सरकार से महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद जी की जयंती को खेल दिवस के रूप में मनाने का आग्रह किया जिसकी तत्कालीन खेल मंत्री ने सराहना की और सभी औपचारिकताएं पूर्ण होने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने उनकी जयंती 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस घोषित कर दिया।

विभिन्न खेलों के प्रचार और खेल भावना को बढ़ावा देने तथा इसके प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाने वाला खेल दिवस (नेशनल स्पोर्ट्स डे) पहली बार वर्ष 2012 में मनाया गया था।

प्रतिवर्ष 06 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है, इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2014 में की गई थी।

 

29 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है स्पोर्ट्स डे?

अपने खेल से भारत को एक अलग और खास मुकाम पर ले जाने वाले महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद जी के जन्मदिन को भारत नेशनल स्पोर्ट्स डे के रूप में मनाता है।

खेल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य खेल भावना को बढ़ावा देना, इसका प्रसार करना और विभिन्न खेलों के बारे में जागरूकता फैलाना है, इसके अलावा यह दिन खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित करने का भी है।

साथ ही यह हमारी जिंदगी में खेल-कूद के महत्व को दर्शाता है और युवाओं को विभिन्न खेलों में अपना करियर बनाने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।


खेल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं (Happy Sports Day)

मेरे देश की जिम्मेदारी नहीं है मुझे आगे बढ़ाने की।
यह मेरी जिम्मेदारी है मेरे देश को आगे बढ़ाने की।
-मेजर ध्यानचंद

Rashtriya Khel Divas – Major Dhyan Chand Jayanti
Rashtriya Khel Divas – Major Dhyan Chand Jayanti

 

 

मेजर ध्यानचंद जी की जयंती पर उनका संक्षिप्त जीवन परिचय?

मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था, वे एक साधारण राजपूत परिवार से संबंध रखते थे। उनके पिता सोमेश्वर सिंह सेना में कार्यरत थे और माता श्यामा देवी सरल स्वभाव की महिला थी।

 

करियर की शुरूआत:

पिता के लगातार स्थानांतरण के कारण वे छठी कक्षा तक ही पढ़ पाए। इसके बाद वर्ष 1922 में वह मात्र 16 साल की उम्र में ही सिपाही के रूप में भर्ती हो गए। जहां ‘फर्स्ट ब्राह्मण रेजीमेंट’ के एक सूबेदार मेजर तिवारी के द्वारा प्रेरित करने पर उन्होंने हॉकी खेलना शुरू कर दिया। और ब्रिटिश भारतीय सेना की रेजिमेंटल टीम से अपने हॉकी करियर की शुरुआत की।

हॉकी को लेकर वे इतने समर्पित थे की रात में चांद निकलने के बाद इसका अभ्यास किया करते थे इसीलिए उनका नाम ध्यान सिंह से ‘ध्यानचंद‘ हो गया।

 

ओलिंपिक में मिली सफलता

वे हॉकी के बेहद मंझे हुए खिलाड़ी थे। उनकी अगुवाई में भारत ने लगातार तीन बार (1928, 1932 और 1936 में) ओलंपिक खेलों में गोल्ड मैडल जीता था। उन्होंने अपने खेल से देश में हॉकी को एक अलग मुकाम तक पहुंचाया।

बताया जाता है जब वे हॉकी खेलते थे तब गेंद उनके स्टिक से मानो चिपक जाया करती थी, इसी आशंका में होलेंड में एक मैच के दौरान उनकी स्टिक को तोड़कर जांच भी कराई गयी थी। वहीं जापान में हुए एक मैच में उनकी स्टिक पर गोंद लगे होने की बात भी कही गई थी।

 

1936 के बर्लिन आलंपिक में हुआ कमाल

यह भी बताया जाता है कि 1936 के बर्लिन ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन से जर्मनी तानाशाह एडोल्फ हिटलर इतना प्रभावित हुआ की उसने ना केवल सभी खिलाड़ियों से हाथ मिलाया बल्कि ध्यानचंद को जर्मनी की ओर से खेलने का प्रस्ताव भी दे डाला। इसके बदले उन्हें जर्मनी सेना में कर्नल पद तक का प्रलोभन दिया गया लेकिन उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया और कहा ‘हिंदुस्तान मेरा वतन है और मैं वहां खुश हूं।’

 

उपलब्धियां

हॉकी को अपना पूरा जीवन समर्पित करने के लिए वर्ष 1956 में भारतीय सेना में पंजाब रेजीमेंट के मेजर पद से रिटायर होने के बाद उन्हें भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।

Major Dhyanchand का करियर 1926 से 1948 तक रहा जिसमें उन्होंने 185 मैच खेले और 570 गोल किए। भारतीय ओलंपिक संघ ने ध्यानचंद को शताब्दी का खिलाड़ी घोषित किया है।

वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यान चंद्र खेल रत्न पुरस्कार करने की घोषणा की है।

 

मृत्यु:

ध्यानचंद का निधन 03 दिसंबर 1979 को दिल्ली में हुआ और उनका अंतिम संस्कार झांसी के उसी मैदान (हीरोज ग्राउंड) में किया गया जहां वे हॉकी खेला करते थे।

वर्ष 1980 में ध्यानचंद जी के मरणोपरांत भारतीय डाक विभाग ने उन्हे श्रद्धांजलि देते हुए 35 पैसे का डाक टिकट जारी किया था। इसके बाद वर्ष 2002 में दिल्ली के राष्ट्रीय स्टेडियम का नाम बदलकर मेजर ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम कर दिया गया था।

 

कैसे मनाया जाता है National Sports Day?

भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर खेल जगत में विशेष योगदान देने वाले लोगो तथा विभिन्न खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों और कोचों को राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय खेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड में मेजर ध्यान चंद्र खेल रत्न पुरस्कार, द्रोणाचार्य अवॉर्ड और अर्जुन पुरस्कार शामिल है। इसके आलावा खेल जगत में विशेष योगदान देने वाले लोगो और प्रशिक्षकों को भी सम्मानित किया जाता है।

इस खास मौके पर स्कूलों, कॉलेज और स्पोर्ट्स काम्प्लेक्सों में भी स्पोर्ट्स डे मनाया जाता है और विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है जिसमें जीतने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है।

 

राष्ट्रीय खेल दिवस 2023 की थीम (National Sports Day Theme)

इस साल 2023 में राष्ट्रीय खेल दिवस मंगलवार, 29 अगस्त को मनाया जा रहा है। आमतौर पर National Sports Day of india एक ख़ास Theme पर आधारित होता है, इस साल 2023 की थीम “खेल एक समावेशी और फिट समाज के लिए एक समर्थक के रूप में” (Sports as an enabler, for an inclusive and fit society) है। वर्ष 2020 की थीम ‘Making Play and Fitness Gender-Sensitive‘ बतायी जाती है। लेकिन 2022 और 2021 की थीम के बारे में जानकारी नहीं है।

 

खेल जगत में दिए जाने वाले राष्ट्रीय खेल पुरस्कार?

अर्जुन पुरस्कार: अर्जुन अवार्ड राष्ट्रपति द्वारा खिलाड़ियों के पिछले 3 सालों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए दिया जाता है। इसमें अर्जुन की कांस्य प्रतिमा, पारंपरिक पोशाक, एक प्रशस्ति पत्र और 15 लाख़ रुपए की धनराशि दी जाती है। यह सबसे पहला और पुराना पुरस्कार है जिसकी शुरूआत 1961 से हुई, जो प्रतिवर्ष 15 खिलाड़ियों को दिया जाता है।

 

ध्यानचंद्र खेल रत्न पुरस्कार: खेलों के क्षेत्र में मेजर ध्यान चंद्र खेल रत्न पुरस्कार (पूर्व राजीव गांधी खेल रत्न) भारत में खिलाड़ियों को दिया जाने वाला सबसे बड़ा खेल पुरस्कार है। इसके लिए खिलाड़ियों का चयन खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति करती है।

इस दौरान खिलाड़ियों के पिछले 4 साल के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन को देखा जाता है। खेल रत्न पुरस्कार के तहत एक पदक, प्रशस्ति पत्र और ₹25 लाख़ की नगद राशि प्रदान की जाती है।

 

द्रोणाचार्य अवॉर्ड: यह पुरस्कार खिलाड़ियों या टीम को प्रशिक्षण देने वाले कोच को दिया जाता है, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी टीम या खिलाड़ी का प्रदर्शन देखा जाता है। द्रोणाचार्य पुरस्कार के तहत एक कांस्य प्रतिमा, औपचारिक पोशाक, प्रमाण पत्र और 10 लाख़ रुपए की सम्मान राशि दी जाती हैं। यह 1985 में अस्तित्व में आया था।

 

 

अंतिम शब्द

आज देश के खिलाड़ी ओलंपिक और कॉमनवेल्थ जैसे गेमों में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए देश का नाम रोशन कर रहे हैं ऐसे में इस ख़ास अवसर पर हमें सभी खिलाड़ियों और एथलीट्स को विशेष सम्मान देना चाहिए ताकि उनके भीतर उत्साह और महत्वाकांक्षा हमेशा बनी रहे।
सभी खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं (Happy Sports Day)