अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस – 16 नवंबर 2024

International Tolerance Day 2024: हर साल 16 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस मनाया जाता हैं जिसका उद्देश्य सहिष्णुता और अहिंसा की भावना को बढ़ावा देना है।

सहिष्णुता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

International Tolerance Day: दुनियाभर में हर साल 16 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस मनाया जाता हैं, इसकी शुरूआत दुनिया भर में समानता और विविधता को प्रोत्साहित करने के मकसद से वर्ष 1996 में यूनाइटेड नेशनस जनरल असेंबली द्वारा की गयी थी। इस साल 2024 में सहिष्णुता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस शनिवार, 16 नवंबर को मनाया जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के मौके पर सहिष्णुता और अहिंसा को बढ़ावा देने के लिए यूनेस्को-मदनजीत सिंह पुरस्कार भी वितरित किया जाता है, जिसके विजेता को $1 लाख़ की पुरस्कार राशि दी जाती है। आइए अब आपको अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस क्यों मनाया जाता है? इसके विषय और इतिहास के बारे में बताते है।

अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस 2024
अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस 2024
इंटरनेशनल डे फॉर टॉलरेंस के बारे में जानकारी:
नाम:अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस
शुरूआत:वर्ष 1995 में
तिथि:16 नवम्बर (वार्षिक)
उद्देश्य:दुनियाभर को सहिष्णुता और अहिंसा के महत्व को समझाना
कैम्पेन:#IAmAntiRacist
सम्बंधित संस्था:UN, UNESCO

 

अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस की शुरूआत कैसे हुई? (इतिहास)

वर्ष 1996 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा संकल्प 51/95 को अपनाते हुए इसके सदस्य देशों को प्रति वर्ष 16 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस मनाने की घोषणा की गई थी, तभी से UNESCO द्वारा हर साल इसे व्यापक स्तर पर मनाया जाता है। हालांकि यह यह यूनेस्को की पहल है जो 1993 की संयुक्त राष्ट्र महासभा में स्वीकृत, संयुक्त राष्ट्र सहिष्णुता वर्ष 1995 की उद्घोषणा का पालन करती है।

वर्ल्ड टॉलरेंस डे की शुरूआत 16 नवंबर 1995 को यूनेस्को के सदस्य देशों द्वारा सहिष्णुता पर सिद्धांतों की घोषणा को अपनाने के बाद की गई। जो इस बात की पुष्टि करता है कि सहिष्णुता न तो भोग है और न ही उदासीनता है। आपको बता दें कि साल 1995 को ‘संयुक्त राष्ट्र सहिष्णुता वर्ष’ के रूप में घोषित किया गया था।


International Day for Tolerance 2024
International Day for Tolerance 2024

मुझे सहिष्णुता शब्द पसंद नहीं है,
लेकिन मैं इससे बेहतर के बारे में नहीं सोच सकता था।
-महात्मा गांधी

 

सहिष्णुता दिवस पर मदनजीत सिंह पुरस्कार (यूनेस्को)

वर्ष 1995 में, संयुक्त राष्ट्र के सहिष्णुता वर्ष और महात्मा गांधी जी की 125वीं जयंती पर, यूनेस्को ने सहिष्णुता और अहिंसा को बढ़ावा देने के लिए यूनेस्को-मदनजीत सिंह पुरस्कार की स्थापना की। यह पुरस्कार विज्ञान, कला, संस्कृति या संचार के क्षेत्र में सहिष्णुता और अहिंसा की भावना को बढ़ावा देने वाली महत्वपूर्ण गतिविधियों को सम्मानित करता है। इसका उद्देश्य मानवता में बौद्धिक और नैतिक एकता के आधार पर शांति स्थापित करना है।

यह पुरस्कार मदनजीत सिंह के नाम पर है, जो यूनेस्को के सद्भावना राजदूत, भारतीय कलाकार, लेखक और राजनयिक थे। 16 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर सहिष्णुता के लिए हर दो साल में दिया जाता है। पुरस्कार सहिष्णुता और अहिंसा के लिए विशेष रूप से सराहनीय और प्रभावी तरीके से योगदान करने वाले संस्थानों, संगठनों या व्यक्तियों को दिया जा सकता है, इसमें पुरस्कार स्वरूप एक लाख़ डॉलर की राशि दी जाती है।

साल 2022 में यह पुरस्कार NGOs #अफ्रोगिवनेस और पॉजिटिव यूथ्स अफ्रीका की अध्यक्ष, कैमरून की ‘फ्रैंका मा-इह सुलेम योंग‘ को दिया गया है।


कोई भी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से उसकी त्वचा के रंग, या उसकी पृष्ठभूमि, या उसके धर्म के कारण घृणा करने के लिए पैदा नहीं होता है।
-नेल्सन मंडेला

 

इंटरनेशनल डे ऑफ़ टॉलरेंस क्यों मनाया जाता है? (उद्देश्य)

सहिष्णुता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस को संयुक्त राष्ट्र संस्कृतियों और लोगों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देते हुए सहिष्णुता को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। साथ ही विश्व स्तर पर समानता और विविधता को प्रोत्साहित करना भी इसे मनाए जाने के मुख्य उद्देश्यों में से एक है।

बढ़ते हिंसक चरमपंथ के इस युग में यह कहीं अधिक महत्वपूर्ण है और मानव जीवन के लिए एक बुनियादी उपेक्षा की विशेषता है। ऐसे में इस दिन की अनिवार्यता बढ़ जाती है।


सहिष्णुता का अर्थ और इसकी भावना क्या है?

‘सहिष्णुता’ यानी ‘सहनशीलता’। यह गुण लोगों को शांतिपूर्वक एक साथ रहने में मदद करता है। सहनशील लोग दूसरों की राय को स्वीकार करते हैं और उनकी बात सुनते हैं। उनमें वह ताकत होती है जो विभिन्न विचारों और दृष्टिकोणों से समझौता कर सकती है।


 

इंटरनेशनल डे फॉर टॉलरेंस 2024 थीम (विषय)

हर साल, इंटरनेशनल डे फॉर टॉलरेंस एक ख़ास थीम के तहत मनाया जाता है, इस वर्ष का विषय या आदर्श वाक्य “Tolerance is respect, acceptance, and appreciation of the rich diversity of our world’s cultures, forms of expression, and ways of being human” है, जिसे हिंदी में “सहिष्णुता हमारी दुनिया की संस्कृतियों की समृद्ध विविधता, अभिव्यक्ति के रूपों और मानव होने के तरीकों का सम्मान, स्वीकृति और प्रशंसा है” कहा जा सकता है।


 

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