विश्व शौचालय दिवस 2022: टॉयलेट डे की थीम, इतिहास और महत्व

World Toilet Day 2022: कब, क्यों और कैसे मनाते है विश्व शौचालय दिवस? टॉयलेट का महत्व और Theme

Vishva Shauchalaya Diwas 2022: अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को शौचालय के महत्व को समझाने के लिए हर साल 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) मनाया जाता है। इस बार 2022 में वर्ल्ड टॉयलेट डे शनिवार, 19 नवंबर को मनाया जा रहा है।

संडास दिवस ऐसे लोगों में जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है, जिनके पास अब भी शौचालय नहीं है, जो कि आज हर व्यक्ति का मूलभूत अधिकार है और आपको स्वस्थ रखने में काफी सहायता करता है।

World Toilet Day 2022 in Hindi
World Toilet Day 2022 in Hindi
इंटरनेशनल टॉयलेट डे के बारे में जानकारी:
नाम:विश्व शौचालय दिवस
शुरूआत:वर्ष 2013 में
तिथि:19 नवम्बर (वार्षिक)
उद्देश्य:दुनियाभर के लोगों को शौचालय के महत्व को समझाना
थीम:सैनिटेशन एंड ग्राउंड वाटर
कैम्पेन:मेकिंग इनविज़िबल विज़िबल
सम्बंधित संस्था:वर्ल्ड टॉयलेट ऑर्गेनाइजेशन, WHO, UN

 

विश्व शौचालय दिवस की शुरूआत कैसे हुई? (इतिहास)

वर्ल्ड टॉयलेट डे की स्थापना 19 नवंबर 2001 को, सिंगापुर के एक परोपकारी व्यक्ति ‘जैक सिम‘ द्वारा विश्व शौचालय संगठन (WTO) की स्थापना की गई थी। हालांकि बाद में इसे 2013 में संयुक्त राष्ट्र संगठन द्वारा आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र विश्व शौचालय दिवस घोषित किया गया।

डब्ल्यूटीओ ने सार्वजनिक संदेश देने में आसानी के लिए और इस दिन को मनाने के लिए “विश्व शौचालय दिवस” (World Toilet Day”) नाम चुना “World Sanitation Day” “विश्व स्वच्छता दिवस” नहीं। वैसे भी, शौचालय स्वच्छता प्रणालियों का पहला चरण है।


WTO क्या है?
WTO की फुल फॉर्म World Toilet Organisation (विश्व शौचालय संगठन) है यह एक इंटरनेशनल नॉनप्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है, जो दुनिया भर में स्वच्छता और शौचालय से संबंधित विषयों पर काम करती है।

 

वर्ल्ड टॉयलेट डे क्यों मनाया जाता है?

विश्व शौचालय दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को खुले में शौच करने से रोकना और शौचालय के मानव अधिकार को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना और समझाना है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय शौचालय दिवस मनाए जाने का मुख्य कारण स्वच्छता, स्वास्थ्य और सुरक्षा की नीति को मजबूत करना है और खुले में शौच करने से होने वाले नुकसान से दुनिया को आगाह करना है।

खुले में शौच जाने के कारण महिलाओं के यौन शोषण में आई वृद्धि को समाप्त करना और खुले में शौच से फैलने वाली अस्वछता से होने होने वाले संक्रमणों से बचाव के उद्देश्यों से विश्व स्तर पर वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाया जाता है।

आपको बता दें की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी स्वतंत्रता से ज्यादा स्वछता पर जोर देते थे। वे स्वछता को ही सेवा समझते थे, भारत में भी स्वछता को लेकर बहुत से अभियान चलाए जा रहे है।

यह भी पढ़े: 19 नवंबर: इंदिरा गाँधी जयंती

 

विश्व शौचालय दिवस की थीम (World Toilet Day 2022 Theme In Hindi)

विश्व शौचालय दिवस 2022 की थीम “स्वच्छता और भूजल” (Sanitation and Groundwater) है, यह विषय भूजल पर स्वच्छता संकट के प्रभाव पर केंद्रित है। इसके आलावा 2022 का अभियान है ‘अदृश्य को दृश्यमान बनाना‘ (Making the invisible visible) जो अपर्याप्त स्वच्छता प्रणाली के चलते मानव अपशिष्ट के नदियों, झीलों और मिट्टी में फैलने से भूमिगत जल संसाधनों के प्रदूषित होने पर केन्द्रित हैं।

पिछली साल अन्तर्राष्ट्रीय टॉयलेट दिवस 2021 की थीम “Valuing Toilets” (शौचालयों का महत्व) रखी गई थी, इस अभियान का मकसद दुनिया के कई हिस्सों में शौचालयों की जरूरत को नजरअंदाज करने तथा इससे स्वास्थ्य, अर्थशास्त्र और पर्यावरण पर होने वाले विनाशकारी परिणामों को रेखांकित करना हैं।

वर्ष 2016 से, विश्व जल विकास रिपोर्ट के आधार पर, विश्व शौचालय दिवस और विश्व जल दिवस दोनों के लिए एक ही समग्र वार्षिक थीम का उपयोग किया गया है।

 

विश्व शौचालय दिवस की पिछली सभी Themes:
YearWorld Toilet Day Theme
2021Valuing Toilets
2020Sustainable Sanitation and Climate Change
2019Leaving No One Behind
2018Nature-based solutions (slogan: When Nature calls)
2017Wastewater
2016Toilets and jobs
2015Toilets and nutrition
2014Equality and dignity
2013Tourism and water
2012I give a shit, do you? (slogan)

यहाँ देखें: विश्व एड्स दिवस 2022: वर्ल्ड एड्स डे कब, क्यों कैसे मनाते है?

 

शौचालय का महत्व (Importance of Toilet in Hindi)

आज भारत समेत विश्वभर में स्वच्छता पर काफी जोर दिया जा रहा है, जिसका संबंध सीधा टॉयलेट (Toilet) से है जिसके होने से स्वच्छता और निजता दोनों का अभाव नहीं होता।

WHO/UNICEF संयुक्त निगरानी कार्यक्रम (JMP) की रिपोर्ट के अनुसार, आज भी 360 करोड़ लोग टॉयलेट से वंचित है, ऐसे में सरकारों को चार गुना तेजी से काम करना चाहिए और 2030 तक सभी के लिए शौचालय सुनिश्चित करना चाहिए।

 

स्वच्छता:

शौचालय में शौच करने से आसपास का माहौल स्वच्छ रहता है जिससे आप प्रकृति को खुलकर महसूस कर सकते हैं। शौचालय ना होने पर खुले में शौच करने से वातावरण दूषित होता है, साथ ही बदबू से आप वहां की सुंदरता को देखे बिना ही नाक बंद करके तेजी से निकल जाते हैं।

पर्यावरण में स्वच्छता के अभाव के कारण सांस लेने में दिक्कत होती है और प्रकृति की सुंदरता में भी कमी आती है।

 

स्वास्थ्य:

शौचालय में शौच करने से स्वच्छता के कारण आप कई भयंकर महामारी और बीमारियों से बचे रहते हैं, एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में 5 लाख 26 हजार बच्चे (जिनकी आयु 5 साल से कम थी) अस्वच्छता, गंदगी और दूषित पानी की वजह से मर गए।

वहीं 2016 में WASHwatch की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ असुरक्षित जल और स्वच्छता के आभाव के कारण दस्त की बीमारी से हर साल 315,000 बच्चे अपनी जान गवा देते है।

शौचालय छोड़ खुले में शौच जाने से उल्टी-दस्त, हैजा तपेदिक डायरिया जैसी घातक बीमारियां अपने पांव पसारती हैं।

 

सुरक्षा:

देश में सुरक्षा एक अहम मुद्दा है जब आप अपने घर की महिलाओं को खुले में शौच के लिए भेजते हैं तो आप उनसे गोपनीयता का अधिकार छीन लेते हैं।

खुले में शौच करना उनके लिए एक शर्म वाली बात है, साथ ही उन्हें शौच के लिए अँधेरे का इंतजार करना पड़ता है तथा कई महिलाएं खुले में शौच के कारण यौन उत्पीड़न का भी शिकार हो चुकी हैं।

इतना ही नहीं खुले में शौच जाने से जानवरों, कीड़े-मकोड़े और सांप जैसे जानलेवा जीव के काटने का डर हमेशा बना रहता है, जिससे बच्चों को भी काफी असुविधा होती है।

यहाँ देखें: अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस कब, क्यों और कैसे मनाते है? जानिए थीम और इतिहास

 

अंतर्राष्ट्रीय टॉयलेट दिवस कैसे मनाया जाता है? (World Toilet Day is Celebration)

विश्व टॉयलेट दिवस के मौके पर देश में स्वच्छता और शौचालय के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन कई जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं, संयुक्त राष्ट्र संगठन के सभी देश इस दिन को काफी उत्साह के साथ मनाते हैं।

भारत में दिल्ली के शौचालय संग्रहालय में इस दिन खास कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, अब तक भारत सरकार और संगठनों के प्रयासों से देश में शौचालयों की संख्या में काफी सुधार देखने को मिला है।

साल 2018 में World Toilet Day के Event में Digital Solutions को बढ़ावा देने के लिए घाना में ‘हैकथॉन’ जैसी विविध गतिविधियों को शामिल किया गया था। इसके आलावा कनाडा में बॉलीवुड फिल्म टॉयलेट: एक प्रेम कथा (अंग्रेजी में – Toilet: A Love Story) की स्क्रीनिंग और चर्चा तथा भारत में एक स्कूल ड्रॉइंग प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी।

वहीं साल 2019 में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसका शीर्षक “खाद प्रबंधन – युवा कौन सिखा सकता है!” था। इसी के साथ आयरलैंड में भी कला प्रतिष्ठान के रूप में “थिंक बिफोर यू फ्लश” विषय के तहत इस दिन को सेलिब्रेट किया गया था।

मध्य प्रदेश (भारत) में ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान “सभी के लिए शौचालय” (Toilets for all Campaign) चलाया जा रहा है।

 

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