गणतंत्र दिवस 2024: 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? (इतिहास और मुख्य अतिथि)

वर्ष 1950 में 26 जनवरी को भारत का संविधान लागू किए जाने और इसके लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने के इस ख़ास दिन को हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल 2024 में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।

Republic Day 2024: गणतंत्र दिवस कब और क्यों मनाते है? मुख्य अतिथि, बीटिंग रिट्रीट और इतिहास

इंडियन रिपब्लिक डे 2024: 26 जनवरी की तारीख को भारतीय इतिहास में इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसी दिन सन् 1950 में भारत का संविधान (Constitution) अस्तित्व में आया और भारत को एक गणतांत्रिक देश घोषित किया गया। इस साल 2024 में हम गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ मना रहे है।

गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है, और इस दिन सरकारी अवकाश होता है। इस मौके पर इंडिया गेट के समीप कर्तव्य पथ पर ध्वजारोहण किए जाने के बाद भारत सरकार और राज्यों की झांकियां निकलती है, झांकियों के जरिए कला, संस्कृति और विभिन्न योजनाओं को प्रदर्शित किया जाता है। भारतीय सेना द्वारा अस्त्र-शस्त्रों तथा आकाश में एयर शो का भी प्रदर्शन किया जाता है।

Happy Republic Day Images 2024
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Gantantra Diwas Information in Hindi
नाम:गणतंत्र दिवस
तिथि:26 जनवरी (वार्षिक)
क्यों:भारत का संविधान लागू हुआ
पहली बार:26 जनवरी 1950
मुख्य अतिथि:जो बाइडन (अमेरिका के राष्ट्रपति)

 

26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?

26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत संपूर्ण और स्वतंत्र गणतांत्रिक देश बना, इसी ख़ुशी में देशभर में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है। 26 जनवरी की तारीख को संविधान लागू करने के लिए इसलिए भी चुना गया, क्योंकि वर्ष 1929 के प्रसिद्ध लाहौर अधिवेशन में हुए फैसले के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 26 जनवरी 1930 के दिन भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।

इसी अधिवेशन में 26 जनवरी 1930 को पूरे राष्ट्र में स्वतंत्रता दिवस मनाने का भी निश्चय किया गया था, 15 अगस्त 1947 को देश की आज़ादी से पहले हर साल 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था जिसे ‘पूर्ण स्वराज दिवस‘ भी कहा जाता है।

Gantantra Diwas Ki Hardik Shubhkamnaye Photo
Gantantra Diwas Ki Hardik Shubhkamnaye Photo

 

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास क्या है?

26 जनवरी 1950 का दिन भारतीय इतिहास में भारत के पूर्ण गणतंत्र एवं लोकतांत्रिक देश बनने का प्रमाण देता है, यही वह दिन है जब भारत सरकार अधिनियम (1935) को प्रतिस्थापित कर भारतीय संविधान को लागू किया गया और डॉ राजेंद्र प्रसाद के रूप में आजाद भारत को अपना पहला राष्ट्रपति मिला।

भारत को ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिलने के साथ ही संविधान निर्माता यहाँ के संविधान की रूपरेखा तैयार करने में जुट गए थे। संविधान निर्माण की प्रक्रिया में ‘2 वर्ष 11 महीना 18 दिन‘ का समय लगा। भारतीय संविधान के वास्तुकार माने जाने वाले ‘डॉ भीमराव अंबेडकर’ प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे।

भारतीय संविधान के निर्माताओं ने विश्व के सभी देशों के संविधान के अच्छे लक्षणों को अपने संविधान में आत्मसात करने का प्रयास किया है। आपको बताते चले कि भारतीय संविधान 26 नवम्बर 1949 को ही बनकर तैयार हो गया था इसलिए इस दिन को भारतीय संविधान दिवस या राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अंततः गहन विचार-विमर्श और कुछ महत्वपूर्ण संशोधनों के बाद, आखिरकार 24 जनवरी 1950 को भारतीय विधानसभा के 308 सदस्यों द्वारा भारत के संविधान कि हस्तलिखित प्रतियों (जो हिंदी और अंग्रेजी में है) पर हस्ताक्षर किए। और दो दिन बाद 26 जनवरी को, यह पूरे देश में लागू कर दिया गया।

भारतीय संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन पूर्ण स्वराज दिवस (26 जनवरी 1930) को ध्यान में रखते हुए चुना गया था।

 

26 जनवरी को रिपब्लिक डे कैसे मनाते है? (Republic Day Celebration in India)

26 जनवरी को रिपब्लिक डे के दिन दिल्ली के राजपथ (राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक) पर भव्य परेड का आयोजन होता है, कार्यक्रम कि शुरुआत वॉर मेमोरियल स्थित अमर जवान ज्योति (जो पहले इंडिया गेट पर थी) पर देश के प्रधानमंत्री द्वारा पुष्पमाला भेंट कर की जाती है।

देश के राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा झंड़ा फहराया जाता है और राष्ट्रगान गाया जाता है, राष्ट्रपति परेड के दौरान तीनों सेनाओं की सलामी लेते हैं इसके बाद कला प्रदर्शन होता है। राजपथ पर भारतीय सेनाओं के जवान एक से बढ़कर एक करतब दिखाते हैं और रंगारग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है।

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं फोटो
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं फोटो

 

इस मौके पर शहीदों को सम्मानित किया जाता है और देश के बहादुर बच्चों को अवॉर्ड भी दिए जाते हैं और कुछ महत्वपूर्ण मेडल जैसे महावीर चक्र, परम वीर चक्र, अशोक चक्र, वीर चक्र आदि वितरित किए जाते है। देश को गौरवशाली गणतंत्र राष्ट्र बनाने में देश के शाहिदों ने अपना बलिदान दिया था, इसलिए भारत माता के इन वीर सपूतों को भी याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।

 

बीटिंग रिट्रीट या समापन समारोह (Beating Retreat Ceremony)

गणतंत्र दिवस का समापन समारोह काफी खास होता है जिसे ‘बीटिंग रिट्रीट‘ कहा जाता है, राष्ट्रपति भवन के पास विजय चौक पर होने वाली बैटिंग रिट्रीट सेरेमनी हर साल 29 जनवरी को आयोजित की जाती है जिसमें भारत की सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। साथ ही रायसीना हिल्‍स पर सेना की तीन विंगों के बैंडों का प्रदर्शन भी होता हैं।

भारतीय तिरंगा झंडा राष्ट्रीय ध्वज
भारतीय तिरंगा झंडा राष्ट्रीय ध्वज

 

भारत का पहला रिपब्लिक डे कैसे मनाया गया?

भारत का पहला रिपब्लिक डे आज से काफी ज्यादा अलग था, उस समय राष्ट्रपति आज की तरह बड़ी-बड़ी बुलेट प्रूफ गाड़ियों में नहीं बल्कि राजा महाराजाओं की तरह घोड़ा गाड़ी में आया करते थे।

  • 26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 बजे भारत को गणतंत्र घोषित कर दिया गया।
  • समारोह से ठीक पहले ही डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।
  • इस मौके पर भारत के पहले राष्ट्रपति ‘डॉ राजेंद्र प्रसाद‘ को 31 सिपाहियों ने 31 बन्दूको की सलामी दी थी।
  • शुरुआत से ही इस समारोह में मुख्य अतिथियों की मौजूदगी रही है, पहली Republic Day Parade में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ‘सुकरणों‘ मुख्य अतिथि बनकर आए थे।
  • पहली रिपब्लिक डे परेड राजपथ या विजय चौक पर नहीं बल्कि ‘इरविन स्टेडियम‘ (अब नेशनल स्टेडियम) में हुई थी। जहाँ इस परेड को देखने लगभग 15000 लोग पहुंचे थे।

 

गणतंत्र दिवस 2024 परेड के मुख्य अतिथि कौन है?

इस साल 26 जनवरी 2024 को होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ‘जो बाइडन’ (Joe Biden) शामिल होंगे। उन्हें 2023 में भारत की अध्यक्षता में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान आमंत्रित किया गया था।


पिछली साल 2023 के समारोह में इजिप्ट (मिस्र) के राष्ट्रपति ‘अब्देल फतेह अल सिसी‘ (Abdel Fattah El-Sisi) ने चीफ गेस्ट के रूप में शिरकत की थी। 2022 में कोरोना महामारी के चलते 73वें गणतंत्र दिवस की परेड में बतौर मुख्य अतिथि (Chief Guest) कोई विदेशी मेहमान शामिल नहीं हुआ इससे पहले साल 2021 में ब्रिटेन में तेजी से फैलते कोरोना के नए स्ट्रेन के कारण ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ‘बोरिस जॉनसन‘ 26 जनवरी के समारोह में शामिल नहीं हो सके थे। आपको बताते चलें कि 2021 में ऐसा चौथी बार हुआ था जब रिपब्लिक डे परेड में कोई मुख्य अतिथि शामिल नहीं होगा इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में ऐसा हो चुका है।


रिपब्लिक डे सेरेमनी में शुरू से ही चीफ गेस्ट को शामिल किए जाने का रिवाज़ रहा है, जिस तरह प्रथम गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ‘सुकरणों‘ को बुलाया गया था।

उसी प्रकार वर्ष 2019 में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ‘सिरिल रामाफोसा‘ को न्योता दिया गया था, और 2020 में 71वें गणतंत्र दिवस परेड में ब्राजील के राष्ट्रपति ‘जेअर बोल्सोनारो‘ (Jair Bolsonaro) मुख्य अतिथि थे।

 

 

26 जनवरी को झंडा कौन फहराता है?

26 जनवरी को भारत के राष्ट्रपति झंडा फहराते है, इस बार 2024 में 74वें गणतंत्र दिवस पर भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी राजपथ (जो अब कर्तव्य पथ हो गया है) पर दूसरी बार तिरंगा फहरायेंगी। डॉ. राजेंद्र प्रसाद 26 जनवरी 1950 को इस मौके पर झंडा फहराने वाले देश के पहले राष्ट्रपति थे।

 

गणतंत्र का मतलब क्या होता है?

गणतंत्र दो शब्दों से मिलकर बना है गण + तंत्र, जहां गण का मतलब है समूह और तंत्र का शाब्दिक अर्थ है ढांचा, प्रणाली या व्यवस्था। अगर इसे किसी देश के गणतन्त्र के संदर्भ में देखें तो गण का अर्थ होगा जनता या नागरिकों का समूह और तंत्र का अर्थ होगा शासन, आथार्त ‘जनता का शासन‘ जिसे अंग्रेजी में रिपब्लिक (Republic) कहा जाता है।

 

 

अंतिम शब्द

भारत के राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस का दिन हर भारतीय के लिए बहुत गर्व का दिन है, जिसे हर सच्चा भारतीय पूरे उत्साह के साथ मनाता हैं। भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहाँ विविधता में एकता देखने को मिलती है, यहाँ विभिन्न जाति, समुदाय और धर्म के लोग एक साथ मिलकर प्रेम से रहते हैं।

आप सभी को HaxiTrick.com की तरफ से गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! Happy Republic Day