World Tiger Day 2023: अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस की थीम, इतिहास और महत्व

International Tiger Day कब और क्यों मनाया जाता है? थीम, इतिहास और महत्व

Global Tiger Day 2023: हर साल 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस मनाया जाता है यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाघों के संरक्षण के प्रति लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस साल वर्ष 2023 में 29 जुलाई को शनिवार के दिन हम 13वां ग्लोबल या वर्ल्ड टाइगर डे मनाने जा रहे हैं।

पिछली साल इस मौके पर नीली आंख वाली सफेद बाघिन (गीता) को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में गोरखपुर चिड़ियाघर में शिफ्ट किया गया था। यहाँ हम आपको World Tiger Day की Theme, History और Importance के बारे में बताते है तथा कुछ Photos भी साझा करते है।

International Tiger day 2023 in hindi
International Tiger day 2023 in hindi

 

Vishva Bagh Divas Information in Hindi
नामअंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस
अन्य नामविश्व बाघ दिवस या ग्लोबल टाइगर डे
तिथि29 जुलाई (वार्षिक)
शुरुआतवर्ष 2010 में
पहली बार29 जुलाई 2011
उद्देश्यबाघों का संरक्षण और उनकी परिस्थितियों में सुधार लाना

 

वर्ल्ड टाइगर डे का इतिहास? कैसे हुई इसकी शुरुआत

दुनिया भर में बाघों की तेजी से घटती आबादी और इसकी कुछ प्रजातियों के विलुप्त होने के कगार पर आ जाने के बाद वर्ष 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक शिखर सम्मेलन के दौरान 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (World Tiger Day) मनाने का फैसला लिया गया।

इस टाइगर समिट में बाघों की अधिक आबादी वाले 13 देशों ने हिस्सा लिया और वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया था।

हालंकि भारत ने इस लक्ष्य को 4 साल पहले 2018 में ही प्राप्त कर लिया है। वर्ष 2018 में एक अनुमान के अनुसार भारत में बाघों की संख्या 2967 से अधिक हो गई है।

 

वर्ष 2006 से ही भारत में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) हर 4 साल में पूरे भारत में बाघों की आबादी की गिनती करता है।

 

World Tiger Day 2023
World Tiger Day 2023

 

क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस?

वर्ल्ड टाइगर डे मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य बाघों की सुरक्षा और उनकी परिस्थितियों में बदलाव लाने का प्रयास करना है। इस मौके पर वन्यजीव प्रेमियों द्वारा दुनिया भर में बाघ संरक्षण संबंधित मुद्दों पर चर्चाएं और फंड इकट्ठा किया जाता है।

पृथ्वी पर जीवन और पर्यावरण को स्वस्थ बनाए रखने के लिए सभी जीव-जंतुओं व पेड़-पौधों के बीच संतुलन होना बेहद आवश्यक है। धरती पर टाइगर्स ऐसी प्रजातियों में शामिल हो गए हैं जो अब खत्म होने की कगार पर है ऐसे में इनकी संख्या बढ़ाने के लिए जागरूकता फैलाने का एक दिन तो होना ही चाहिए।

 

 

इंटरनेशनल टाइगर डे का महत्व (importance of Tiger Day)

पिछले 150 सालों में इनकी लगभग 95% आबादी समाप्त हो चुकी है, भारत में बाघों की केवल 5 प्रजातियां (साइबेरियन, इंडोचाइनीज, मलयन, सुमत्रन और बंगाल टाइगर) ही पाई जाती है इससे पहले यह संख्या आठ हुआ करती थी लेकिन बाली, जावन और कैस्पियन टाइगर जैसी प्रजातियां अब विलुप्त हो चुकी हैं।

इनके अवैध शिकार और व्यापार तथा इंसानों द्वारा जंगलों व वनो की तेजी से कटाई के कारण इनके आवास को पहुंची भारी क्षति इनके लुफ्त पर्याय होने के मुख्य कारणों में से है।

आज जलवायु परिवर्तन के कारण रॉयल बंगाल टाइगर का सबसे बड़ा आवास सुंदरवन बढ़ते समुंद्र स्तर की वजह से तेजी से सिकुड़ता जा रहा है।

 

विश्व बाघ दिवस 2023 थीम (International Tiger Day Theme)

वर्ष 2010 में विश्व बाघ दिवस की शुरुआत से ही इसे किसी ख़ास थीम के साथ मनाए जाने का रिवाज नहीं रहा है, हालांकि विभिन्न देश इस दिन को ख़ास बनाने के लिए एक ख़ास विषय और कैंपेन चुन सकते है। इस साल अंतरराष्ट्रीय टाइगर दिवस 2023 की थीम अभी घोषित नहीं की गई है। हालांकि इसके ‘Tx2 लक्ष्य‘ को दुनियाभर का समर्थन प्राप्त है।

अन्तराष्ट्रीय बाघ दिवस 2021 की Theme “उनकी उत्तरजीविता हमारे हाथों में है” (Their Survival is in our hands) थी।

 

 

बाघ किस देश का राष्ट्रीय पशु है?

बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है इसके अलावा यह बांग्लादेश मलेशिया और दक्षिण कोरिया का भी राष्ट्रीय पशु है। भारत ने अप्रैल 1973 में रॉयल बंगाल टाइगर को नेशनल एनिमल के रूप में घोषित किया था इससे पहले तक शेर (सिंह) भारत का राष्ट्रीय पशु हुआ करता था।

 

दुनिया में सबसे ज्यादा बाघ कहां पाए जाते हैं?

पूरे विश्व में पाए जाने वाले बाघों की लगभग 75% आबादी भारत में ही है, जो अनुमानित 2967 हैं। तो वहीं वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के अनुसार दुनियाभर में तकरीबन 3900 टाइगर्स ही बचे हैं।

बाघ एक खूंखार शिकारी जानवर है जिसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस (Panthera Tigris) है, यह बिल्ली की सबसे बड़ी प्रजाति मानी जाती है जो आमतौर पर अपना पेट भरने के लिए हिरण और जंगली सूअर जैसे जानवरों का शिकार करते हैं।

 

 

भारत में सबसे अधिक बाघ किस राज्य में है?

भारत के मध्यप्रदेश राज्य में सबसे ज्यादा बाघ पाए जाते हैं, इसीलिए इसे ‘टाइगर स्टेट‘ भी कहा जाता है। 2018 की जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश में टाइगरों की संख्या 526 है जो 2022 में 700 के आंकड़े को पार कर सकती है।

2018 की गणना के अनुसार मध्य प्रदेश (526), कर्नाटक (524), उत्तराखंड (442), महाराष्ट्र (312), तमिलनाडु (264), असम (190), केरल (190), उत्तर प्रदेश (173), राजस्थान (91), पश्चिम बंगाल (88), आंध्र प्रदेश (48), बिहार (31), अरुणाचल प्रदेश (29), ओडिशा (28), छत्तीसगढ़ (19), झारखंड (5) और गोवा में 3 बाघ है।

 

भारत में कुल कितने टाइगर रिजर्व है?

भारत में इनके संरक्षण के लिए 1973 में जब ‘प्रोजेक्ट टाइगर‘ लॉन्च किया गया, तब उस समय केवल आठ अभयारण्य ही थे। लेकिन 2022 में टाइगर रिजर्व की संख्या बढ़कर 53 हो गई है, राजस्थान का रामगढ़ विषधारी 52वां और छत्तीसगढ़ का गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान 53वां टाइगर रिजर्व है।

जिसमें 3568 वर्ग किलोमीटर में फैला आंध्र प्रदेश का नागार्जुनसागर-श्रीशैलम सबसे बड़ा और 1973 में स्थापित उत्तराखंड का जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क सबसे पहला Tiger Reserve है।