अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
इंटरनेशनल लिटरेसी डे 2024: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हर साल 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (World Literacy Day) मनाया जाता है, इसकी शुरुआत यूनेस्को द्वारा वर्ष 1966 में की गई थी जिसके बाद 8 सितंबर 1966 को इसे पहली बार मनाया गया। इस साल रविवार, 08 सितम्बर 2024 को 59वां साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है।
भारत और कई देशों में शिक्षा हर नागरिक का मौलिक अधिकार है ऐसे में सभी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करना इस दिन का खास उद्देश्य हो सकता है। भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा ‘सर्व शिक्षा अभियान‘ इस दिशा में एक सराहनीय कदम है। यहाँ अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस कब मनाया जाता है? इसकी थीम और शुभकामनाएं देने के लिए कुछ खास कोट्स साझा किए गए है।
ऐसा व्यक्ति जो किसी व्यक्तिगत भाषा को पढ़ने और लिखने में सक्षम होता है उसे ‘साक्षर’ माना जाता है। हालांकि भारत में अपना नाम लिख और पढ़ लेना ही साक्षरता की कैटेगरी में गिना जाने लगता है।
नाम: | अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day) |
पहली बार: | वर्ष 1966 में |
तिथि: | 08 सितंबर (वार्षिक) |
उद्देश्य: | लोगों को सम्मान और मानवाधिकारों के रूप में साक्षरता के महत्व की याद दिलाना। |
थीम: | प्रमोटिंग मल्टीलिंग्वल एजुकेशन: लिटरेसी फॉर म्यूचूअल अंडर्स्टैंडिंग एण्ड पीस |
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का इतिहास (स्थापना)
वर्ष 1965 में तेहरान (ईराक) में आयोजित निरक्षरता के उन्मूलन पर शिक्षा मंत्रियों के एक विश्व सम्मेलन में प्रतिवर्ष 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने की सिफारिश की गई थी। जिसे सितम्बर 1966 में यूनेस्को के 73वें सत्र में एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने अपना लिया।
इसके बाद संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) द्वारा 26 अक्टूबर 1966 को इसके 14वें आम सम्मेलन में प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर मनाए जाने की घोषणा की गई। इससे पहले तेहरान की सिफारिश के अनुसरण में कई सदस्य राज्यों ने 08 सितंबर 1966 को पहली बार वैश्विक स्तर पर साक्षरता दिवस मनाया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2003-2012 की अवधि को साक्षरता दशक (Literacy Decade) के रूप में घोषित किया गया है।
8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस क्यों मनाया जाता है?
विश्व साक्षरता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को साक्षर होने की ओर प्रेरित करना और हर किसी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करना तथा साक्षरता का प्रसार कर दुनिया के सभी लोगों को साक्षर बनाना है।
इसके आलावा लोगों को सम्मान और मानव अधिकार के रूप में साक्षरता के महत्व को समझाना और व्यस्क शिक्षा और साक्षरता दर को बढ़ावा देना भी इसका मकसद है।
21वीं सदी में लोग आज भी शिक्षा से वंचित है, UNESCO के अनुसार विश्व स्तर पर लगभग 77.1 करोड़ युवा व्यस्कों में आज भी साक्षरता कौशल की कमी है और 25 करोड़ बच्चे बुनियादी साक्षरता कौशल हासिल करने में विफल हो रहे हैं।
साक्षरता संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों और सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र के 2030 एजेंडे में से एक है।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2024 की थीम (विषय)
दुनिया भर में साक्षरता को बढ़ावा देने हेतु हर साल UNESCO द्वारा एक नया विषय (Theme) घोषित किया जाता है, इस साल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2024 की थीम ‘बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना: आपसी समझ और शांति के लिए साक्षरता’ (Promoting multilingual education: Literacy for mutual understanding and peace) है।
पिछली साल 2023 में Literacy Day की थीम ‘परिवर्तनशील दुनिया के लिए साक्षरता को बढ़ावा देना: टिकाऊ और शांतिपूर्ण समाजों की नींव का निर्माण करना’ (Promoting literacy for a world in transition: Building the foundation for sustainable and peaceful societies) है।
साल 2022 में इसे “ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेसेस” (Transforming Literacy Learning Spaces) विषय के साथ मनाया गया था, तो वहीं अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2021 की थीम “मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना” रखी गयी थी।
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस की पिछले 10 सालों की थीम:- 2011 – साक्षरता और स्वास्थ्य
- 2012 – साक्षरता और सशक्तिकरण
- 2013 – साक्षरता और शांति
- 2014 – 21वीं शताब्दी के लिए साक्षरता
- 2015 – साक्षरता और सतत समाज
- 2016 – अतीत पढ़ना, भविष्य लिखना
- 2017 – डिजिटल दुनिया में साक्षरता
- 2018 – साक्षरता और कौशल विकास
- 2019 – साक्षरता और बहुभाषावाद
- 2020 – COVID-19 संकट और उससे परे साक्षरता शिक्षण और शिक्षा
- 2021 – मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना
साक्षरता दिवस शुभकामना शायरी/उद्धरण ( Quotes in Hindi)
यहाँ विश्व साक्षरता दिवस के मौके पर लोगों को शिक्षित होने के महत्त्व को समझाने के लिए कुछ खास कोट्स (Quotes) और विचार (Thoughts) दिए गए हैं। आप इन वर्ड लिटरेसी डे शायरी Images को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ सोशल मीडिया और वाट्सएप स्टेटस के जरिए साझा करके उन्हें शुभकामनाएं दे सकते हैं।
विश्व साक्षरता दिवस हमें याद दिलाता है, कि शिक्षा हमारे समाज की मुख्य आवश्यकता है।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!ज्ञान के दीपक से ही हम अज्ञानता के अंधकार को दूर कर सकते हैं।
हैप्पी वर्ल्ड लिटरेसी डे!साक्षरता एक ऐसा हथियार है, जिससे समाज की बुराईयों का मुकाबला किया जा सकता है।
शिक्षित समाज विकास की दिशा में प्रगति करता है और उसके नागरिकों को सशक्त बनाता है।
शिक्षित व्यक्ति समाज की रौशनी होते हैं और अशिक्षित व्यक्ति उसका बोझ।
पढ़ाई से ही आत्मविश्वास बढ़ता है और सपने पूरे होते हैं।
पढ़ाई के माध्यम से हम अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
शिक्षा के बिना मनुष्य अधूरा होता है, जैसे जीवन के एक बड़े हिस्से की चुप्पी हो।
शब्दों का जादू वही कर सकता है जो पढ़ाई का माहिर होता है।
शिक्षा का मतलब आपके मस्तिष्क में जो कुछ नहीं है, उसे पाने की कला सीखना है।
ज्ञान एक ऐसी आवश्यकता है जिसे आपको कभी खोने नहीं देना चाहिए।
पढ़ाई के सफर में सफलता वही प्राप्त करता है, जो विचारों की सवारी करता है।
ज्ञान वो अमूल्य खजाना है, जिसे आपसे कोई नहीं छीन सकता।
कैसे मनाया जाता है वर्ल्ड लिटरेसी डे?
विश्व साक्षरता दिवस पर दुनिया भर के स्कूल, कॉलेजों और शैक्षिक संस्थानों में साक्षरता के महत्व पर समर्पित यह दिवस विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर मनाया जाता है।
इसके साथ ही इस दिन शिक्षा और साक्षरता को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं और गांव, शहरों में झुग्गी झोपड़ियों आदि में जाकर गरीब और निरक्षर लोगों और उनके बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
इस मौके पर यूनेस्को इंटरनेशनल लिटरेसी प्राइस सेरेमनी का आयोजन कर पुरस्कार वितरित करता है।
साक्षरता का महत्व क्या है?
साक्षरता लोगो को सशक्त और उन्हें समाज में पूरी तरह से भाग लेने में सक्षम बनाने के साथ ही उनकी आजीविका में सुधार करने में भी योगदान देती है। साक्षरता बेहतर जीवन जीने का एक महत्वपूर्ण जरिया हो सकता है।
साक्षरता हर व्यक्ति का अधिकार है साक्षरता ना केवल एक आम व्यक्ति को सम्मान दिलाती है बल्कि उसे आत्मनिर्भर बनाने का काम भी करती है। इसके साथ ही आप अपने अधिकारों को जान पाते हैं और अन्याय, ठगी जैसी घटनाओं का शिकार होने से भी बचे रहते हैं।
राष्ट्र और जग के उत्थान के लिए समाज के हर वर्ग के लोगों का साक्षर होना बेहद आवश्यक है, निरक्षरता मानव के विकास के लिए ही नहीं बल्कि इस दुनिया और उसके राष्ट्र के लिए भी एक अभिशाप से कम नहीं है।
भारत में साक्षरत दर कितनी है?
2011 में भारत सरकार के अधिकारिक जनगणना के अनुसार भारत की कुल साक्षरता दर 74.04% है। भारत का केरल राज्य 93% साक्षरता दर के साथ पहले स्थान पर है। तो वहीं बिहार 61.80% के साथ सबसे कम साक्षरता दर वाला राज्य है।
जानकारी के अनुसार फ़िनलैंड दुनिया का सबसे साक्षर देश है, तो वहीं नार्वे दुसरे, आइसलैंड तीसरे, डेनमार्क चौथे और स्वीडेन पांचवे स्थान पर हैं।