World Soil Day 2022: विश्व मृदा दिवस कब क्यों और कैसे मनाया जाता है? History, Theme और Importance
World Soil Day 2022: हर साल 5 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है, इसका मुख्य मकसद लोगों को स्वस्थ मिट्टी के महत्व के बारे में जागरूक करना है। जीवन को बनाए रखने वाली मिट्टी विभिन्न मात्राओं में मिश्रित कार्बनिक पदार्थों, खनिजों, व अन्य योगिकों से बनती है।
आज खेतों में किसानों द्वारा अत्याधिक रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाइयों का इस्तमाल किया जाता है जिसके फलस्वरूप मिट्टी के जैविक गुणों में कमी आ रही है और मिट्टी की उपजाऊ क्षमता घटती जा रही है। जो खाद्य सुरक्षा, पेड-पौधों के विकास, कीड़ों और जीवों के जीवन और आवास व मानव जाति के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है ऐसे में मिट्टी का संरक्षण काफी आवश्यक हो गया है।
World Soil Day 2022 In Hindi |
नाम: | विश्व मृदा दिवस |
शुरूआत: | 20 दिसंबर 2013 को UNGA द्वारा |
पहली बार: | 5 दिसंबर 2014 |
तिथि: | 05 दिसम्बर (वार्षिक) |
थीम (2022): | साइल, वेयर फूड़ बिगिन्स |
हैशटैग्स: | #Soils4Nutrition, #WorldSoilDay |
वर्ल्ड सॉइल डे की शुरूआत का इतिहास (History)
FAO सम्मेलन ने सर्वसम्मति से 20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें सत्र द्वारा विश्व मृदा दिवस को 5 दिसंबर को मनाने की घोषणा की गई। हालांकि अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ (IUSS) ने 2002 में ही यह दिवस मनाने की मांग की थी।
5 दिसंबर 2014 को पहला अन्तर्राष्ट्रीय मृदा दिवस ‘Soils, foundation for family farming’ थीम के साथ मनाया गया था। तो वहीं UNFAO ने वर्ष 2015 को संयुक्त राष्ट्र ‘अंतरराष्ट्रीय मृदा वर्ष’ के रूप में घोषित किया था।
खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने भी थाईलैंड के नेतृत्व में इस दिवस की औपचारिक स्थापना को वैश्विक जागरूकता बढ़ाने वाले मंच के रूप में समर्थन दिया था।
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विश्व मिट्टी दिवस क्यों मनाया जाता है? (उद्देश्य)
प्रतिवर्ष 5 दिसंबर को खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा विश्व मृदा दिवस बढती जनसंख्या के कारण मिट्टी के कटाव को कम करने की दिशा में काम करने, लोगों को मृदा स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने तथा संसाधन के रूप में मिट्टी के स्थायी प्रबंधन की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
मिट्टी दिवस के लिए 5 दिसंबर की तारीख को इसलिए चुना गया क्योंकि यह थाईलैंड के स्वर्गीय राजा ‘एच.एम भूमिबोल अदुल्यादेज‘ के जन्मदिन से मेल खाती है, वे इस पहल के मुख्य समर्थकों में से एक थे।
विश्व मृदा दिवस 2022 की थीम (World Soil Day Theme)
खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के मुताबिक इस बार विश्व मृदा दिवस 2022 की थीम “मिट्टी: जहां भोजन शुरू होता है” (Soils: where food begins) है। तो वहीं पिछली साल World Soil Day 2021 की Theme ‘Halt soil salinization, Boost soil productivity‘ (मृदा लवणीकरण को रोकें, मृदा उत्पादकता को बढ़ावा दें) थी। जिसका उद्देश्य मृदा प्रबंधन में बढ़ती चुनौतियों का समाधान करते हुए, मिट्टी के लवणीकरण से लड़ना है।
इससे पहले 2020 का विषय: Keep soil alive, protect soil biodiversity‘ (मिट्टी को जीवित रखें, मिट्टी की जैव विविधता की रक्षा करें) था।
World Soil Day Past Years Theme:
- वर्ष 2014 में पहले विश्व मिट्टी दिवस की थीम ‘मिट्टी, पारिवारिक खेती की नींव’ (Soils, foundation for family farming) थी।
- 2015: मिट्टी, जीवन के लिए एक ठोस आधार (Soils, a solid ground for life).
- 2016: ‘मिट्टी और दाल जीवन के लिए एक सहजीवन’ (Soils and pulses, a symbiosis for life)
- 2017: ‘ग्रह की देखभाल भूमि से शुरू होती है’ (Caring for the Planet Starts From The Ground)
- 2018: ‘मृदा प्रदूषण का समाधान हो’ (Be the solution to soil pollution)
- 2019: ‘मृदा कटाव रोके, हमारा भविष्य संवारे’ (Stop soil erosion, Save our future)
मिट्टी दिवस कैसे मनाया जाता है?
वैश्विक स्तर पर विश्व मृदा दिवस को फूड़ एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) द्वारा व्यापक तौर पर मिट्टी संरक्षण और इसकी थीम का पालन करते हुए मनाया जाता है। इस दौरान देश-विदेश में मिट्टी के महत्व और इसके बचाव के बारे में जागरूकता फैलाते हुए विभिन्न कार्यक्रमों और कांटेस्ट का आयोजन किया जाता है।
● 1 दिसंबर: विश्व एड्स दिवस
● 4 दिसंबर: नौसेना दिवस
● 7 दिसंबर: सशस्त्र सेना झंडा दिवस
● 15 दिसंबर: अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस
● 19 दिसंबर: गोवा मुक्ति दिवस
● 20 दिसंबर: अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस
● 22 दिसंबर: राष्ट्रीय गणित दिवस/श्रीनिवास रामानुजन जयंती
● 23 दिसंबर: किसान दिवस/चौधरी चरणसिंह जयंती
● 25 दिसंबर: सुशासन दिवस (अटल बिहारी वाजपेयी जयंती)
क्यों जरूरी है मिट्टी का बचाव (महत्व)
- मिट्टी पृथ्वी पर रहने वाले जैव विविधता के 25% से अधिक का घर है, पृथ्वी पर जितने लोग रहते हैं उससे कई ज्यादा अधिक जीवित प्राणी स्वस्थ मिट्टी में रहते हैं।
- मिट्टी में रहने वाले जीव पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए पूरे साल दिन रात काम करते हैं।
- हमारे भोजन का 95 फ़ीसदी भाग मिट्टी से ही आता है।
- मिट्टी में रहने वाले जीव कार्बन को स्टोर करने में मदद करते हैं।
- हर साल इस ग्रह की मिट्टी का लगभग 50% केंचुओं की आंतों से होकर गुजरता है।
आज दुनिया भर में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है जिससे पेड़ों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गयी है। पेड़ों की जड़ें मिट्टी को बांधकर रखती है जिससे बाढ़ या तेज बारिश आने पर मिट्टी पानी सोख लेती है।
परन्तु पेड़ों की कमी के चलते आज तेज बारिश आने पर मिट्टी पानी नहीं सोंख पाती जिसके फलस्वरूप बाढ़ जैसी आपदाएं तो आती ही है साथ में मिट्टी भी बहा ले जाती है।
मिट्टी के बह जाने से भारत और कई देशों के किनारे सिकुड़ते हुए दिखाई देते हैं और किसी भी बढ़ती जनसंख्या वाले देश के लिए जगह की आपूर्ति काफी जरूरी है इस तरह देश का सिकुड़ना चिंता का विषय है इसीलिए हमें मृदा संरक्षण की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।