Teacher’s Day 2022: शिक्षक दिवस कब, क्यों, और कैसें मनाया जाता है? कौन थे सर्वपल्ली राधाकृष्णन?
नेशनल टीचर्स डे 2022: भारत रत्न सम्मानित देश के पूर्व राष्ट्रपति और शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती पर उन्हें याद करते हुए हर साल 5 सितम्बर को भारत में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस (National Teacher’s Day) मनाया जाता है।
इस साल 2022 में हम 61वां राष्ट्रीय शिक्षक दिवस और सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की 135वीं जयंती मना रहे है। हमारे जीवन में गुरु का दर्जा भगवान के समान हैं गुरु ही हैं जो बच्चों को ज्ञान की राह दिखाते हैं और उन्हें उनके उज्जवल भविष्य के लिए तैयार करते हैं।
नाम: | राष्ट्रीय शिक्षक दिवस (National Teacher’s Day) |
स्मृति दिवस: | डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन |
तिथि: | 05 सितंबर (वार्षिक) |
पहली बार: | वर्ष 1962 |
उद्देश्य: | शिक्षकों और उनके महत्वपूर्ण कार्यों को सम्मानित करना। |
शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
जहाँ भारत में नेशनल टीचर्स डे 05 सितम्बर को मनाया जाता है तो वहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस (International Teacher’s Day) 5 अक्टूबर को मनाया जाता है, जिसकी घोषणा यूनेस्को ने वर्ष 1994 में की थी।
एक खास बात यह भी है कि अध्यापकों को समर्पित यह दिन विश्व के अधिकांश देशों में मनाया जाता है लेकिन इसके मनाए जाने के दिन अलग-अलग निर्धारित किए गए हैं।
भारत का पडोसी देश पाकिस्तान 5 अक्टूबर को टीचर्स डे मनाता जाता है, और चीन यह दिन 10 सितंबर को मनाता है।
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राष्ट्रीय शिक्षक दिवस की शुरूआत कब और कैसे हुई? (इतिहास)
वर्ष 1962 से ही हर साल 5 सितंबर को सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरूआत राधाकृष्णन जी के राष्ट्रपति बनाने के बाद उनके विद्यार्थियों और मित्रों के अनुरोध करने पर हुई, जब वे सब 5 सितंबर 1962 को उनके जन्मदिन को जश्न के रूप में मनाना चाहते है।
इस पर डॉ. राधाकृष्णन ने कहा कि मुझे उस समय ज्यादा खुशी होगी और मैं गर्व महसूस करूंगा, अगर मेरे जन्मदिन को भारत के शिक्षकों के लिए शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए।
वह अपने जन्मदिन को सभी शिक्षकों के सम्मान के लिए समर्पित करना चाहते थे और यह एहसास दिलाना चाहते थे कि शिक्षकों का इस दुनिया में कितना ज्यादा महत्व होता है।
Shikshak diwas 5 September 2022 Teachers Day |
टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है?
शिक्षक दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों के जीवन को सही दिशा देने वाले देश के सभी गुरूओं और उनके महत्वपूर्ण कार्यों को सम्मान देना तथा भावी पीढ़ियों के उज्जवल भविष्य के लिए शिक्षकों के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है।
इसके अलावा एक अनुशासित समाज और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करना भी इसका मुख्य मकसद हो सकता है।
यह दिन उन फेक गुरुओं, ढोंगी टीचरों और फर्जी अध्यापकों के लिए भी एक जागृति और चेतावनी का दिन है, जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
● 2 सितम्बर: विश्व नारियल दिवस
● 10 सितम्बर: आत्महत्या रोकथाम दिवस
● 14 सितम्बर: हिंदी दिवस
● 15 सितम्बर: इंजिनियर्स डे
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन कौन थे?
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी भारत के प्रसिद्ध शिक्षक, बड़े विद्वान, गहरी सोच व विश्वास वाले व्यक्ति होने के साथ ही भारतीय संस्कृति के संवाहक, एक महान दार्शनिक और प्रख्यात शिक्षाविद भी थे। उनका जन्म तमिलनाडु के चित्तूर जिले के तिरुतनी गाँव में 5 सितंबर 1888 को हुआ था।
वे देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति भी रह चुके है, इसके अलावा उन्हें वर्ष 1954 में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चूका है।
राजनीति में कदम रखने से पहले वे एक सम्मानित अकादमिक थे और कई कॉलेजों में प्रोफेसर भी रह चुके थे। अंततः दीर्घकालीन बिमारियों के कारण 17 अप्रैल 1975 को चेन्नई में डॉ. राधाकृष्णन का निधन हो गया।
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Teachers Day कैसे मनाया जाता है? (Celebration)
नेशनल टीचर्स डे को भारत में काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है, इस दिन सभी स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षिक संस्थानों में शिक्षकों के लिए मनोरंजक कार्यक्रमों तथा मजेदार गेम्स और नाटकों आदि का आयोजन किया जाता है।
इसके अलावा विद्यार्थी अपने पसंदीदा शिक्षकों को ख़ास उपहार (गिफ्ट) भेंट करते हैं तथा उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं।
इस दिन शिक्षकों को आराम दिया जाता है तथा स्कूल-कॉलेजों के सीनियर छात्र अपने पसंदीदा टीचरों की भूमिका निभाते हुए उनकी खूबियां बताते हैं, स्कूलों में छात्र अध्यापक बनकर उनकी वेशभूषा धारण करके विद्यालयों में पहुंचते हैं।
पूरे दिन कोशिश की जाती है कि शिक्षको का ध्यान रखा जाए और उन्हें खुशियां और दिल से आदर-सम्मान दिया जाए।
शिक्षक का महत्व (Importance of Teachers Day In Hindi)
किसी भी व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, शिक्षक समाज के उन आदर्श व्यक्तियों में से एक है जिनके कंधों पर देश के भविष्य को उज्जवल बनाने का दारोमदार होता है। एक अच्छा टीचर ही एक सभ्य समाज का निर्माता हो सकता है।
अध्यापकों का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होना चाहिए क्योकि, हमारी जिंदगी को सही आकार देने में इनका बहुत बड़ा हाथ है। वे गुरु ही है जो हमारे प्रथम मार्गदर्शक होते और हमें अनुशासित जीवन जीना सिखाते है, जिससे हम सही-गलत में भेद कर पाते हैं।
अपने गुरु या अध्यापकों से मिली शिक्षा के बदौलत ही हमारा मार्गदर्शन होता है और हम एक सभ्य और संपूर्ण मनुष्य बनते हैं। उनके द्वारा दिए गए ज्ञान रूपी प्रकाश से ही हम समाज के अंधकार को दूर कर सकते हैं।
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राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पहली बार कब मनाया गया था?
भारत में पहली बार वर्ष 1962 में 5 सितंबर को देश के पूर्व राष्ट्रपति और एक प्रसिद्ध शिक्षक तथा शिक्षा के प्रवर्तक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया गया था।
भारत की पहली महिला शिक्षिका कौन थी?
सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका के तौर पर जानी जाती हैं। उन्होंने बालिका शिक्षा पर जोर देने के साथ ही उनके लिए विद्यालय खोलने की भी शुरूआत की और समाज में फैली कई कुरीतियों का डटकर सामना किया।