विश्व नारियल दिवस 2024: जानें इस साल की थीम और इतिहास!

World Coconut Day 2024: प्रतिवर्ष 2 सितम्बर को भारत समेत सभी नारियल उत्पादक देश एशिया प्रशांत नारियल समुदाय (APCC) की स्थापना के उपलक्ष्य में विश्व नारियल दिवस मनाते है। आइए इस साल की थीम और इसके इतिहास के बारे में विस्तार से जानते है।

World Coconut Day 2024: विश्व नारियल दिवस कब और क्यों मनाते है? Theme और History

World Coconut Day 2024: हर साल 2 सितंबर को भारत सहित सभी प्रमुख नारियल उत्पादक देशों द्वारा नारियल के महत्व और इसकी उपयोगिता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व नारियल दिवस मनाया जाता है। इस साल 2024 में सोमवार, 2 सितंबर को 16वां वर्ल्ड कोकोनट डे मनाया जा रहा है।

नारियल ऐसा फल है जिसका लगभग हर रूप उपयोगी होता है, यह स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ ही भारतीय हिन्दू धर्म के विभिन्न धार्मिक कर्मकांडो में भी इस्तेमाल किया जाता है, इसी वजह से इसे बेहद पवित्र माना जाता है। यहाँ हम आपको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नारियल दिवस कब मनाया जाता है? इसकी थीम, इतिहास और महत्व के बारें में बताने जा रहे है।

World Coconut Day – 2 September 2024
World Coconut Day – 2 September 2024

International Coconut Day in Hindi:
नाम:विश्व नारियल दिवस (World Coconut Day)
तिथि:02 सितंबर (वार्षिक)
पहली बार:वर्ष 2009
उद्देश्य:नारियल के महत्व और उपयोगिता के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
थीम (2024):कोकोनट फॉर अ इकोनॉमी: बिल्डिंग पार्टनरशिप फॉर मैक्सिमम वैल्यू

 

विश्व नारियल दिवस का इतिहास (History Of World Coconut Day)

प्रतिवर्ष 2 सितम्बर को नारियल उत्पादक देशों के अंतर सरकारी संगठन ‘अंतर्राष्ट्रीय नारियल समुदाय (ICC)’ की स्थापना को चिह्नित करने के लिए विश्व नारियल दिवस (World Coconut Day) मनाया जाता है। जिसे पहली बार एशिया प्रशांत नारियल समुदाय (APCC) द्वारा 2 सितंबर 2009 को मनाया गया था।

इंटरनेशनल कोकोनट कम्युनिटी (ICC) की स्थापना वर्ष 1969 में एशियाई और प्रशांत नारियल समुदाय (APCC) के रूप में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामाजिक आयोग (UN-ESCAP) के तत्वावधान में हुई।

यह नारियल उत्पादक देशों का एक अंतर-सरकारी संगठन है, और इसका मुख्यालय जकार्ता, इंडोनेशिया में है। वर्तमान में इस संगठन में 20 देश शामिल है और भारत भी इसका सदस्य है।

विश्व नारियल दिवस पोस्टर
Vishva Naariyal Divas Poster

 

विश्व नारियल दिवस क्यों मनाया जाता है?

वर्ल्ड कोकोनट डे मनाने का मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर नारियल के महत्व अथार्त इसके स्वास्थ्य लाभ और इसकी उपयोगिता को उजागर करना है। इसके आलावा इसकी खेती और नारियल उद्योग को बढ़ावा देना भी इसका मक़सद है।


खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा 2019 में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत विश्व का तीसरा शीर्ष नारियल उत्पादक देश है, इससे पहले इंडोनेशिया और फिलीपींस का नंबर आता है।

2020-21 में भारत में इसकी उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 9687 नट है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है, इस दौरान देश में नारियल का कुल उत्पादन 21207 मिलियन नट्स रहा जो दुनिया का 34% है।

भारत में नारियल का उत्पादन सबसे ज्यादा केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में होता है, जो देश की लगभग 90 फीसदी जरूरत को पूरा करता है।

 

विश्व नारियल दिवस 2024 की थीम (World Coconut Day Theme)

इस साल विश्व नारियल दिवस 2024 की थीम ‘एक चक्रीय अर्थव्यवस्था के लिए नारियल: अधिकतम मूल्य के लिए साझेदारी का निर्माण’ (Coconut for a Circular Economy: Building Partnership for Maximum Value) है। पिछली साल 2023 की थीम ‘वर्तमान और भावी पीढ़ी के लिए नारियल क्षेत्र को कायम रखना‘ (अंग्रेजी में Sustaining Coconut Sector for the Present and Future Generation) थी।

प्रतिवर्ष वर्ल्ड कोकोनट डे एक ख़ास विषय पर आधारित होता है, साल 2022 में इस कार्यक्रम की Theme ‘खुशहाल भविष्य और जीवन के लिए नारियल की खेती करें‘ (Growing Coconut for a Better Future and Life) थी।

इससे पहले विश्व नारियल दिवस 2021 का विषय:- ‘कोविड-19 महामारी के बीच व उसके उपरांत सुरक्षित, समावेशी, सुदृढ़ और सुस्थिर नारियल समुदाय का विनिर्माण‘ था। तो वहीं वर्ष 2020 में कोकोनट डे की थीम “दुनिया को बचाने के लिए नारियल में निवेश करें” (Invest in Coconut to Save the World) निर्धारित की गयी थी।

 

 

कैसे मनाया जाता है वर्ल्ड कोकोनट डे?

भारत में नारियल विकास बोर्ड (CDB) और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमें किसानों और उद्यमियों से नारियल क्षेत्र की क्षमताओं का फायदा उठाने और इसकी खेती को बढ़ावा देने का आग्रह किया जाता है। इस कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी विभागों, मंत्रालयों व बोर्ड के लोग और राज्य बागवानी मिशनों के अधिकारी व अग्रणी किसान भी भाग लेते हैं।

वर्ल्ड कोकोनट डे एशिया प्रशांत नारियल समुदाय द्वारा दुनियाभर में इसके सदस्य देशों द्वारा बड़ी की धूमधाम से मनाया जाता है, इसके अलावा नारियल उत्पादक देशों में इस मौके पर विभिन्न प्रदर्शनियां लगाई जाती है जिसमें नारियल से बनी वस्तुओं को शामिल किया जाता है। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय नारियल समुदाय (ICC) द्वारा वैश्विक स्तर पर वेबिनार, बैठक, सेमिनार, कार्यशाला एवं पुरस्कार वितरण जैसे इवेंट्स का आयोजन किया जाता है।

 

नारियल क्या है? इसके कुछ फायदे बताओं?

पाम फैमिली से संबंध रखने वाले नारियल का वैज्ञानिक नाम ‘कोकस न्यूसिफेरा’ है, इसे समुद्र के किनारे की नमकीन मिट्टी में उगाया जाता है, इसकी खेती काफी कठिन मानी जाती है।

नारियल में बहुत से पोषक तत्व जैसे मैग्निशियम, कॉपर, फाइबर, जिंक, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन आदि पाए जाते हैं, इसके अलावा नारियल पानी में विटामिन सी और पोटेशियम भी होता हैं। इनके नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार होता है, हड्डियों को स्वस्थ्य रखने और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में भी यह मदद करता है।

इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला आयरन और सेलेनियम लाल रक्त कोशिकाओं की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट है।

 

 

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