राष्ट्रीय युवा दिवस 2025: थीम और विवेकानंद जी की जयंती पर उनके सुविचार

National Youth Day 2025: भारत में 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती राष्ट्रीय स्तर पर युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युवा दिवस 12 अगस्त को होता है। आइए इस खास मौके पर विवेकानंद जी के विचार और उनके जीवन पर एक नजर डालते है।

राष्ट्रीय युवा दिवस और स्वामी विवेकानंद जयंती 2025 (Swami Vivekananda Birthday Anniversary & National Youth Day)

Rashtriya Yuva Diwas 2025: भारत में प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को युवाओं के प्रेरणास्रोत और महापुरुष स्वामी विवेकानंद जी की स्मृति में उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है, 2025 में हम 40वां युवा दिवस (नेशनल यूथ डे) और विवेकानंद जी की 162वीं जयंती मना रहे है।

इस बार राष्ट्रीय युवा महोत्सव (NYF) 2025 को “विकसित भारत युवा नेता संवाद” के रूप में मनाया जाएगा। यह नेशनल यूथ फेस्टिवल 11-12 जनवरी 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होगा। यह युवाओं के लिए ‘विकसित भारत’ के निर्माण हेतु अपने विचारों को सीधा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को शेयर करने का अवसर बनेगा।

राष्ट्रीय युवा दिवस और स्वामी विवेकानंद जयंती 2025
राष्ट्रीय युवा दिवस और स्वामी विवेकानंद जयंती 2025

नेशनल यूथ डे ओवरव्यू
नाम:राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day)
तिथि:12 जनवरी (वार्षिक)
पहली बार:12 जनवरी 1985
उद्देश्य:युवाओं को ऊर्जावान बनाना, उन्हें सद्बुद्धि और सही मार्ग पर अग्रसर करना है।
सम्बंधित व्यक्ति:स्वामी विवेकानंद जी

 

राष्ट्रीय युवा दिवस की शुरूआत का इतिहास?

भारत में प्रतिवर्ष 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की बर्थ एनीवर्सरी को नेशनल यूथ डे के रूप में मनाने का फैसला भारत की केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 1984 में लिया गया, जिसके बाद 12 जनवरी 1985 को पहला युवा दिवस मनाया गया।

यूथ डे के मौके पर विवेकानंद जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया जाता है, उनके विचार आज भी करोड़ों युवाओं के आदर्श और प्रेरणा स्रोत है। यह दिन स्वामी जी के महान विचारों (Thoughts) एवं आदर्शों का प्रचार-प्रसार करने और इन्हें अपने जीवन में लागू करने का एक खास और महत्वपूर्ण दिन है।


आपको बता दें कि वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को मनाया जाता है।

Swami Vivekananda Quotes in Hindi
Swami Vivekananda Quotes in Hindi

क्यों मनाया जाता नेशनल यूथ डे?

युवा दिवस देश के युवाओं को समर्पित एक ऐसा दिन है जो देश की उन्नति और विकास में योगदान तथा उनकी भागीदारी को दर्शाता है। इसके आलावा यह युवाओं को जागृत करने और प्रेरणा से भर देने वाला दिन है। इसलिए हर साल राष्ट्रीय स्तर पर 12 जनवरी को और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 अगस्त को युवा दिवस मनाया जाता है।


Swami Vivekananda Anmol Vichar
Swami Vivekananda Anmol Vichar

यूथ डे मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को ऊर्जावान बनाना और उन्हें सद्बुद्धि और सही मार्ग पर अग्रसर करना है। स्वामी विवेकानंद जी ने हमेशा से ही युवाओं को देश की ताकत और इसका भविष्य बताया है।

वे अपनी आशाओं को युवा वर्ग पर टिका मानते थे। यह दिन युवाओं के अंदर ऊर्जा जागृत करता है और आने वाली पीढ़ी और भविष्य को प्रेरित कर देश को विकास की ओर ले जाने के लिए अग्रसर करता है।



राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 की थीम (National Youth Day Theme)

12 जनवरी को विवेकानंद जी की जयंती के उपलक्ष में मनाए जाने वाले राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 की थीम “उठो, जागो और अपनी शक्ति को पहचानो” हो सकती है। पिछली साल 2024 में इसे “मेरा भारत-विकसित भारत@2047- युवाओं द्वारा, युवाओं के लिए” विषय के साथ मनाया गया था। साल 2023 की Theme विकसित युवा – विकसित भारत थी। युवा महोत्सव 2022 की थीम ‘सक्षम युवा, सशक्त युवा’ रखी गई थी।


  • साल 2021 की Theme ‘युवा – उत्साह नए भारत का’ थी।
  • 2020 की थीम ‘वैश्विक कार्य के लिए युवाओं की भागीदारी’ थी।
  • वर्ष 2019 की Theme राष्ट्र निर्माण में युवा शक्ति का इस्तेमाल थी।
  • 2018 का विषय ‘संकल्प से सिद्धि’ था।
  • 21वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव (2017) का विषय- ‘डिजिटल इंडिया के लिए युवा’ था।
  • 2016 की थीम “विकास, कौशल और सद्भाव के लिए भारतीय युवा” है।

स्वामी विवेकानंद जी के प्रेरणादायक सुविचार (Rashtriya Yuva Diwas Quotes)

स्वामी विवेकानंद जी ने ‘उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए’, जैसे प्रेरणादायक विचारों को युवाओं के जहन में उतारा। वे भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में शामिल लोगों के लिए प्रमुख प्रेरणास्रोत थे।


सबसे बड़ा पाप यह सोचना है कि आप कमजोर हैं।


अपने आप में विश्वास रखो सारी शक्ति तुम में है, सांप का जहर भी शक्तिहीन होता है यदि आप इसे मजबूती से नकार सकते हैं।


दिन में एक बार खुद से बात करें अन्यथा आप इस दुनिया में एक उत्कृष्ट व्यक्ति से मिलने से चूक सकते हैं


जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।


विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।


सत्य को हजार तारिकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।


भारत के युवाओं के लिए विवेकानंद जी से अच्छा कोई अन्य प्रेरणा स्रोत और नेता नहीं हो सकता ऐसे में उनकी जयंती को नेशनल यूथ डे के रूप में मनाया जाना हमारे लिए सौभाग्य और गर्व की बात है।

इस खास मौके पर स्कूलों, विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों में उनके विचार एवं उपदेशों को छात्रों तक पहुंचाया जाता है तथा कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इनमें निबंध लेखन, भाषण, कला एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताएं शामिल होती है। उनके अनुयायियों एवं अन्य लोगों द्वारा साहित्य एवं प्रदर्शनी लगाई जाती है पूजा-पाठ, अनुष्ठान तथा योगासन, सुविचार और युवा सम्‍मेलन आयोजित किए जाते हैं।

 

स्वामी विवेकानंद कौन थे (Swami Vivekananda Biography in Hindi)

भारत के दार्शनिक, शुभचिंतक, युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत, समाज सुधारक, युवा संन्यासी और महान देशभक्त के रूप में विख्यात स्वामी विवेकानंद जी का जन्म कोलकाता के एक कायस्थ परिवार में 12 जनवरी 1863 को हुआ उनके बचपन का नाम ‘नरेंद्र नाथ दत्त‘ था।

उनके पिता विश्वनाथ दत्त कोलकाता हाई कोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील और उनकी माता भुवनेश्वरी देवी एक धार्मिक विचारों वाली महिला थी।

 

शिक्षा (Education):

वे बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थे 1871 में वे ईश्वरचंद्र विद्यासागर के मेट्रोपोलिटन संस्थान में पढ़ाई के लिए स्कूल गए। 1879 में वे प्रेसीडेंसी कॉलेज की प्रवेश परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने वाले इकलौते छात्र थे।

उन्होंने ज्यादातर सभी चीजों का अध्ययन किया वह दर्शनशास्त्र, इतिहास, समाज कला, साहित्य, धर्म, वेद, धार्मिक पुस्तकें (जैसे श्रीभगवद गीता, रामायण, महाभारत) तथा हिंदू शास्त्रों को भी पढ़ा।

वह भारतीय शास्त्रीय संगीत, खेल कूद और व्यायाम (Yoga) में भी काफ़ी आगे थे, उन्होंने 1881 में ललित कला की परीक्षा पास कर 1884 में आर्ट्स से ग्रेजुएशन के डिग्री पूरी की।

 

सन्यासी जीवन:

विवेकानंद जी वर्ष 1881 में गुरू रामकृष्ण परमहंस से कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली माता मंदिर में मिले, जिसके बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन ‘गुरूदेव रामकृष्ण परमहंस‘ को समर्पित कर दिया जिसके परिणामस्वरूप वे गुरु सेवा और गुरु भक्ति के लिए पूरे संसार में जाने गए।


नरेंद्र नाथ दत्त (विवेकानंद) ने अपनी 25 वर्ष की आयु में ही अपना घर-बार छोड़ सन्यास ले लिया और गेरुआ वस्त्र धारण किया, सन्यास लेने के बाद ही नरेंद्र नाथ दत्त ‘स्वामी विवेकानंद‘ कहलाए।

उन्होंने 9 दिसंबर 1898 को कलकत्ता के पास बेलूर में गंगा तट पर अपने गुरू/शिक्षक रामकृष्ण को समर्पित ‘रामकृष्ण मठ‘ की स्थापना की।

 

विश्व धर्म परिषद में प्रतिनिधित्व:

स्वामी विवेकानंद जी ने संयास लेने के बाद पूरे भारत वर्ष का पद भ्रमण (पैदल यात्रा) किया, उन्होंने 31 मई 1893 को विश्व यात्रा शुरू की जिसमें वह जापान का दौरा करते हुए चाइना और कनाडा से होकर अमेरिका के ‘शिकागो‘ शहर पहुंचे।

जिस समय स्वामी विवेकानंद जी भारत का प्रतिनिधित्व करने शिकागो पहुँचे, उस समय भारत के गुलाम होने के कारण भारतीय लोगों को काफी निम्न दृष्टि से देखा जाता था।

लेकिन जब उन्होंने विश्व धर्म परिषद् में अपने भाषण की शुरुआत अमेरिका के भाइयों और बहनों कहकर की तो तालियों की गूंज काफी देर तक रही और उनके विचारों से परिषद् में बैठे विद्वान काफी प्रभावित हुए, और वहाँ के लोग भी उनके के Fan बन गए।


 

विवेकानंद जी की मृत्यु कब हुई? उनकी पुण्यतिथि कब है?

स्वामी विवेकानंद जी को दमा और शुगर की शिकायत थी जिसके कारण उनकी मृत्यु काफी कम आयु में हो गई। उन्होंने 40 साल से कम आयु में ही 4 जुलाई 1902 को बेलूर में स्थित रामकृष्ण मठ में ध्यान मग्न अवस्था में ही महासमाधि धारण कर अपने प्राण त्याग दिए।

जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार बेलूर में गंगा तट पर चन्दन की चिता पर उनके गुरुदेव रामकृष्ण परमहंस के दूसरी ओर किया गया। 4 जुलाई को उनकी पुण्यतिथि (Death Anniversary) होती है।

 


2025 में राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन कहाँ किया जाएगा?

वर्ष 1995 से ही युवा दिवस के मौके पर ‘राष्ट्रीय युवा महोत्सव‘ कार्यक्रम तथा 12 जनवरी से 19 जनवरी तक ‘राष्ट्रीय युवा सप्ताह‘ कार्यक्रम का आयोजन होता है। इस बार भारत का 28वां नेशनल यूथ फेस्टिवल 11-12 जनवरी 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में मनाया जाएगा। हालांकि इस बार इसे “विकसित भारत युवा नेता संवाद” के रूप में मनाया जा रहा है, जिसमें युवाओं को अपने विचारों और दृष्टिकोण को सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष प्रस्तुत करने का एक अनूठा अवसर प्राप्त होगा।


 

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