एटीएम का फुल फॉर्म क्या है?
बैंकिंग कैटेगरी में एटीएम का फुल फॉर्म “ऑटोमेटेड टेलर मशीन” होता है। हिंदी में इसे “स्वचालित गणक मशीन” कहा जा सकता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग आउटलेट है जो ग्राहकों को अपने बैंक खाते तक पहुँचने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे वे पैसे निकाल सकते हैं, खाते की जानकारी देख सकते हैं, और अन्य बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
Automated Teller Machine (ATM) को अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, कनाडा में एटीएम को एबीएम यानी कि ‘ऑटोमेटेड बैंकिंग मशीन‘ कहा जाता है, तो वहीं दूसरे देशों में इसे कैशपॉइंट, कैश मशीन, मिनी बैंक और होल इन द वॉल के नाम से जाना जाता है।
विषय सूची
ATM मशीन क्या है?
एटीएम एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिससे आप किसी भी समय अपने बैंक अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं, जमा कर सकते हैं, फंड ट्रांसफर कर सकते हैं और अन्य बैंकिंग ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसे सबसे ज्यादा पैसा निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
यह मशीन बैंकिंग प्रोसेस को काफी आसान बनाती है, क्योंकि इसमें किसी भी तरह की किसी बैंकिंग स्टाफ की जरूरत नहीं होती आप किसी भी समय जाकर अपनी बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। एटीएम आपको एडवांस फंक्शन जैसे कैश डिपॉजिट, चेक डिपाजिट जैसी सुविधाएं भी देता है।
एटीएम का आविष्कार कब और किसने किया?
ATM का आविष्कार 1960 के दशक में हुआ था और ‘जॉन शेफर्ड बेरन‘ इसके आविष्कारक माने जाते हैं। पहला एटीएम 27 जून 1967 को लंदन के बारक्लेज बैंक में स्थापित किया गया था। इसके बाद से, यह बैंकिंग क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाया और एटीएम मशीनें दुनिया भर में बैंकिंग सेवाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई हैं। भारत में पहला एटीएम 1987 में मुंबई में एचएसबीसी बैंक की शाखा में लगाया गया था।
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एटीएम इनपुट डिवाइस या आउटपुट डिवाइस?
एटीएम मशीन एक कंप्यूटर सिस्टम की तरह काम करती है, जिसमें इनपुट और आउटपुट दोनों प्रकार की डिवाइस होती हैं।
इनपुट डिवाइस के रूप में:
- कीपैड: ग्राहक कीपैड का उपयोग करके पिन नंबर, राशि, और अन्य जानकारी दर्ज करते हैं।
- कार्ड रीडर: कार्ड रीडर डिवाइस एटीएम कार्ड की जानकारी को पढ़ता है।
- कैश/चेक डिपॉजिट स्लॉट: कुछ एटीएम में नकद या चेक जमा करने की सुविधा होती है, जो इनपुट डिवाइस के रूप में कार्य करती है।
आउटपुट डिवाइस के रूप में:
- स्क्रीन: स्क्रीन पर एटीएम मशीन ग्राहकों को निर्देश और जानकारी दिखाती है।
- कैश डिस्पेंसर: नकद निकालने के लिए कैश डिस्पेंसर का उपयोग किया जाता है।
- रसीद प्रिंटर: ट्रांजेक्शन की रसीद प्रिंट करने के लिए रसीद प्रिंटर का उपयोग किया जाता है।
- स्पीकर: कुछ एटीएम मशीनों में स्पीकर लगे होते हैं जो आपको निर्देश देते हैं, जैसे “अपना कार्ड डालें” और “ट्रांजैक्शन सफलतापूर्वक पूरा हुआ”।
एटीएम के लाभ और इसके उपयोग
- सुविधा: एटीएम मशीनें 24/7 उपलब्ध होती हैं, जिससे ग्राहक कभी भी बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
- समय की बचत: एटीएम के माध्यम से ग्राहक बैंकों की लंबी कतारों से बच सकते हैं और तेजी से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।
- सुरक्षा: एटीएम मशीनें सुरक्षित होती हैं और पिन नंबर की मदद से ट्रांजेक्शन की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं।
इसके मुख्य कार्य
- नकद निकासी: एटीएम के माध्यम से ग्राहक अपने बैंक खाते से नकद निकाल सकते हैं।
- खाते की जानकारी: ग्राहक अपने खाते का बैलेंस चेक कर सकते हैं और मिनी स्टेटमेंट प्राप्त कर सकते हैं।
- फंड ट्रांसफर: एटीएम के माध्यम से ग्राहक एक खाते से दूसरे खाते में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
- बिल भुगतान: कुछ एटीएम मशीनें बिल भुगतान की सुविधा भी प्रदान करती हैं।
- नकद जमा: आधुनिक एटीएम मशीनें नकद जमा करने की सुविधा भी प्रदान करती हैं।
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ATM Card का पूरा नाम क्या है?
अगर ATM का Full Form: Automated Teller Machine है, तो एटीएम कार्ड का फुल फॉर्म ‘ऑटोमेटेड टेलर मशीन कार्ड‘ होगा। दरअसल यह एक पीवीसी कार्ड होता है, जिसे मशीन में डाला या स्वाइप किया जाता है, इसमें आपकी बैंक डिटेल्स होती हैं। एटीएम कार्ड का सैंपल फोटो आप नीचे देख सकते हैं।
निष्कर्ष
एटीएम का पूरा नाम “Automated Teller Machine” होता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग डिवाइस है जो इनपुट और आउटपुट दोनों प्रकार की सुविधाएं प्रदान करता है। एटीएम की मदद से बैंकिंग सेवाएं अधिक सुविधाजनक, तेज़ और सुरक्षित हो गई हैं। यह आधुनिक बैंकिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है और इसका उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है।