ISRO का फुल फॉर्म क्या है | इसरो की पूरी जानकारी हिंदी में Information In Hindi
ISRO All Information In Hindi – Full Form: दोस्तों आजकल इसरो (जिसकी फुल फॉर्म Indian Space Research Organisation, ISRO है) जिसे हिंदी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन कहा जाता है काफी चर्चा में है.
मंगलयान और चंद्रयान जैसे सफल परीक्षणों के बाद अब इसरो से जुड़े कई सवाल आपके जहन में आने लगे होंगे और बहुत से सवाल तो अब कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स का हिस्सा भी होंगे जिन्हें यूपीएससी, एसएससी और इसी तरह की परीक्षाओं में पूछा जाएगा इसलिए आपको इसरो के बारे में पूरी जानकारी (Knowledge) हासिल कर लेनी चाहिए.
ISRO Full Form and All Information In Hindi History |
आइए अब हम इसरो क्या है इसरो की फुल फॉर्म क्या है इसरो के अपकमिंग मिशन क्या है, कौन-कौन से मिशन इसरो कर चुका है और इसरो का अगला मिशन क्या होने वाला है तथा इसरो का थोड़ा सा इतिहास (History Of ISRO) भी जानने की कोशिश करेंगे. It Means यहाँ हम इसरो के बारे में पूरी जानकारी ISRO All Information In Hindi हासिल करने की कोशिश करेंगे. आप चाहे तो इन्हें ISRO Interesting Facts (रोचक तथ्य) भी कर सकते है.
विषय सूची
इसरो क्या है | ISRO All Information In Hindi
- 1. इसरो क्या है: इसरो भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन है जिसकी स्थापना 15 अगस्त सन 1969 में हुई थी. इससे पहले 1962 में जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में इसका नाम इंडियन नेशनल कमिटी फॉर स्पेस रिसर्च (INCOSPAR) था.
जो परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) के अंतर्गत आता था, वैज्ञानिकों के आग्रह और विक्रम साराभाई को अंतरिक्ष अनुसंधान की आवश्यकता समझ आने पर 1969 में इसे इसरो कर दिया गया और इसका एक अलग विभाग बना दिया गया जिसे DOS यानि डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस कहा गया, जो भारत के प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता है।
- 2. ISRO का Headquarter: इसरो का मुख्यालय (Headquarter) बेंगलूरु (कर्नाटक) में है. और इसका प्राथमिक अंतरिक्ष बंदरगाह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरीकोटा, आंध्र प्रदेश और विक्रम साराभाई स्पेस सेण्टर तिरुवनंतपुरम (थुम्बा) केरल भारत में है.
- 3. इसरो का उद्देश्य: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का मुख्य उद्देश्य भारत को स्पेस रिलेटेड टेक्निक उपलब्ध कराना और भारत के लिए उपग्रहों (Satellites), Launch vehicles, Sounding Rockets और भू प्रणालियों (Ground Systems) का विकास करना शामिल है, जो भारत की स्पेस की पकड़ को मजबूत बना सके.
- 4. पहला उपग्रह (Satellite): 19 अप्रैल 1975 में सोवियत संघ द्वारा भारत का पहला उपग्रह लॉन्च किया गया जिसका नाम आर्यभट्ट था. यह नाम भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर था. हालांकि यह केवल 3 दिन तक ही कार्यरत रहा उसके बाद इसने काम करना बंद कर दिया लेकिन यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि थी.
- 5. भारत का दूसरा उपग्रह: भारत का दूसरा उपग्रह 7 जून 1979 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया जिसका वजन लगभग 445 किलो था और इस उपग्रह का नाम भास्कर था.
- 6. पहला स्वदेशी रॉकेट/उपग्रह: भारत द्वारा अपना पहला स्वदेशी भारत निर्मित प्रक्षेपण यान slv-3 द्वारा 1980 में कक्षा में उपग्रह स्थापित किया गया, जिसका नाम रोहणी था.
- 7. वर्तमान चेयरमैन/अध्यक्ष: इसरो के वर्तमान निदेशक/अध्यक्ष डॉ॰ के॰ शिवान (कैलासवटिवु शिवन्) हैं.
- 8. चंद्रयान-1: Chandrayaan-1 मिशन इसरो द्वारा 22 अक्टूबर 2008 को chandrayaan-1 मिशन भेजा गया जिसने सफलता पूर्वक चंद्रमा की परिक्रमा की और चंद्रमा पर बर्फ के रूप में पानी होने के संकेत के साथ साथ चंद्रमा के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां भारत को दी.
- 9. मंगलयान मंगल ऑर्बिटल मिशन: इसरो द्वारा ही 24 सितंबर 2014 को मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए मंगलयान मिशन लॉन्च किया गया जिसने सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में न केवल प्रवेश किया बल्कि मंगल ग्रह की परिक्रमा कर मंगल ग्रह के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारियां भारत को दी.
और भारत इसे लांच करते ही दुनिया का पहला राष्ट्र बना जिसने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की, यह मिशन लॉन्च करने वाली इसरो एशिया की पहली और दुनिया की चौथी अंतरिक्ष एजेंसी है.
- 10. चंद्रयान-2: इसरो ने चंद्र भूविज्ञान और चंद्र जल के वितरण का अध्ययन करने के लिए अपना दूसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-२ भी लांच किया था, जिसके बारे में आप विस्तार में यहां से पढ़ सकते हैं.
- 11. इसरो की कमाई: इसरो भारत के साथ-साथ विदेशी उपग्रहों को भी लांच करता है जिससे इसरो की कमाई होती है. इसरो जून 2016 तक दुनिया के 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लांच कर चुका है जिससे इसरो ने 10 करोड़ यूएस डॉलर कमाए हैं.
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यह भी पढ़ें: चंद्रयान-2 मिशन क्या है – Chandrayaan 2 Information in Hindi
इसरो के नाम कुछ ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स
- 1. भारत मंगल पर अपने पहले ही प्रयास में सफल होने वाला पहला राष्ट्र है.
- 2. इसरो मंगल की कक्षा में पहुंचने वाली एशिया की पहली अंतरिक्ष एजेंसी है.
- 3. 18 जून 2016 को इसरो द्वारा एक ही वाहन में 20 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया इसके साथ ही 15 फरवरी 2017 को इसरो ने एक एकल रॉकेट पीएसएलवी c37 में 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित कर एक विश्व रिकॉर्ड कायम किया.
- 4. इसरो बृहस्पति और शुक्र के लिए एक अंतरिक्ष यान भेजने की वैचारिक अध्ययन करने की प्रक्रिया में है.
- 5. साल 2014 में इसरो को शांति निशस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.
इसरो के आने वाले मिशन | Upcoming Missions of ISRO
इसरो के आने वाले समय में कुछ बड़े मिशन की तैयारी में है, जिसमें सूर्य मिशन, गगनयान और मार्स ऑर्बिटर मिशन 2 जैसे मिशन शामिल है.
Destination | Craft का नाम | प्रक्षेपण यान | साल |
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सूर्य | आदित्य-एल 1 | पीएसएलवी-एक्सएल | 2020 |
शुक्र | Shukrayaan -1 | जीएसएलवी III | 2023 |
बृहस्पति | TBD | TBD | TBD |
मंगल ग्रह | मार्स ऑर्बिटर मिशन 2(मंगलयान 2) | जीएसएलवी III | 2024 |
अंतिम शब्द
दोस्तों अब तो आप इसरो के बारे में सब कुछ जान ही गए होंगे यानी कि इसरो की फुल फॉर्म (Full Form) क्या है, इसरो के आने वाले मिशन क्या है, इसरो की पूरी जानकारी हिंदी में, इसरो के चेयरमैन कौन है, ISRO Interesting Facts (रोचक तथ्य), और इसका इतिहास.
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