Google का मालिक कौन है? यह किस देश की कंपनी है? इसकी स्थापना और आविष्कार की कहानी

Google का मालिक और CEO कौन है? इसकी स्थापना किसने की? यह किस देश की कंपनी है?

गूगल आज दुनिया का सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन बन चूका है, जब भी हमारे मन में कोई सवाल या विचार आता है तो हम सबसे पहले Google ही खोलते हैं और चंद मिनटों में अपने सवालों के जवाब पा लेते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गूगल को किसने बनाया? (Who Founded Google Company) या गूगल का मालिक कौन है?

आज के इस लेख में हम आपको गूगल की स्थापना किसने की? इसका सीईओ कौन है? Google किस देश की कंपनी है और इसका मुख्यालय कहां है? (Headquarters) और इसका पुराना नाम क्या था? तथा इसके आविष्कार की कहानी (Google Founder/Owner Name & Belongs to Which Origin Country) के बारे में बताने जा रहे हैं।

Google Ka Malik Aur CEO Kaun Hai
Google Ka Malik Aur CEO Kaun Hai

Google कम्पनी की डिटेल्स
नाम:गूगल (अल्फाबेट इंक)
मालिक:लैरी पेज और सर्गी ब्रिन
संस्थापक:लैरी पेज और सर्गी ब्रिन
सीईओ:सुंदर पिचाई
देश:अमेरिका
मुख्यालय:माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया, अमेरिका

गूगल एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी है, जो दुनियाभर में इंटरनेट संबंधित सेवाओं और प्रोडक्ट बनाने के लिए जानी जाती है। जिसमें ऑनलाइन विज्ञापन, गूगल सर्च इंजन, Android, Chrome, YouTube, क्लाउड कंप्यूटिंग, गूगल मैप, Google Play Store, तथा Google Play के अन्य Apps, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर आदि शामिल हैं।

 

गूगल की स्थापना कब और किसने की? इसका मालिक कौन है?

गूगल की स्थापना/आविष्कार/खोज सितंबर 1998 में एक रिसर्च प्रोजेक्ट के रूप में अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के 2 छात्रों लैरी पेज और सर्गी ब्रिन ने की थी। इन दोनों की मुलाकात वर्ष 1995 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई थी। जहाँ दोनों ने मिलकर गूगल को बनाया।


Founder and Owner of Google Larry Page & Sergey Brin
Founder and Owner of Google Larry Page & Sergey Brin

यदि गूगल के मालिक की बात करें तो Larry Page और Sergey Brin ने वर्ष 2004 में गूगल को पब्लिक कर दिया इसका मतलब यह है कि गूगल का कोई एक अकेला Owner नहीं है बल्कि इसके बहुत सारे शेयर होल्डर होंगे।

इस समय सबसे ज्यादा शेयर लैरी पेज और सर्गे ब्रिन के पास ही हैं और उन्हें 51 फ़ीसदी वोटिंग अधिकार भी हासिल है इसके साथ ही ये गूगल के फाउंडर भी हैं जिससे यह साफ हो जाता है कि गूगल के मालिक लैरी पेज और सेर्गेय ब्रिन है। इन दोनों का नाम अमेरिका के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में भी शुमार है।

 

Google किस देश की कंपनी है? इसका मुख्यालय कहाँ है? (Country Name)

Google की स्थापना वर्ष 1998 में सयुक्त राष्ट्र अमेरिका (USA) में हुई और इसके संस्थापक लैरी पेज तथा सेर्गेय ब्रिन भी इसी देश (Country) के नागरिक हैं, साथ ही इसका मुख्यालय (Headquarters) अमेरिका के माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया में स्थित है, ऐसे में यह साफ हो जाता है कि गूगल एक अमेरिकन कंपनी है।

 

 

2023 में Google का CEO कौन है?

गूगल के वर्तमान CEO भारतीय मूल के सुंदर पिचाई है, वे साल 2015 में गूगल के सीईओ बने थे, तथा गूगल की पैरंट कंपनी अल्फाबेट इंक ने पिछले साल दिसंबर 2019 में सुंदर पिचाई को Alphabet inc. का Chief Executive Officer भी बना दिया।


गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई

Sundar Pichai अब गूगल और गूगल की पैरंट कंपनी अल्फाबेट के CEO हैं साथ ही वह अल्फाबेट बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सदस्य भी हैं। उन्होंने लोकप्रिय Google प्रोडक्ट और एप्लीकेशन के डेवलपमेंट का निरीक्षण किया जिसमें एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम, गूगल क्रोम, गूगल मैप्स और जीमेल शामिल है। उनकी Net Worth लगभग $600 मिलियन है साथ ही कई सालों तक सुंदर पिचाई का नाम दुनिया के सबसे अधिक वेतन पाने वाले अधिकारियों में शामिल रहा हैं।


 

Google को बनाने की कहानी क्या है? (Invention History)

Stanford University, California के दो छात्रों लैरी पेज और सेर्गेय ब्रिन ने अपने रिसर्च प्रोजेक्ट में कुछ अलग करने की सोची उन्होंने एक वेबसाइट को दूसरी वेबसाइट से तुलना करके रैंक कराने के बारे में सोचा जिसमें उन्होंने सर्च किए जाने वाले शब्द की किसी वेब पेज पर होने वाली आवृत्ति को रैंकिंग के लिए चुना।

लैरी पेज ने वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) की लिंक संरचना पर PHD की हुई थी ऐसे में उन्होंने अपने रिसर्च के माध्यम से इस बात का पता लगाया कि कौन से वेब पेज किसी खास पेज के साथ लिंक होते हैं।

उनकी सोचा कुछ ऐसा बनाने की थी जिससे इंटरनेट पर भेजी गई रिक्वेस्ट के आधार पर किसी खास वेबसाइट के हर एक लिंक को गिना जा सके और उसे एक रैंक दी जा सके। उनके अनुसार ऐसा करने से हैं इंटरनेट सभी के लिए उपयोगी बन जाएगा।

दोनों दोस्तों ने लगभग 4 साल तक मेहनत के बाद ऐसा कर दिखाया और इसे तैयार कर पेजरैंक एल्गोरिथम का नाम दिया। गूगल का एल्गोरिथ्म इतना कमाल का था कि यह इंटरनेट पर उस समय मौजूद करीबन 2.5 करोड़ वेब पेज में से कुछ भी सर्च करने पर यूज़र को इन वेब पेज में से जानकारी दे सकता था।

उनके अनुसार सर्च इंजन ऐसा होना चाहिए जो सभी लिंक को आपकी जरूरत के हिसाब से आपके समक्ष प्रस्तुत कर सके दोनों ने कड़ी मेहनत के बाद एक सर्च इंजन का आविष्कार किया और 4 सितंबर 1998 को इसे लांच कर दिया।

जिस समय गूगल मार्केट में आया उस समय Yahoo और AOL को सर्च इंजन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था परंतु गूगल के आने के बाद सभी सर्च इंजन की छुट्टी हो गई और आज गूगल दुनिया का नंबर वन सर्च इंजन बन चुका है।

 

Google का पुराना नाम क्या है?

गूगल का पुराना नाम ‘Backrub‘ था, जिसे बाद में बदलकर गूगल कर दिया गया। दरअसल Google का यह नाम गणित के Googol से प्रेरित है जिसका अर्थ होता है एक के आगे सौ शून्य (Zero)।

गूगल नाम रखते समय Page और Brin ने कहा था कि हम अपने इस सिस्टम का नाम गूगल इसलिए रख रहे हैं, क्योंकि यह Googol की एक सामान्य स्पेलिंग है और यह हमारे एक बड़े पैमाने के सर्च इंजन को बनाने के लक्ष्य पर फिट बैठता है।

 

गूगल कैसे कमाता है? (How Google Earn Money?)

गूगल की सभी बड़ी सर्विसेज फ्री हैं जिनमें यूट्यूब एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम, Gmail, Drive, गूगल मैप और कई अन्य एप्लीकेशन शामिल है ऐसे में सवाल यह उठता है कि गूगल आखिर कमाई कैसे करता है।

गूगल की अधिकतर कमाई एडवर्टाइजमेंट (विज्ञापन) के जरिए होती है, इंटरनेट पर दिखने वाले ज़्यादातर विज्ञापन गूगल द्वारा ही दिखाए जाते हैं। गूगल विज्ञापन दिखाने के लिए अपने AdWords सर्विस के जरिए एडवरटाइजर्स से पैसा लेता है। इसमें से कुछ पैसा वह पब्लिशर्स को दे देता है जो इस विज्ञापन को अपनी वेबसाइट या यूट्यूब वीडियो लगाते हैं इसके बाद बचे हुए पैसे ही गूगल की कमाई का मुख्य जरिया है।


 

Google की पैरेंट कम्पनी Alphabet inc.)

Lawrence E. Page और Sergey Mikhaylovich Brin ने 2 अक्टूबर 2015 को गूगल के पुनर्गठन के माध्यम से एक नयी कंपनी Alphabet inc. की स्थापना की। अब Google और गूगल की अन्य सहायक कंपनियों की पैरंट कंपनी बन गई है जिसका मुख्यालय अमेरिका के माउंटेन व्यू (कैलिफोर्निया) में है।

अब गूगल के सभी प्रोजेक्ट्स अल्फाबेट के अंदर आते हैं और गूगल से जुड़े सभी फैसले अब अल्फाबेट के हिसाब से लिए जाते हैं।