Google Sandbox क्या है? रैंकिंग इफ़ेक्ट और इससे कैसे निकले
गूगल अपने सर्च इंजन रैंकिंग एल्गोरिथ्म में लगातार बदलाव करता रहता है, और आमतौर पर इसके बारे में जानकारी भी साझा करता है लेकिन कुछ ऐसे कांसेप्ट भी SEO एक्सपर्ट्स ने महसूस किए है जिसके बारे में Google ने कोई पुष्टि नहीं की है। ऐसी ही एक अवधारणा है ‘गूगल सैंडबॉक्स इफेक्ट‘ है, जिसे गूगल द्वारा अधिकारिक तौर पर परिभाषित नहीं किया गया है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार Google Sandbox एक एल्गोरिथ्मिक पैनल्टी है, जो नई वेबसाइट्स को देखते हुए लगाई जाती है। यह एक तरह का फ़िल्टर है जिसे Google नई वेबसाइट्स की रैंकिंग को कंट्रोल करता है ताकि स्पैम वेबसाइट्स या लो-क्वॉलिटी वेबसाइट्स को सर्च रिजल्ट्स में जल्दी रैंक ना मिल सके। इस आर्टिकल में हम जानेंगे Google Sandbox के बारे में और इसका प्रभाव और समयावधि के बारे में।
विषय सूची
Google Sandbox क्या है?
Google Sandbox एक थ्योरिटिकल कॉन्सेप्ट है जो नई वेबसाइट्स के लिए लगाया गया है। माना जाता है कि जब कोई नई वेबसाइट लॉन्च होती है तो Google उसे पहले कुछ समय के लिए “sandbox” में रख देता है। इस पीरियड में, वेबसाइट को सर्च इंजन रिजल्ट्स पेज (SERPs) में अच्छी रैंक नहीं मिलती है।
दरअसल गूगल सेंड बॉक्स एल्गोरिथ्म या पेनल्टी का जिक्र गूगल द्वारा ऑफीशियली कहीं भी नहीं किया गया है, इसे SEO एक्सपर्ट्स ने महसूस किया और इसका नाम गूगल सैंडबॉक्स रखा। एसईओ एक्सपर्ट्स ने कई वेबसाइट पर यह टेस्ट किया और पाया कि कोई भी नई वेबसाइट एकदम से गूगल की प्रतिस्पर्धी कीवर्ड्स पर रैंक नहीं होती, वही यह नई वेबसाइट Bing और Yahoo जैसे सर्च इंजन पर आसानी से रैंक हो जाती हैं।
Google Sandbox का प्रभाव
- 1. रैंकिंग प्रभाव:
- 2. ट्रैफिक कम:
- 3. ब्रांड पहचान:
जब आपका वेबसाइट Google Sandbox में होता है, तब तक आपको ऑर्गेनिक सर्च रिजल्ट्स में टॉप पोजिशन्स नहीं मिलती। इसका मतलब है कि आपके वेबसाइट का रैंकिंग शुरुआत में कम होती है।
अगर आप Google Sandbox में हैं, तो आपको ऑर्गेनिक सर्च से कम ट्रैफिक मिलता है। लोग आपके वेबसाइट को सर्च रिजल्ट्स में कम देखते हैं।
नए वेबसाइट्स को अपने ब्रांड को स्थापित करने में ज्यादा समय लगता है। Google Sandbox में होने से ब्रांड अवेयरनेस भी कम होती है।
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Google Sandbox से बाहर कैसे निकलें?
- 1. हाई-क्वॉलिटी कंटेंट:
- 2. High Search Volume के साथ Low Competitive Keywords को लक्ष्य बनाएं:
- 3. ऑन-पेज SEO:
- 4. क्वॉलिटी बैकलिंक्स:
- 5. सोशल सिग्नल्स:
- 6. धैर्य:
आपको हाई-क्वॉलिटी और यूनिक कंटेंट प्रोवाइड करना होगा जो यूज़र्स के लिए वैल्यूएबल हो।
पहले ऐसे कीवर्ड्स को चुनें जिनका Google में प्रतिस्पर्धा कम हो और सर्च वॉल्यूम अधिक हो।
अपने वेबसाइट की ऑन-पेज SEO को ऑप्टिमाइज करें। टाइटल टैग्स, मेटा डिस्क्रिप्शन्स, और इंटरनल लिंकिंग पर ध्यान दें।
अपनी वेबसाइट के लिए हाई-क्वॉलिटी और रिलेवेंट बैकलिंक्स बनाएं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक्टिव रहें और अपने कंटेंट को शेयर करें।
Google Sandbox का इफेक्ट कुछ समय बाद कम होने लगता है। इसलिए धैर्य बनाए रखें।
Google Sandbox का समयावधि
Google Sandbox का समयावधि किसी फिक्स्ड टाइम फ्रेम में define नहीं किया गया है। कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह 3 से 6 महीने का होता है, जबकि कुछ मानते हैं कि इसका ड्यूरेशन 6 से 12 महीने तक भी हो सकता है। इसमें वेबसाइट की क्वॉलिटी, बैकलिंक्स, कंटेंट और ऑप्टिमाइजेशन का भी अहम रोल होता है।
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अंतिम शब्द
Google Sandbox एक temporary phase है जो हर नई वेबसाइट को फेस करना पड़ता है। इसके बावजूद, अगर आप सही तरीके से अपने वेबसाइट को ऑप्टिमाइज़ करते हैं तो आप इस phase से जल्दी बाहर निकल सकते हैं और अपने वेबसाइट की रैंकिंग को इम्प्रूव कर सकते हैं।
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