Mahashivratri Date 2024: शुभ मुहूर्त, व्रत कथा, पूजन विधि और मन्त्र
महाशिवरात्रि का त्यौहार भारत के धार्मिक त्योहारों में से एक है, जिसे फाल्गुन कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 2024 में 08 मार्च को शुक्रवार के दिन मनाया जा रहा है। यह भगवान् शिव और माँ पार्वती के विवाह उत्सव के उपलक्ष में मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, सुबह 6:45 बजे से 10:41 बजे तक रहेगा।
इस दिन भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने और महादेव को प्रसन्न करने के लिए शिवभक्त पूरी श्रद्धा से उपवास रखते हैं, और महादेव की विधिवत् पूजा कर जलाभिषेक भी करते है, मान्यता है कि ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, और सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है। आइए अब आपको इसका शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और कथा/कहानी (Story) एवं मंत्रों के बारे में भी बताते हैं।
2024 में महाशिवरात्रि कब है? शुभ मुहूर्त (Mahashivratri Shubh Mahurat)
हिंदू पंचांग (कैलेंडर) के अनुसार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि महाशिवरात्रि के रूप में मनायी जाती है। इस साल 2024 में महादेव का विवाहोत्सव अथार्त महाशिवरात्रि का पर्व 08 मार्च को मनाया जाएगा, इस दौरान निशिता काल पूजा मुहूर्त रात 12 बजकर 07 मिनट से लेकर 12 बजकर 56 मिनट (लगभग 50 मिनट) तक रहेगा।
महाशिवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त
- महाशिवरात्रि 2024 डेट: 08 मार्च (शुक्रवार)
- शिवरात्रि पारण समय: 09 मार्च (शनिवार), सुबह 6 बजकर 44 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक
- चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 08 मार्च, (शुक्रवार), रात 9 बजकर 57 मिनट से
- चतुर्दशी तिथि समाप्त: 09 मार्च, (शनिवार), शाम 06 बजकर 17 मिनट तक
Maha Shivratri क्यों मनाते है जानिए कथा (Story)
महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की ‘शादी का उत्सव‘ मनाया जाता है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन शिवजी का शक्ति (पार्वती) के साथ विवाह हुआ था, और वे अपना बैरागी जीवन त्याग कर गृहस्थ बने थे।
एक अन्य हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार फाल्गुन शिवरात्रि के दिन ही शिवलिंग के रूप में भगवान भोलेनाथ 64 अलग-अलग जगहों पर पहली बार प्रकट हुए थे। बताया जाता है ये शिवलिंग ऐसे थे जिनका ना कोई आदि था और ना ही कोई अंत, यह शिवलिंग अग्नि के रूप में प्रकट हुए थे इसलिए इन्हें ‘ज्योतिर्लिंग‘ कहा जाता है।
हालांकि इन 64 में से हम अब तक 12 स्थानों के बारे में ही जान पाए हैं जिन्हें हम 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम से जानते हैं ये इस प्रकार है:
- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
- केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
- काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
- त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
- रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
- घृष्णेश्वर मन्दिर ज्योतिर्लिंग
भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए ख़ास मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
ॐ नमः शिवाय
अमंगलानां च शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च।
दु:स्वप्रनाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्॥
ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
महा शिवरात्रि व्रत की पूजन विधि (Vrat Puja Vidhi)
पूजा सामग्री: पुष्प, भांग, धतूरा, बेल का पत्ता, बेर, गाय का कच्चा दूध, दही, शुद्ध देसी घी, शहद, गंगाजल, कपूर, धूप, रुई, चंदन, पंचमेवा, जनेऊ और दक्षिणा आदि।
- शिवरात्रि के दिन सुबह सवेरे उठकर स्वच्छ और शुद्ध जल से स्नान करके शरीर को शुद्ध कर स्वच्छ कपड़े पहने और व्रत एवं पूजा का संकल्प लें।
- मंदिर या घर में स्थापित शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाएं अथवा पंचामृत से स्नान कराएं और ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
- महादेव को पुष्प, धतूरा, भांग, बेर, गाय का कच्चा दूध, दही, शुद्ध देसी घी, बेलपत्र, शहद, गंगाजल, कपूर, धूप, रुई, चंदन, पंचमेवा, जनेऊ आदि एक-एक कर चढ़ाए।
- अब भोले बाबा को धूप और दीपक दिखाएं।
- इसके बाद कपूर से आरती कर सभी में प्रसाद बांटें।
- रात्रि के समय चारों पहर भगवान शिव-शम्भू का पूजन करें, और शिव जागरण कर अगले दिन सुबह उठकर ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें।
Mahashivratri का महत्व
महाशिवरात्रि के दिन भक्तों को अपना पूरा समय भगवान शिव-शंभू के चरणों में पूरी श्रद्धा एवं भक्ति के साथ बिताना चाहिए।मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से शंकर भगवान प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को जरूर पूर्ण करते हैं।
महाशिवरात्रि की रात को शिव जागरण की परम्परा सदियों से चली आ रही है, जिसके अंतर्गत पूरी रात शिवभक्त अपने आराध्य का जागरण करते हैं। मान्यता है ऐसा करने से ‘महापुण्य फल‘ प्राप्त होता है। शिवरात्रि के 15 दिन बाद ही होली का त्यौहार मनाया जाता है।
आप सभी को HaxiTrick.com की तरफ से महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, HaxiTrick.com इसकी पुष्टि नहीं करता।)