World Polio Day 2023: विश्व पोलियो दिवस की थीम, इतिहास और महत्व

World Polio Day 2023: कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है विश्व पोलियो दिवस? Theme, इतिहास और उद्देश्य

Vishva Polio Diwas 2023: पोलियो टीकाकरण और उन्मूलन के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व पोलियो दिवस (World Polio Day) हर साल 24 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस साल यह 24 अक्टूबर 2023 को मंगलवार के दिन मनाया जा रहा है, जिसका नारा है वन डे. वन फोकस: एंडिंग पोलियो।

1940 और 1950 के दशक के दौरान पोलियो ने वैश्विक स्तर पर लगभग दो मिलियन लोगों को मार डाला या अपंग कर दिया। सौभाग्य से पिछले दो दशकों में दुनिया में यूरोप, अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे कई हिस्सों में पोलियो मुक्त घोषित होने के साथ दर्ज मामलों की कुल संख्या में गिरावट देखी गई है।

World Polio Day 24 October 2023 Hindi
World Polio Day 24 October 2023 Hindi
अंतर्राष्ट्रीय पोलियो दिवस के बारे में जानकारी:
नाम:विश्व पोलियो दिवस (World Polio Day)
तिथि:24 अक्टूबर (वार्षिक)
उद्देश्य:पोलियो टीकाकरण और पोलियो उन्मूलन के लिए जागरूकता फैलाना।
थीम:अ हेल्थीयर फ्यूचर फॉर मदर्स एंड चिल्ड्रन (संभावित)

 

अंतर्राष्ट्रीय पोलियो दिवस का इतिहास (History)

24 अक्टूबर को मनाए जाने वाले विश्व पोलियो दिवस (World Polio Day) की शुरुआत रोटरी फाउंडेशन द्वारा लगभग एक दशक पहले पोलियोमाइलाइटिस (Polio) के खिलाफ पहला टीका विकसित करने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले जोनास साल्क के जन्म के उपलक्ष्य में की गई थी।

ग्लोबल पोलियो उन्मूलन पहल को रोटरी इंटरनेशनल और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) द्वारा 1988 में शुरू किया गया था, उस समय 125 देशों में पोलियो के लगभग 350000 मामले थे।

रोटरी क्लब ग्लोबल पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन, बिल और मलिंडा गेट्स फाउंडेशन और यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन जैसे संगठनों के साथ एक भागीदार है। रोटरी इंटरनेशनल का आधार होने के नाते, अमेरिका इस आयोजन का मुख्य मेजबान है।

इस अवसर पर जोनास साल्क के जन्मदिन को भी याद किया जाता है, उन्होंने 1955 में पोलियोमाइलाइटिस के लिए पहला टीका विकसित करने के लिए टीम का नेतृत्व किया, साथ ही लाखों समर्पित कर्मचारियों और संगठनों के स्वयंसेवकों के प्रयासों की सराहना की।

 

विश्व पोलियो दिवस क्यों मनाया जाता है? (उद्देश्य)

पोलियो दिवस एक प्रमुख उद्देश्य के साथ मनाया जाता है, जो है – दुनिया के सभी हिस्सों से पोलियो को पूरी तरह से समाप्त करना, जिससे दुनिया ‘पोलियो मुक्त‘ हो जाए।

विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए टीकाकरण, रोकथाम, धन जुटाने एवं सामान्य जागरूकता के माध्यम से दुनिया से पोलियो वायरस को पूरी तरह से समाप्त करने के मकसद से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 24 अक्टूबर को पोलियो दिवस मनाया जाता है।

इसके आलावा यह दिन दुनिया से इसके उन्मूलन के लिए समाज के सबसे अधिक हाशिए वाले वर्ग के अंतिम बच्चे का टीकाकरण सुनिश्चित करता है।

यह दिन संगठनों को अभियानों के लिए आवश्यक दान (Donation) जुटाने के लिए भी एक मंच प्रदान करता है क्योंकि इसे दुनिया के प्रत्येक बच्चे को सफलतापूर्वक टीकाकरण करने के लिए अरबों डॉलर की आवश्यकता होती है।

वर्ष 2017 में इस दिन रोटरी इंटरनेशनल और बिल एंड मलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने मिलकर विश्व स्तर पर पोलियो उन्मूलन के लिए 450 बिलियन डॉलर जुटाने की प्रतिबद्धता जताई।

 

World Polio Day का महत्व

विश्व पोलियो दिवस के महत्व को आप इस तरह समझ सकते है की विश्व स्वास्थ्य संगठन और ग्लोबल पोलियो उन्मूलन की इस पहल और उनके प्रयासों की बदौलत वर्ष 1988 में विश्व स्तर पर दर्ज 3.5 लाख़ पोलियो संक्रमित मामलों की संख्या 2017 में घटकर सिर्फ 22 हो गई। पोलियो वैक्सीन आज भी अधिकांश लोगों के लिए सुलभ है और WHO तथा GPEI के प्रयासों के कारण दुनिया के सबसे दूरस्थ स्थानों पर भी इसे उपलब्ध कराया जाता है।

यह बीमारी अधिकांश देशों से मिट चुकी है और, 2013 तक कई देशों को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया है, लेकिन अब भी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नाइजीरिया जैसे देशों में कुछ सबसे अधिक हाशिए वाले और गरीब लोगों में इस बीमारी की दुर्लभ घटनाएं देखी जा रही है जिससे दुनिया के किसी भी हिस्से में इस बीमारी के दोबारा उभरने का खतरा बना हुआ है।

 

 

विश्व पोलियो दिवस 2023 की थीम (World Polio Day Theme)

हर साल वर्ल्ड पोलियो डे एक थीम (विषय) पर आधारित होता है, जो इसके उद्देश्य को निर्दिष्ट करने के साथ-साथ लाखों लोगों को प्रेरित करता है। इस साल विश्व पोलियो दिवस 2023 की थीम ‘एक साथ, हम पोलियो को समाप्त करते हैं‘ (Together, We End Polio) रखी जा सकती है। पिछली साल 2022 की थीम “माताओं और बच्चों के लिए एक स्वस्थ भविष्य” (A healthier future for mothers and children) थी।

इससे पहले 2021 का कार्यक्रम “Delivering on a Promise” (एक वादे को पूरा करना) विषय पर आधारित था, जो 33 साल पहले 1988 में 41वीं स्वास्थ्य सभा में पोलियो उन्मूलन के लिए अपनाई गई घोषणा को दर्शाता है।

वर्ष 2020 की Theme ‘Stories of Progress: Past and Present’ (प्रगति की कहानियाँ: अतीत और वर्तमान) थी।

  • वर्ल्ड पोलियो डे थीम 2018 – “एंड पोलियो नाउ”।
  • 2017 – “पोलियो उन्मूलन के अनसुने नायकों का उत्सव”।
  • 2016 – “पोलियो समाप्त करो, आज इतिहास बनाओ”।
  • 2015 – “पोलियो अब समाप्त करें: आज इतिहास बनाएं”।

 

वर्ल्ड पोलियो डे कैसे मनाया जाता है? (Celebration)

विश्व पोलियो दिवस को रोटेरियन और अन्य संगठनों के प्रतिबद्ध सदस्यों के साथ-साथ स्वयंसेवकों द्वारा पोलियो के पूर्ण उन्मूलन के लिए नियमित टीकाकरण की आवश्यकता पर जोर देने और इसके बारे में स्थानीय आबादी के बीच सामान्य जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।

इस दुरान स्वैच्छिक या बड़े कॉर्पोरेट दान (Donation) के माध्यम से धन जुटाने के लिए विभिन्न स्थानों पर डोनेशन कैंप और कई आयोजन किए जाते हैं ताकि हर किसी के लिए मुफ्त वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जा सके।

वर्ल्ड पोलियो डे उन मेहनती सदस्यों और कर्मचारियों को भी धन्यवाद करता है जो कभी-कभी अपने जीवन को जोखिम में डाल कर कुछ सबसे दुर्गम इलाकों और स्थानों में डोर-टू-डोर जाकर टीकाकरण करते हैं।

इस बीच, भारत में अस्पतालों, स्कूलों और सहयोगी संगठनों द्वारा पोलियो ड्राइव का आयोजन किया जाता है। समुदायों को टीकाकरण की सरल विधि के बारे में बताया जाता है और यह टीकाकरण उन्हें आजीवन विकलांगता से कैसे बचाता है इसके बारे में भी जागरूक किया जाता है।

 

पोलियो क्या है? कैसे होता है?

मेडिकल शब्दों में ‘पोलियोमाइलाइटिस‘ नाम से जाना जाने वाला पोलियो एक संक्रामक जनित रोग है जो ‘पोलियोवायरस‘ के कारण होता है, यह पीड़ित के तंत्रिका तंत्र को स्थाई नुकसान पहुंचाता है, और मांसपेशियों को कमजोर कर देता है जिसके फलस्वरूप वह व्यक्ति जीवन भर के लिए लकवा ग्रस्त या अपंग (कमजोर पैर वाला व्यक्ति) हो जाता है।

आमतौर पर यह रोग 5 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है, इसलिए इसे ‘Infantile paralysis‘ के रूप में भी जाना जाता है।


पोलियो का इलाज क्या है?

खूंखार बीमारी पोलियो का आज तक कोई इलाज नहीं निकाला जा सका है परंतु इसे होने से रोका जा सकता है। इसे होने से रोकने के लिए 5 साल से कम उम्र की आयु के बच्चों को पोलियो की ओरल वैक्सीन दी जाती है। अर्थात इसकी रोकथाम ही इसका इलाज है।

 

किन देशों में अब भी पोलियो की बीमारी मौजूद है?

1988 के बाद पोलियो के मामलों में करीबन 99.9 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है तो वहीं पिछले 3 सालों से अधिक समय में केवल तीन देशों अफगानिस्तान नाइजीरिया और पाकिस्तान में ही इनके काफी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।

तो वहीं डब्ल्यूएचओ द्वारा अमेरिका, यूरोप, वेस्टर्न पेसिफिक एशिया, साउथईस्ट एशिया को कब का पोलियो मुक्त घोषित किया जा चुका है।

 

क्या भारत पोलियो मुक्त हो चुका है?

वर्ष 2014 में डब्ल्यूएचओ द्वारा भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित किया जा चुका है क्योंकि पिछले 3 सालों में भारत में कोई भी नए मामले सामने नहीं आए थे। और अब बीते 6 सालों में भी भारत में पोलियो के कोई भी नए मामले सामने नहीं आए हैं।

 

 

अन्तिम शब्द

पाकिस्तान में कुछ धार्मिक चरमपंथी बच्चों की मौखिक वैक्सीन को उनकी धार्मिक शीलता को अपमानित करने के प्रयास के रूप में लेते हैं और कभी-कभी हिंसक रूप से किसी भी टीकाकरण अभियान का कड़ा विरोध करते हैं।

बीते कुछ सालों में भारत में पोलियो को हारने के लिए अथक प्रयास किए गए जिसके फलस्वरूप भारत आज एक पोलियो मुक्त राष्ट्र बन चूका है।

ध्यान रखें केवल पोलियो की दो बूंद (खुराक) ही आपके बच्चे को लकवा एवं उसे अपाहिज/अपंग बनाने और जान से बचाने में मदद कर सकती है अपने बच्चों के स्वास्थ्य के साथ समझौता ना करें और समय पर उसे टीकाकरण शिविर में ले जाकर पोलियो की बूंदें पिलाएं और आप सभी को विश्व पोलियो दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।