एनआरसी, सीएए और कैब क्या है | What is NRC, CAA and CAB Full Form Information in Hindi
What is NRC, CAA, NRP and CAB Full Form Information in Hindi:- NRC Full Form National Register of Citizens (भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर).
- CAB Stands for Citizenship Amendment Bill (नागरिकता संशोधन बिल).
- CAA की Full Form Citizenship Amendment Act (नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)) है.
- NPR की फुल फॉर्म राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register) है. जिसके तहत साल 2011 में की गई जनगणना को अपडेट किया जाना है. इसके लिए आपको कोई भी नागरिकता का प्रमाण पत्र आदि नहीं दिखाना, जिस प्रकार साल 2011 में जनगणना हुई थी, उसी प्रकार अप्रैल 2020 से सितम्बर 2020 के बीच यह जनगणना होगी, जिसकी (NPR) मंजूरी कैबिनेट द्वारा दी गई है.
अब भारत में सिटिजन अमेंडमेंट बिल (कैब) कानून बन चुका है, जो अब सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) बन चूका है और भारत के कानून का एक अभिन्न हिस्सा है, परन्तु NRC अभी केवल असम के लिए लागू है, पूरे भारत में नहीं. लेकिन देश के अलग-अलग हिस्सों में इस क़ानून का विरोध (Protest) या प्रदर्शन किया जा रहा है, विपक्ष भी इसे अपनाने से नकार चुकी है.
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What Is NRC, CAA and CAB Full Form Information in Hindi |
और अगर आपके जेहन में यह सवाल है कि CAA और CAB को लेकर क्यों प्रदर्शन हो रहे हैं?, मुझे अपने नागरिकता साबित करने के लिए कौन कौन से डॉक्यूमेंट दिखाने होंगे या फिर NRC me Kya Document Chahiye, एनआरसी में नाम नहीं है तो क्या होगा, एनआरसी में अपना नाम कैसे चेक करें तो आपको इसके बारे में भी पूरी जानकारी (All Information In Hindi) मिल जाएगी.
एनआरसी क्या है भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर | What is All NRC Information in Hindi
- 1. NRC Kya Hai: दोस्तों अगर एनआरसी या राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की बात करें तो NRC एक ऐसी सूची (List) है, जिसमें उन भारतीय नागरिकों के नाम है जो असम में रहते हैं, अब तक असम ऐसा एकमात्र राज्य है जिसके पास राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर है.
इस रजिस्टर को 1951 में हुई भारत की जनगणना के बाद बनाया गया, जिसमें ऐसे लोगों को भारतीय नागरिक माना गया जो लोग असम में 25 मार्च 1971 से पहले रहने आए थे ऐसा इसलिए क्योंकि बांग्लादेश 25 मार्च 1971 के बाद बना था. - 2. NRC का उद्देश्य: एनआरसी का मुख्य मकसद 1971 के बाद आए घुसपैठियों और अवैध प्रवासियों की पहचान करना है.
- 3. NRC के लिए आवेदन: जब NRC भारत के असम में आया तो अपने नागरिकता को सिद्ध करने के लिए लगभग दो करोड़ से अधिक लोगों ने आवेदन जमा किया था, जिसमें से लगभग 3800000 लोगों के द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों पर संदेह था और इन सभी 20000000 आवेदनों की जांच के बाद जब 31 दिसंबर 2017 को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का पहला ड्राफ्ट Publish किया गया.
कानूनी तौर पर भारत की नागरिकता साबित करने के लिए लगभग तीन करोड़ 29 लाख आवेदन किए गए थे, जिनमें से केवल एक करोड़ 90 लाख लोगों के नामों को ही शामिल किया गया. - 4. एनआरसी में नाम नहीं है तो क्या होगा: दोस्तों अगर आपका नाम एनआरसी में नहीं है तो आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है आपको अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए मौका दिया जाएगा. जिसमें आपको जरूरी डॉक्युमेंट को जमा कराना होगा सभी को अपनी नागरिकता साबित करने का पूरा मौका दिया जाएगा जिसके तहत हर एक व्यक्ति को विदेशी न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाने का भी अवसर मिलेगा.
- 5. क्यों पड़ी एनआरसी की जरूरत: भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय 1947 के बाद भी असम के लोगों का पूर्वी पाकिस्तान आना जाना लगा रहता था क्योंकि उनकी जमीनें-जायदाद असम में थी. ऐसे में भारतीय नागरिकों और अवैध शरणार्थियों के बीच अंतर करना मुश्किल हो रहा था जिसके परिणाम स्वरूप वहां कई समस्याएं भी उत्पन्न हो रही थी इसी समस्या के समाधान के लिए साल 1951 में एनआरसी की जरूरत को समझते हुए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर तैयार किया गया.
- 6. एनआरसी में अपना नाम Online कैसे चेक करें
- Step.1: सबसे पहले आप एनआरसी की वेबसाइट TheFinalNRC.com पर जाएं.
- Step.2: यहां आप अपना एआरएन(ARN) कोड डालें.
- Step.3: तथा कैप्चा कोड को भरें और सर्च पर क्लिक कर दें.
nrc assam online Name check website in hindi
यहाँ आपको आपकी नागरिकता का स्टेटस देखने को मिल जाएगा. - NRC को लेकर क्यों प्रदर्शन हो रहे हैं: भारत के कई हिस्सों में CAA और CAB को लेकर प्रदर्शन (Protest) हो रहा है, क्योंकि उन लोगों का मानना है कि यह गैर-संवैधानिक है। परंतु ऐसा कुछ नहीं है, सरकार द्वारा यह साफ किया गया है की भारत के किसी भी नागरिक की नागरिकता को हानि नहीं होगी. प्रदर्शन करने वाले लोगों के बीच यह अफवाह फैलाई जा रही है कि इस कानून से उनकी भारतीय नागरिकता छिन सकती है। भारत के सभी वर्गों को अपनी नागरिकता को सिद्ध करने का पूरा मौका दिया जाएगा.
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NRC Me Kya Documents Chahiye | जरूरी दस्तावेज़:
अगर असम का फार्मूला ही देश भर में लागू होता है तो NRC के लिए असम और भारत में रहने वाले लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए List A में दिए गए Documents में से कोई एक जमा कराना था। और List B में से भी किसी एक दस्तावेज को दिखाना था, जिसकी मदद से आप अपने असम के पूर्वजों से Relation Prove कर सकें। जिससे यह पता चलेगा कि आपके पूर्वज आसमी या भारतीय थे।यह सभी दस्तावेज 24 मार्च 1971 के बाद के नहीं होने चाहिए। अगर असम या भारत के किसी नागरिक के पास इससे पहले का कोई डॉक्यूमेंट नहीं है तो वह 24 मार्च 1971 से पहले का अपने पिता या दादा का List B में से कोई भी Document दिखा सकता है।
List A | List B |
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1951 का एनआरसी | जन्म प्रमाणपत्र |
24 मार्च, 1971 तक का मतदाता सूची में नाम | भूमि दस्तावेज |
पासपोर्ट | राशन कार्ड |
नागरिकता प्रमाणपत्र | मतदाता सूची में नाम |
शरणार्थी पंजीकरण प्रमाण पत्र | बोर्ड या विश्वविद्यालय प्रमाण पत्र |
जन्म प्रमाणपत्र | बैंक / एलआईसी / पोस्ट ऑफिस रिकॉर्ड |
कोई भी एलआईसी पॉलिसी | कानूनी रूप से स्वीकार्य अन्य दस्तावेज |
जमीन का मालिकाना हक या किरायेदार होने का रिकॉर्ड | विवाहित महिलाओं के केस में सर्कल अधिकारी या ग्राम पंचायत सचिव द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र |
अदालत के आदेश रिकॉर्ड | |
राज्य के एजुकेशन बोर्ड या यूनिवर्सिटी के प्रमाण पत्र | |
सरकार या सरकारी उपक्रम के तहत सेवा या नियुक्ति को प्रमाणिक करने वाला दस्तावेज | |
किसी भी सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस/सर्टिफिकेट |
अब तो आपको पता चल ही गया हो की NRC Me Kya Document Chahiye, चलिए अब CAB और CAA की फुल फॉर्म और यह क्या ( What is Full Form of CAB and CAA in Hindi) इसके बारे में जानते है.
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कैब और सीएए क्या है | What is CAB and CAA (Citizenship Amendment Bill/Act) in Hindi
- कैब और सीएए क्या है: CAB की फुल फॉर्म Citizenship Amendment Bill (सिटिजन अमेंडमेंट बिल) है इसे हिंदी में नागरिकता संशोधन बिल (कैब) कहा जाता है, और अब यह CAA (नागरिकता संशोधन कानून) बन चूका है जिसकी Full Form Citizenship Amendment Act है. इस बिल के तहत पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम समाज के शरणार्थी यानि हिंदू, सिख, जैन, इसाई, पारसी और बौद्ध धर्म के अल्पसंख्यको को भारतीय नागरिकता दी जानी है, जो इन देशों में हो रहे धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर या इससे तंग आकर भारत आ गए हैं.
ऐसे में इन समूह के सभी लोगों को आसानी से भारतीय नागरिकता दी जाएगी, परंतु अगर कोई 31 दिसंबर 2014 के बाद भारत में दाखिल हुआ है तो वह भारतीय नागरिकता के लिए सरकार के पास जाकर आवेदन कर सकता है. इसके लिए उन्हें भारत में कम से कम 6 साल बिताने होंगे. पहले नागरिकता देने का पैमाना 11 साल से अधिक हुआ करता था. - CAA और CAB को लेकर क्यों प्रदर्शन हो रहे हैं: भारत के कई हिस्सों में CAA और CAB को लेकर प्रदर्शन (Protest) हो रहा है, क्योंकि उन लोगों का मानना है कि यह गैर-संवैधानिक है, और Article 14 का उल्लंघन करता है, जिसमें समानता का अधिकार आता है, परंतु ऐसा कुछ नहीं है.
आर्टिकल-14 समानता का अधिकार: भारत के संविधान के आर्टिकल-14 यानि समानता का अधिकार में यह कहा गया है कि सरकार भारत में किसी भी व्यक्ति को कानून के समक्ष समता से वंचित नहीं कर सकती, अथार्त उनके साथ लिंग, धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करेगी.
CAA क्यों नहीं है आर्टिकल 14 का उल्लंघन: इसके तहत उन सभी गैर मुस्लिमो को नागरिकता दी जानी है जो मुस्लिम देशों जैसे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक है जिनमें हिन्दू, सिख, इसाई, बौद्ध और जैन आते है, वहाँ मुश्लिम पहले से ही बहुसंख्यक है.
इसलिए इस कानून में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि यह कानून अल्पसंख्यक के आधार पर बनाया गया है धर्म के आधार पर नहीं.
Q.1- क्या पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के मुस्लिम भी भारतीय नागरिकता हासिल कर सकते है?
Ans.1- बिलकुल, पहले से चले आ रहे नियमों के मुताबिक़ इन देशों के मुस्लिम नागरिकों को भारतीय नागरिकता मिल सकती है, पिछले तीन सालों में करीबन 19000 नागरिकों को भारतीय नागरिकता दी जा चुकी है, जिसमें से अधिकतर मुसलमान है.
Q.2- क्या पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए अवैध शरणार्थियों को CAA के तहत डिपोर्ट किया जाएगा.
Ans.2- बिलकुल नहीं, अवैध शरणार्थियों को डिपोर्ट करने का प्रावधान नहीं है, अवैध शरणार्थियों को पुराने कानूनों के मुताबिक ही पूरी कार्यवाही होगी.
Q.3- क्या CAA मुसलमानों को भारतीय नागरिकता से बाहर कर देगा.
Ans.3- CAA का किसी भी भारतीय नागरिक से कोई लेना देना नहीं है.
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