NRC और CAA की Full Form क्या है?
साल 2019 में पास हुआ सिटिजन अमेंडमेंट बिल अब कानून बन चुका है, जिसे CAA यानि ‘नागरिकता संशोधन कानून‘ कहा जाता है। भारत सरकार ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इसे पूरे भारत में लागू करने की घोषणा की है। आख़िर क्या है यह सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट और इसे क्यों लागू किया जा रहा है? आइए जानते है।
- CAA की फुल फॉर्म Citizenship Amendment Act (नागरिकता संशोधन कानून).
- CAB Stands for Citizenship Amendment Bill (नागरिकता संशोधन बिल).
- NRC Full Form National Register of Citizens (भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर).
विषय सूची
सीएए क्या है? What is CAA (Citizenship Amendment Act)
CAA (सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट) के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम समाज के शरणार्थी यानि हिंदू, सिख, जैन, इसाई, पारसी और बौद्ध धर्म के अल्पसंख्यको को भारतीय नागरिकता दी जानी है। दरअसल ये वो लोग है जो इन देशों में हो रही धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर या इससे तंग आकर भारत आ गए हैं।
सीएए के तहत मुस्लिम देशों से आए सभी गैर मुस्लिम शरणार्थियों को आसानी से भारतीय नागरिकता मिल जाएगी, परंतु अगर कोई 31 दिसंबर 2014 के बाद भारत में दाखिल हुआ है, तो वह भारतीय नागरिकता के लिए सरकार के पास जाकर आवेदन कर सकता है। इसके लिए उन्हें भारत में कम से कम 6 साल बिताने होंगे, इससे पहले नागरिकता देने का पैमाना 11 साल से अधिक हुआ करता था।
क्या CAA आर्टिकल-14 का उल्लंघन करता है?
दरअसल भारतीय संविधान के आर्टिकल-14 यानि समानता का अधिकार में यह कहा गया है कि सरकार देश में किसी भी व्यक्ति को कानून के समक्ष समता से वंचित नहीं कर सकती, अथार्त उनके साथ लिंग, धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करेगी।
सरकार का कहना है कि CAA आर्टिकल 14 का उल्लंघन नहीं है, क्योंकि इस कानून को अल्पसंख्यक के आधार पर बनाया गया है, धर्म के आधार पर नहीं। इस कानून के तहत उन सभी गैर मुस्लिमो को नागरिकता दी जानी है, जो मुस्लिम देशों जैसे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक है। इन देशों में हिन्दू, सिख, इसाई, बौद्ध और जैन धर्म के लोग अल्पसंख्यकों में आते है, और वहाँ मुसलमान पहले से ही बहुसंख्यक है इसलिए इस कानून में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है।
भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) क्या है?
एनआरसी या राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर एक ऐसी सूची (List) है, जिसमें उन भारतीय नागरिकों के नाम है जो असम में रहते हैं, अब तक असम ऐसा एकमात्र राज्य है जिसके पास राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर है। इस रजिस्टर को 1951 में हुई भारत की जनगणना के बाद बनाया गया, जिसमें ऐसे लोगों को भारतीय नागरिक माना गया जो लोग असम में 25 मार्च 1971 से पहले रहने आए थे और ऐसा इसलिए क्योंकि बांग्लादेश 25 मार्च 1971 के बाद बना था। एनआरसी का मुख्य मकसद 1971 के बाद आए घुसपैठियों और अवैध प्रवासियों की पहचान करना है।
भारत में क्यों पड़ी एनआरसी की जरूरत:
सन 1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद भी कई सालों तक असम के लोगों का पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) आना जाना लगा रहता था, क्योंकि उनकी जमीनें-जायदाद असम में थी। ऐसे में भारतीय नागरिकों और अवैध शरणार्थियों के बीच अंतर करना मुश्किल हो रहा था जिसके परिणामस्वरूप वहां कई समस्याएं भी उत्पन्न हो रही थी। इन्ही समस्या के समाधान के लिए वर्ष 1951 में एनआरसी की जरूरत को समझते हुए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर तैयार किया गया।
NRC में अपना नाम Online कैसे चेक करें?
जब NRC भारत के असम में आया तो अपनी नागरिकता को सिद्ध करने के लिए लगभग दो करोड़ से अधिक लोगों ने आवेदन जमा किया था, जिसमें से लगभग 3800000 लोगों के द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों पर संदेह था और इन सभी 20000000 आवेदनों की जांच के बाद जब 31 दिसंबर 2017 को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का पहला ड्राफ्ट Publish किया गया।
कानूनी तौर पर भारत की नागरिकता साबित करने के लिए लगभग तीन करोड़ 29 लाख आवेदन किए गए थे, जिनमें से केवल एक करोड़ 90 लाख लोगों के नामों को ही शामिल किया गया। यदि आपने भी अपनी नागरिकता को सिद्ध करने के लिए अप्लाई किया था तो आप नीचे बताए गए चरणों का पालन करके ऑनलाइन स्टेटस चेक कर सकते है।
- Step.1: सबसे पहले आप एनआरसी की वेबसाइट TheFinalNRC.com पर जाएं।
- Step.2: यहां आप अपना एआरएन(ARN) कोड डालें।
- Step.3: तथा कैप्चा कोड को भरें और सर्च पर क्लिक कर दें।
- यहाँ आपको आपकी नागरिकता का स्टेटस देखने को मिल जाएगा।
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एनआरसी में नाम नहीं है तो क्या होगा?
अगर आपका नाम एनआरसी में नहीं है तो आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है आपको अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए मौका दिया जाएगा. जिसमें आपको जरूरी डॉक्युमेंट को जमा कराना होगा सभी को अपनी नागरिकता साबित करने का पूरा मौका दिया जाएगा जिसके तहत हर एक व्यक्ति को विदेशी न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाने का भी अवसर मिलेगा.
NRC में क्या डाक्यूमेंट्स चाहिए? (जरूरी दस्तावेज़)
अगर असम का फार्मूला ही देश भर में लागू होता है तो NRC के लिए असम और भारत में रहने वाले लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए List A में दिए गए Documents में से कोई एक जमा कराना था। और List B में से भी किसी एक दस्तावेज को दिखाना था, जिसकी मदद से आप अपने असम के पूर्वजों से अपना सम्बन्ध सिद्ध कर सकें। जिससे यह पता चलेगा कि आपके पूर्वज आसमी या भारतीय थे।
यह सभी दस्तावेज 24 मार्च 1971 के बाद के नहीं होने चाहिए। अगर असम या भारत के किसी नागरिक के पास इससे पहले का कोई डॉक्यूमेंट नहीं है तो वह 24 मार्च 1971 से पहले का अपने पिता या दादा का List B में से कोई भी Document दिखा सकता है।
List A | List B |
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1951 का एनआरसी | जन्म प्रमाणपत्र |
24 मार्च, 1971 तक का मतदाता सूची में नाम | भूमि दस्तावेज |
पासपोर्ट | राशन कार्ड |
नागरिकता प्रमाणपत्र | मतदाता सूची में नाम |
शरणार्थी पंजीकरण प्रमाण पत्र | बोर्ड या विश्वविद्यालय प्रमाण पत्र |
जन्म प्रमाणपत्र | बैंक / एलआईसी / पोस्ट ऑफिस रिकॉर्ड |
कोई भी एलआईसी पॉलिसी | कानूनी रूप से स्वीकार्य अन्य दस्तावेज |
जमीन का मालिकाना हक या किरायेदार होने का रिकॉर्ड | विवाहित महिलाओं के केस में सर्कल अधिकारी या ग्राम पंचायत सचिव द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र |
अदालत के आदेश रिकॉर्ड | |
राज्य के एजुकेशन बोर्ड या यूनिवर्सिटी के प्रमाण पत्र | |
सरकार या सरकारी उपक्रम के तहत सेवा या नियुक्ति को प्रमाणिक करने वाला दस्तावेज | |
किसी भी सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस/सर्टिफिकेट |
Q.1- क्या पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के मुस्लिम भी भारतीय नागरिकता हासिल कर सकते है?
Ans.1- बिलकुल, पहले से चले आ रहे नियमों के मुताबिक़ इन देशों के मुस्लिम नागरिकों को भारतीय नागरिकता मिल सकती है, पिछले तीन सालों में करीबन 19000 नागरिकों को भारतीय नागरिकता दी जा चुकी है, जिसमें से अधिकतर मुसलमान है।
Q.2- क्या मुस्लिम देशों से आए अवैध शरणार्थियों को CAA के तहत डिपोर्ट किया जाएगा?
Ans.2- बिलकुल नहीं, अवैध शरणार्थियों को डिपोर्ट करने का प्रावधान नहीं है, अवैध शरणार्थियों को पुराने कानूनों के मुताबिक ही पूरी कार्यवाही होगी.
Q.3- क्या CAA मुसलमानों को भारतीय नागरिकता से बाहर कर देगा.
Ans.3- CAA का किसी भी भारतीय नागरिक से कोई लेना देना नहीं है.