Hanuman Jayanti Photo 2024: हनुमान जयंती कब मनायी जाती है? पूजा विधि, कथा और शुभ मुहूर्त (शुभकमना कोट्स फोटो)
Hanuman Jayanti 2024 Date: भगवान राम के परम भक्त हनुमान (बजरंग बली) का जन्मोत्सव हिंदू कैलेंडर के मुताबिक हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल 2024 में हनुमान जयंती 23 अप्रैल को मंगलवार के दिन है, तो वहीं 2025 में यह शनिवार, 12 अप्रैल के दिन पड़ रही है।
भारत के अलग-अलग हिस्सों में हनुमान जी के जन्म की अलग-अलग मान्यताएं होने के कारण उनके जन्मोत्सव को साल भर में कई बार मनाया जाता है, परंतु भारत के उत्तरी हिस्से (दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब आदि) में चैत्र पूर्णिमा को बजरंगबली की जयंती मनाने का महत्व सर्वाधिक है। यहाँ उन्हें वानर रूप में पूजा जाता है।
हनुमान जयंती 2024 तिथि:- | 23 अप्रैल 2024, मंगलवार |
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पूर्णिमा तिथि आरंभ:- | 23 अप्रैल 2024, सुबह 03:25 बजे |
पूर्णिमा तिथि समाप्त:- | 24 अप्रैल 2024, सुबह 05:18 बजे |
2024 में हनुमान जयंती कब है? (चैत्र पूर्णिमा तिथि)
पौराणिक कथाओं और हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हनुमान जी का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा को हुआ था। ग्रेगोरियन कैलेंडर का अनुसरण करने पर यह दिन ज्यादातर अप्रैल महीने में पड़ता है। इस साल 2024 में बजरंगबली का जन्मोत्सव मंगलवार, 23 अप्रैल को है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन बजरंग बली की विधि-विधान से पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है, मार्ग में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
2024 में चैत की पूर्णिमा कब है?
चैत्र पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल 2024 को बुधवार के दिन सुबह 03:25 बजे से शुरु होकर अगले दिन 24 अप्रैल 2024 को सुबह 05:18 बजे तक रहेगी। हनुमान जयंती के दिन बजरंग बली की पूजा ब्रह्ममुहूर्त में करना शुभ माना जाता है, क्योंकि उनका जन्म सूर्योदय के समय हुआ था।
हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं शायरी फोटो (Happy Hanuman Jayanti Wishes Images 2024)
अपने दोस्तों और परिवारजनों को हनुमान जयंती की बधाई देने के लिए आप कोट्स और शायरी के साथ ही शुभकामना संदेशों और फोटोज का भी सहारा ले सकते है, यहाँ कुछ बेस्ट शायरी और विशेज फोटोज दी गई है।
राम का हूँ भक्त मैं रूद्र का अवतार हूँ,
अंजनी का लाल हूँ मैं दुर्जनों का काल हूँ,
साधुजन के साथ हूँ मैं निर्बलो की आस हूँ,
सद्गुणों का मान हूँ मैं हां मैं वीर हनुमान हूँ!
हनुमान जयंती की सभी भक्तों को शुभकामनाएं!
दुःख और कष्टों का नाश होता है,
जिनके ह्रदय में बजरंगबली का वास होता है।
हैप्पी हनुमान जयंती!
जिनके मन में है श्रीराम,
जिनके तन में हैं श्री राम।
जग में सबसे हैं वो बलवान,
ऐसे प्यारे हैं मेरे हनुमान।
जय श्रीराम… जय हनुमान
हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं!
बजरंगी तेरी पूजा से हर काम होता है,
दर पर तेरे आते ही दूर अज्ञान होता है,
रामजी के चरणों में ध्यान होता है,
आपके दर्शन से बिगड़ा हर काम होता है।
हनुमान जयन्ती की बधाईयाँ!
बजरंगबली जिनका नाम है,
श्रीराम वन्दना जिनका काम है,
ऐसे केसरी नंदन को मेरा बारम्बार प्रणाम है।।
आपको और आपके परिवार को हनुमान जयंती ढेरों बधाइयाँ!
करो कृपा मुझ पर हे हनुमान,
जीवन-भर करूं मैं तुम्हे प्रणाम,
जग में सब तेरे ही गुण गाते हैं,
हरदम चरणों में तेरे शीश नवाते हैं।
Happy Hanuman Jayanti 2024
“श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि।
बरनऊँ रघुवर विमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानि के, सुमिरौ पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार।।”
राम भक्त हनुमान तुम हो सबसे बेमिसाल,
तुमसे आँख मिलाये किसकी है ये मजाल,
सूरज को एक पल में निगला तुम अंजनी के लाल,
मूरत तेरी देखकर भाग जाये सारे काल।
Happy Hanuman Jayanti 2024
Lord Hanuman is the greatest devotee of Lord Rama.
May he shower his divine blessings on you and your family on the occasion of Hanuman Jayanti.
हनुमान जी के मन्त्र:
ॐ श्री हनुमते नम:
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।
ॐ अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि तन्नो: मारुति: प्रचोदयात
“मनोजवं मारुततुल्यवेगम्
जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं
श्री रामदूतं शरणं प्रपद्ये।।”
ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नमः
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वे भगवान श्रीराम के परम भक्त थे और उन्ही की भक्ति के मकसद से ही पृथ्वी पर जन्मे है, उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन भगवान राम के नाम कर दिया। त्रेतायुग में जब भगवान श्रीराम वन में माता सीता की तलाश में यहाँ-वहाँ भटक रहे थे तब उन्होंने ने ही विशाल समुद्र लांघ कर माता सीता का पता लगाया।
युद्ध के दौरान जब लक्ष्मण जी मूर्छित हुए तो संजीवनी बूटी ला कर उनके प्राणों की भी रक्षा की। वे सभी संकटों को पल भर में हर लेते है इसलिए उन्हें संकटमोचन कहा जाता है।
कैसें करें हनुमान जयंती पर बजरंगबली की पूजा? (विधि)
हनुमान जी के जन्मोत्सव के दिन बजरंग बली की पूजा-अर्चना एवं चालीसा का पाठ किया जाता है, भक्तों द्वारा व्रत रखा जाता हैं। साथ ही इस दिन घरों और मंदिरों में ब्रह्ममुहूर्त में भजन-कीर्तन और सुंदर कांड का पाठ करने का भी प्रावधान है।
- चरण-1: हनुमान जयंती के दिन सुबह सवेरे उठकर नहा-धोकर स्वच्छ कपड़े पहने।
- चरण-2: अब घर में मंदिर या किसी पवित्र स्थान पर बजरंग बली की फोटो या प्रतिमा को स्थापित करें।
- चरण-3: अब महावीर हनुमान जी को तिल के तेल में मिला कर सिंदूर चढ़ाएं।
- चरण-4: हो सके तो बूंदी या बूंदी के लड्डू और इमरती आदि का भोग लगाए या फल चढ़ाएं।
- चरण-5: अब बजरंगबली की आरती तथा हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- चरण-6: इसके बाद धूप, दीप नवैद्य तथा पुष्प से उनकी पूजा करनी चाहिए।
- चरण-7: पूजा संपन्न हो जाने के बाद गुड़-चने का प्रसाद बांटें।
भगवान हनुमान की जन्म कथा क्या है?
हिन्दू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार पुंजिकस्थली नामक एक अप्सरा थी, स्वर्ग लोक में ऋषि दुर्वासा के श्राप के कारण इस अप्सरा का जन्म पृथ्वी पर अंजनी नामक बंदरिया के रूप में हुआ। श्राप से मुक्ति पाने के लिए उन्हें भगवान शिव के एक अवतार को जन्म देना था।
इसी योजना के तहत अंजनी का विवाह सुमेरु राज्य के राजा केसरी हुआ, जिसके बाद केसरी और अंजना ने कई वर्षों तक पुत्र प्रप्ति के लिए पूरी श्रद्धा और भक्ति से भगवान शिव की आराधना की। जिसके फलस्वरूप अयोध्या नरेश दशरथ द्वारा किए गए पुत्रेष्टि यज्ञ से प्राप्त हुई खीर का कुछ अंश एक गरूड लेकर उड़ गया, और अंजना के आश्रम जा पहुंचा जहाँ वे तपस्या कर रही थी।
भगवान शिव और वायुदेव की इच्छा से यह खीर जब अंजना के हाथों पर गिरी तो उन्होंने इसे भगवान शिव का आशीर्वाद समझकर खा लिया, जिसके बाद अंजना के गर्भ से वानर रूप में शिवजी के अवतार हनुमान का जन्म हुआ। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी, भगवान शिव के 11वें रुद्ररूप है।
हनुमान जी का जन्म किस दिन हुआ था?
हनुमानजी का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न हुआ था, बताया जाता है जिस दिन बजरंगबली का जन्म हुआ उस दिन मंगलवार का दिन था। इसलिए बजरंगबली के भक्त मंगलवार के दिन उनकी आराधना करते है।
हनुमानजी के पिता का नाम केसरी (वानरराज) और माता जी का नाम अंजना (अंजनी) था। परन्तु उन्हें पवन पुत्र के नाम से भी जानते है क्योंकि वायु देव भी उनके पिता माने जाते हैं।
हनुमान जयंती का क्या महत्व है?
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार बजरंगबली भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार हैं, और ये कलयुग के देवता भी कहलाते हैं, तथा बल, बुद्धि और विद्या के स्वामी माने जाते हैं। हनुमान जयंती के मौके पर बजरंगबली की विधि विधान से पूजा अर्चना करने वाले भक्तों को बल और बुद्धि की प्राप्ति तो होती ही है, साथ ही उनके सभी संकट, कष्ट, क्लेश और विकार भी दूर हो जाते हैं तथा उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है।
हनुमान जी को संकट मोचन, बजरंगबली, महावीर, अंजनी सुत, और पवन पुत्र आदि नामों से संबोधित किया जाता है।
नोट: यह सभी जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है और HaxiTrick.com इसकी पुष्टि नहीं करता। किसी भी बात को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।