World AIDS Day 2023: विश्व एड्स दिवस की थीम, इतिहास और महत्व?

विश्व AIDS दिवस कब मनाया जाता है? Theme और HIV के लक्षण और कारण

World AIDS Day 2023: हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है, इसकी शुरूआत वर्ष 1988 में हुई। जिसका मुख्य मकसद लोगों को एचआईवी (HIV) संक्रमण से होने वाली बीमारी एड्स के बारे में जागरूक करना है।

विश्व एड्स दिवस के मौके पर सभी देशों में एड्स जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं, साथ ही भाषण, चर्चा और टेस्टिंग कैंप भी लगाए जाते हैं। इस साल 2023 का वर्ल्ड एड्स डे शुक्रवार, 01 दिसम्बर को मनाया जा रहा है, जिसकी थीम ‘अभी घोषित की जानी बाकी‘ है। World AIDS Day कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है? इसकी शुरूआत कैसे हुई? इसके बारे में विस्तार से बताते है।

विश्व एड्स दिवस कब मनाया जाता है?
विश्व एड्स दिवस कब मनाया जाता है?
वर्ल्ड एड्स डे के बारे में जानकारी:
नाम:विश्व एड्स दिवस
तिथि:01 दिसम्बर (वार्षिक)
शुरूआत:वर्ष 1988 में
पहली बार:01 दिसंबर 1988
उद्देश्य:एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए समर्थन दिखाना और एड्स संबंधित बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाना
थीम (2023):जल्द ही घोषित की जाएगी

 

विश्व एड्स दिवस की शुरूआत कैसे हुई? (इतिहास)

प्रत्येक वर्ष पहली दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है, 1988 में स्थापित यह दिवस वैश्विक स्वास्थ्य के लिए पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस था। इसकी शुरूआत का पहला कदम अगस्त 1987 में ‘जेम्स डब्ल्यू वन‘ और ‘थॉमस मैटर‘ नाम के दो व्यक्तियों ने सबसे पहले आगे बढ़ाया।

जेम्स और थॉमस दोनों ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में एड्स ग्लोबल कार्यक्रम के अधिकारी के रूप में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में नियुक्त किए गए थे। और उन्हीं के द्वारा WHO के ग्लोबल ऑन एड्स के डायरेक्टरेट जॉनाथन मान के सामने यह सुझाव रखने पर और जोनाथन को यह सुझाव उचित लगने पर 1 दिसंबर 1988 को वर्ल्ड एड्स डे मनाने के के लिए इस दिन को चुना गया।

 

वर्ष 1998 से ही हर साल 18 मई को विश्व एड्स वैक्सीन दिवस मनाया जाता है। जिसका मकसद HIV एड्स संक्रमण की रोकथाम में वैक्सीन के महत्व और इसके प्रति जागरूकता फैलाना है।

 

वर्ल्ड एड्स दिवस क्यों मनाया जाता है? (उद्देश्य)

विश्व एड्स दिवस मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के लोगों के लिए एचआईवी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होकर खड़े होने, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने के लिए समर्थन दिखाने, और एड्स से संबंधित बीमारी से मरने वाले लोगों के लिए शोक मनाने का दिन है।

इसका मुख्य मकसद एड्स जैसे रोगों के बारे में जागरूकता फैलाना और एचआईवी संक्रमण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यानी कि एड्स होने के कारणों और इसके लक्षणों को समझाना है और इससे बचने के उपायों को लोगों तक पहुंचाना होता है।

 

विश्व एड्स दिवस का महत्व (HIV STATISTICS):

  • UNAIDS के आंकड़ों के अनुसार वैश्विक स्तर पर लगभग 3 करोड़ 84 लाख़ लोग 2021 में एचआईवी वायरस के साथ जी रहे थे।

  • इस वायरस की पहचान 1984 में ही की जा चुकी है लेकिन इसके बावजूद भी अब तक 4 करोड़ 1 लाख़ से अधिक लोग एचआईवी एड्स से मर चुके हैं

  • अकेले 2021 में ही लगभग 1.5 करोड़ लोग संक्रमित हुए और तकरीबन 650,000 लोग एड्स संबंधित बीमारियों से मारे गए।

  • एड्स से अब तक तकरीबन 8 करोड़ 42 लाख़ लोग संक्रमित हो चुके है।

  • लगभग 2 करोड़ 87 लाख़ लोग 2021 में एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी का उपयोग कर रहे थे।

ये आंकड़े देखकर समझा जा सकता है कि यह कितना विनाशकारी संक्रामक रोग है।


World AIDS Day Image
World AIDS Day Image

 

विश्व एड्स दिवस 2023 की थीम क्या है? (World AIDS Day Theme)

हर साल यह दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है इस साल विश्व एड्स दिवस 2023 की थीम अभी घोषित की जानी बाकी है, हालांकि पिछली साल 2022 का विषय ‘बराबर‘ (Equalize) था। “बराबर” नारा हम सभी के लिए असमानताओं को दूर करने और एड्स को समाप्त करने में मदद करने का आग्रह करता है।

World AIDS Day 2021 की Theme ‘End inequalities, end AIDS, end Pandemics’ (असमानताओं को समाप्त करें, एड्स को समाप्त करें) थी।

आपको बता दें की वर्ष 1988 में पहले वर्ल्ड एड्स डे की थीम ‘Communication‘ रखी गई थी।


Vishwa AIDS Diwas Themes List

  • 2022: Equalize
  • 2021: End inequalities. End AIDS. End pandemics.
  • 2020: Global solidarity, shared responsibility
  • 2019: Communities make the difference
  • 2018: Know your status
  • 2017: My Health, My Right
  • 2016: Hands up for #HIVprevention
  • 2015: On the fast track to end AIDS
  • 2014: Close the gap
  • 2013: Zero Discrimination
  • 2012: Together we will end AIDS
  • 2011: Getting to Zero
  • 2010: Universal Access and Human Rights

 

 

World Aids Day कैसे मनाया जाता है? (Celebration)

विश्व एड्स दिवस दुनिया भर में एचआईवी संक्रमित लोगों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर है, अधिकांश लोग इस दिन जागरूकता के लिए लाल रिबन (Red Ribbon) पहनते हैं, यह लाल रिबन ऑनलाइन स्टोर या किसी भी केमिस्ट स्टोर से खरीदे जा सकता है। इस साल डिजिटल रेड रिबन भी उपलब्ध है।

  • हर साल वर्ल्ड एड्स डे के मौके पर संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां, सरकारें एवं नागरिक समाज में एचआईवी से संबंधित विशिष्ट विषयों पर चलाए जा रहे अभियानों में शामिल होते हैं।

  • फंड जुटाने के लिए भी यह दिन काफी महत्वपूर्ण होता है लोग समुदायों एवं इससे जुड़े संगठनों को दान करते हैं।

  • एचआईवी के साथ रहने वाले लोग अपने जीवन के जरूरी मुद्दों पर अपनी आवाज उठाते हैं।

  • दुनिया भर में इस दिन इस संक्रमण के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाली गतिविधियां की जाती है।

 

AIDS क्या है? इसकी Full Form और लक्षण?

AIDS की फुल फॉर्म ‘एक्वायर्ड इम्यून डिफिशिएंसी सिंड्रोम‘ है, यह ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होने वाला संक्रमण है जो इससे संक्रमित व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बना देता है। जिसके कारण शरीर बीमारियों से लड़ने की क्षमता खोने लगता है। (एड्स का अंतरराष्ट्रीय चिन्ह रेड रिबन है।)

 

एचआईवी के लक्षण (Symptioms of HIV AIDS)

दोस्तों HIV कोई खांसी जुखाम जैसी बीमारी नहीं है यह धीरे धीरे आपको कवर करती है और यह संक्रमण हो जाने पर थकावट महसूस होना, स्किन प्रॉब्लम, बुखार आना, उल्टी दस्त होना, जुखाम, गले में खराश, भूख कम लगना, पसीना आना, सांस लेने में समस्या, वजन घटना आदि जैसे लक्षण सामने निकल कर आते हैं।

 

एड्स होने के कारण (Cause Of AIDS In Hindi)

  • असुरक्षित यौन संबंध: एड्स होने का सबसे मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध यानि बिना कंडोम के सेक्स (यौन-क्रिया) माना जाता है। इसका अर्थ यह है कि अगर आप किसी HIV Positive व्यक्ति से अनसेफ सेक्स करते हैं तो आप HIV ग्रस्त हो सकते हैं।

  • संक्रमित सुई: बार-बार इस्तेमाल किए जाने वाले इंजेक्शन से भी एड्स होने की संभावना होती है, हमेशा इंजेक्शन के लिए नए सुई का ही इस्तेमाल करें।

  • संक्रमित महिला का बच्चा: अगर कोई महिला HIV संक्रमित है, तो हो सकता है कि उसके गर्भ से पैदा होने वाला बच्चा भी इससे संक्रमित हो, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वह इससे ग्रस्त ही होगा।

  • संक्रमित खून: खून चढ़ाते समय हमेशा खून की जांच की जानी चाहिए, अगर कोई भी ब्लड सैंपल HIV Positive है, तो उसे किसी भी मरीज को नहीं चढ़ाना चाहिए।

 

एड्स के बारे में फैलाई गई पांच गलतफहमी (Misconception)

  • चुम्बन से: एचआईवी संक्रमित पीड़ितों के सलाइवा (लार) में HIV वायरस की मात्रा काफी कम या न के बराबर होती है इसलिए यह चुम्बन से नहीं फैलता।

  • पानी से: एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के स्विमिंग पूल में नहाने, उसके कपड़े धोने, उसका जूठा पानी पीने यहां तक कि बाथरूम का इस्तेमाल करने से भी यह वायरस नहीं फैलता।

  • साथ रहने से: यह वायरस हवा से नहीं फैलता, इसके आलावा आपके आस पास एचआईवी पीड़ित व्यक्ति के छींकने या थूकने से भी यह वायरस नहीं फैलता।

  • मच्छर काटने से: मच्छर से मलेरिया डेंगू जैसी बीमारी जरूर हो सकती है, लेकिन एचआईवी एड्स पीड़ित को काटे हुए मच्छर के आप के काटने से यह संक्रमण नहीं फैलता।

  • हर किसी से हो सकता है: आपको एचआईवी AIDS हर किसी से नहीं, लेकिन किसी भी ऐसे इंसान से हो सकता है जो पहले से ही एचआईवी ग्रसित है, जिसमें अनसेफ सेक्स, संक्रमित सुई, संक्रमित व्यक्ति का रक्त चढ़ाने और ऑर्गन ट्रांसप्लांट से साथ ही एचआईवी ग्रसित मां से उसके बच्चे को हो सकता है।

 

एड्स रोग की खोज कब हुई और यह भारत में कब आया?

एड्स रोग की खोज वर्ष 1981 में हुई तथा भारत में इसका पहला मामला वर्ष 1986 में मद्रास में सामने आया था।