World Toilet Day 2020: कब, क्यों और कैसे मनाते है विश्व शौचालय दिवस? टॉयलेट का महत्व और थीम
वर्ल्ड टॉयलेट डे २०२०: हमारे देश भारत (India) और विश्व में स्वच्छता और निजता पर कॉफी जोर दिया जा रहा है जिसका संबंध सीधा टॉयलेट (Toilet) से है शौचालय होने से स्वच्छता और निजता दोनों का अभाव नहीं होता।
विश्व भर में शौचालय के महत्व को समझाने के लिए ही हर साल 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) या अन्तर्राष्ट्रीय शौचालय दिवस (International Toilet Day) मनाया जाता है।
शौचालय दिन ऐसे लोगों में जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है जिनके पास अब भी शौचालय नहीं है, जो कि आज हर व्यक्ति का मूलभूत अधिकार है साथ ही शौचालय आपको स्वस्थ रखने में काफी सहायता करता है।
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World Toilet Day 2020 in Hindi |
आइए अब आपको विश्व शौचालय दिवस कब मनाया जाता है? वर्ल्ड टॉयलेट डे 2020 क्यों मनाते है और यह अन्तर्राष्ट्रीय दिवस कैसे मनाया जाता है? तथा 2020 की थीम (Theme) क्या है और शौचालय के महत्व के बारे में हिंदी में बताते हैं।
विश्व शौचालय दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? (World Toilet Day 2020 Date)
विश्व शौचालय दिवस लोगों को शौचालय स्वच्छता और निजता के लिए जागरूक करने के मकसद से हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है, इस बार 2020 में भी वर्ल्ड टॉयलेट डे गुरूवार 19 नवंबर को मनाया जा रहा है।
विश्व शौचालय दिवस की स्थापना 19 नवंबर 2001 को, सिंगापुर के एक परोपकारी व्यक्ति 'जैक सिम' द्वारा विश्व शौचालय संगठन (WTO) की स्थापना की गई थी। हालांकि बाद में इसे 2013 में संयुक्त राष्ट्र संगठन द्वारा आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र विश्व शौचालय दिवस घोषित किया गया।
डब्ल्यूटीओ ने सार्वजनिक संदेश देने में आसानी के लिए और इस दिन को मनाने के लिए "विश्व शौचालय दिवस" (World Toilet Day") नाम चुना "World Sanitation Day" "विश्व स्वच्छता दिवस" नहीं। वैसे भी, शौचालय स्वच्छता प्रणालियों का पहला चरण है।
WTO क्या है?: WTO की फुल फॉर्म World Toilet Organisation (विश्व शौचालय संगठन) है यह एक इंटरनेशनल नॉनप्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है, जो दुनिया भर में स्वच्छता और शौचालय से संबंधित विषयों पर काम करती है।
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वर्ल्ड टॉयलेट डे क्यों मनाया जाता है?
विश्व शौचालय दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को खुले में शौच करने से रोकना और शौचालय के मानव अधिकार को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना और समझाना है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय शौचालय दिवस मनाए जाने का मुख्य कारण स्वच्छता, स्वास्थ्य और सुरक्षा की नीति को मजबूत करना है और खुले में शौच करने से होने वाले नुकसान से दुनिया को आगाह करना है।
खुले में शौच जाने के कारण महिलाओं के यौन शोषण में आई वृद्धि को समाप्त करना और खुले में शौच से फैलने वाली अस्वछता से होने होने वाले संक्रमणों से बचाव के उद्देश्यों से विश्व स्तर पर वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाया जाता है।
आप सभी महात्मा गांधी जी के बारे में तो जानते ही है, महात्मा गाँधी जी स्वतंत्रता से ज्यादा स्वछता पर जोर देते थे। वे स्वछता को ही सेवा समझते थे, भारत में भी स्वछता को लेकर बहुत से अभियान चलाए जा रहे है।
विश्व शौचालय दिवस की थीम (World Toilet Day 2020 Theme In Hindi)
World Toilet Day 2020 की Theme Sustainable Sanitation and Climate Change (क्लाइमेट सैनिटेशन एंड क्लाइमेट चेंज) है, जिसे हिंदी में "स्वीकार्य स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन" कहा जा सकता है।
हर साल International Toilet Day एक नई थीम के साथ मनाया जाता है, जिस थीम का कोई ना कोई अर्थ जरूर होता है, 2016 से, विश्व जल विकास रिपोर्ट के आधार पर, विश्व शौचालय दिवस और विश्व जल दिवस दोनों के लिए एक ही समग्र वार्षिक थीम का उपयोग किया गया है।
विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) की पिछली सभी Themes:
Year | World Toilet Day Theme |
---|---|
2020 | Sustainable Sanitation and Climate Change |
2019 | Leaving No One Behind |
2018 | Nature-based solutions (slogan: When Nature calls) |
2017 | Wastewater |
2016 | Toilets and jobs |
2015 | Toilets and nutrition |
2014 | Equality and dignity |
2013 | Tourism and water |
2012 | I give a shit, do you? (slogan) |
शौचालय का महत्व (Importance of Toilet in Hindi)
स्वच्छता: शौचालय में शौच करने से आसपास का माहौल स्वच्छ रहता है जिससे आप प्रकृति को खुलकर महसूस कर सकते हैं। शौचालय ना होने पर खुले में शौच करने से वातावरण दूषित होता है, साथ ही बदबू से आप वहां की सुंदरता को देखे बिना ही नाक बंद करके तेजी से निकल जाते हैं।
पर्यावरण में स्वच्छता के अभाव के कारण सांस लेने में दिक्कत होती है और प्रकृति की सुंदरता में भी कमी आती है।
स्वास्थ्य: शौचालय में शौच करने से स्वच्छता के कारण आप कई भयंकर महामारी और बीमारियों से बचे रहते हैं, एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में 5 लाख 26 हजार बच्चे (जिनकी आयु 5 साल से कम थी) अस्वच्छता, गंदगी और दूषित पानी की वजह से मर गए।
वहीं 2016 में WASHwatch की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ असुरक्षित जल और स्वच्छता के आभाव के कारण दस्त की बीमारी से हर साल 315,000 बच्चे अपनी जान गवा देते है।
शौचालय छोड़ खुले में शौच जाने से उल्टी-दस्त, हैजा तपेदिक डायरिया जैसी घातक बीमारियां अपने पांव पसारती हैं।
सुरक्षा: देश में सुरक्षा एक अहम मुद्दा है जब आप अपने घर की महिलाओं को खुले में शौच के लिए भेजते हैं तो आप उनसे गोपनीयता का अधिकार छीन लेते हैं।
खुले में शौच करना उनके लिए एक शर्म वाली बात है, साथ ही उन्हें शौच के लिए अँधेरे का इंतजार करना पड़ता है तथा कई महिलाएं खुले में शौच के कारण यौन उत्पीड़न का भी शिकार हो चुकी हैं।
इतना ही नहीं खुले में शौच जाने से जानवरों, कीड़े-मकोड़े और सांप जैसे जानलेवा जीव के काटने का डर हमेशा बना रहता है, जिससे बच्चों को भी काफी असुविधा होती है।
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विश्व शौचालय दिवस कैसे मनाया जाता है? (World Toilet Day is Celebration)
पूरी दुनिया में 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें हर साल एक नई Theme होती है, और इसके तहत कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।
साथ ही देश में स्वच्छता और शौचालय के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन कई जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं संयुक्त राष्ट्र संगठन के सभी देश इस दिन को काफी उत्साह के साथ मनाते हैं।
भारत में भी अंतर्राष्ट्रीय शौचालय दिवस को एक खास मकसद से मनाया जाता है दिल्ली के शौचालय संग्रहालय में इस दिन खास कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, अब तक सरकार और संगठनों के प्रयासों से देश में शौचालयों की संख्या में काफी सुधार देखने को मिला है।
बीते साल 2018 में विश्व शौचालय दिवस के Event में Digital Solutions को बढ़ावा देने के लिए घाना में 'हैकथॉन' जैसी विविध गतिविधियों को शामिल किया गया था।
कनाडा में बॉलीवुड फिल्म टॉयलेट: एक प्रेम कथा (अंग्रेजी में - Toilet: A Love Story) की स्क्रीनिंग और चर्चा तथा भारत में एक स्कूल ड्रॉइंग प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी।
वहीं पिछली साल 2019 में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसका शीर्षक "खाद प्रबंधन - युवा कौन सिखा सकता है!" था। इसी के साथ आयरलैंड में भी कला प्रतिष्ठान के रूप में "थिंक बिफोर यू फ्लश" विषय के तहत इस दिन को सेलिब्रेट किया गया था।
मध्य प्रदेश (भारत) में ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान "सभी के लिए शौचालय" (Toilets for all Campaign) चलाया जा रहा है।
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अंतिम शब्द
अब तो आप वर्ल्ड टॉयलेट डे २०२० के बारे में पूरी तरह से समझ ही गए होंगे, अगर आपको शौचालय दिवस कब, क्यों और कैसें मनाया जाता है? तथा Toilet के महत्व (Importance) और Theme की यह जानकारी पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।