क्या है eSIM टेक्नोलॉजी? अब बिना सिम कार्ड के चलेंगे फोन?

यहाँ जानिए ई-सिम कार्ड क्या है और कैसे काम करता है? इसे कैसे चालू करें, इसके फायदे और नुकसान और भारत में eSIM सपोर्टेड फोन और ऐक्टिवेशन का तरीका।

ई-सिम कार्ड क्या होता है? कैसे काम करता है? इसे चालू कैसे करें?

आज समय के साथ तकनीक में काफी बदलाव हुए हैं। जहाँ पहले फोनों में बड़े आकार के सिम कार्ड का इस्तेमाल होता था, फिर मिनी सिम, माइक्रो सिम और नैनो सिम आएं लेकिन अब ई-सिम कार्ड का जमाना आ गया है। दरअसल ई-सिम का पूरा नाम ‘एंबेडेड सब्सक्राइबर आईडेंटिटी मॉड्यूल‘ (Embedded Subscriber Identity Module) है।

दुनिया भर में लॉन्च होने वाले ज्यादातर फोनों में अब eSIM का विकल्प दिया जाता है। ऐसे में आपको यह जानना जरूरी है कि एम्बेडेड सिम क्या है, यह कैसे काम करता है, इसके फायदे क्या हैं, सपोर्टेड डिवाइसेस और इसे एक्टिवेट कैसे करें।

eSim क्या होता है?
eSim क्या होता है?

ई-सिम का फीचर पहली बार 2016 में सैमसंग गियर S2 फोन में 3G सिम के रूप में देखा गया था। बाद में यह तकनीक एप्पल वॉच सीरीज 3 में भी उपयोग की गई। इसके बाद, आईपैड और गूगल के स्मार्टफोनों में भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया। आज एप्पल, सैमसंग के लेटेस्ट स्मार्टफोन और गूगल की पिक्सेल सीरीज के कई स्मार्टफोन तथा स्मार्टवॉच कनेक्टिविटी के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल करते हैं।

 

ई-सिम कार्ड क्या है?

ई-सिम (Embedded Subscriber Identity Module) एक डिजिटल सिम कार्ड है, जो पारंपरिक फिजिकल सिम कार्ड की जगह लेता है। यह सिम कार्ड आपके डिवाइस में इम्बेडेड होता है और इसे हटाया या बदला नहीं जा सकता। ई-सिम को सीधे डिवाइस के अंदर ही सक्रिय किया जा सकता है और यह वायरलेस नेटवर्क पर काम करता है।

आसान भाषा में समझें तो ई-सिम एक ऐसा सिम होता है जो आपके फोन में पहले से ही मौजूद होता है। सर्विस प्रोवाइडर को बस आपके अकाउंट को इस सिम और कंपनी से कनेक्ट करना होता है। इसके बाद, कंपनी द्वारा मोबाइल टॉवर या नेटवर्क से सिम को कनेक्ट कर दिया जाता है और आपकी सभी सेवाएं OTA (ओवर द एयर) के जरिए शुरू हो जाती हैं।


eSim कैसे काम करती है?

E-Sim स्मार्टफोंस और स्मार्टवॉच में इनबिल्ट आने वाला एक वर्चुअल सिम होता हैं और इसमें मौजूद चिप में प्रोग्रामिंग की मदद से ही फिजिकल सिम की तरह काम करने वाले प्रोग्राम डाल दिए जाते हैं, जिसके बाद किसी आम फिजिकल सिम की तरह ही इसे भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसका साइज 6x5mm होता है जो पहले से ही स्मार्टफोन या डिवाइस के मदरबोर्ड में इंस्टॉल होकर आता है। इसे आप निकाल नहीं सकते परंतु इसमें मौजूद रीराइटेबल तकनीक की मदद से आप अपने नंबर या ऑपरेटर को आसानी से बदल सकते हैं।



eSim को Activate या चालू कैसे करे?

eSim को एक्टिव या चालू करने के लिए ग्राहकों को नेटवर्क प्रोवाइडर की सर्विस को फोन में इंस्टॉल करना होता है जो इसमें मौजूद चिप के जरिए शुरू कर दी जाती है। ई-सिम को एक्टिव करने के लिए आपको बारकोड को स्कैन करना होता है, आइए आपको स्टेप बाय स्टेप इसका Activation Process बताते हैं।

  • Step #1: सबसे पहले आप अपने नेटवर्क प्रोवाइडर कंपनी से संपर्क करें और KYC कराने के बाद QR Code प्राप्त करें।
  • Step #2: क्यूआर कोड मिल जाने के बाद अपने eSim सपोर्टेड स्मार्टफोन की Setting में जाएं।
  • Step #3: यहां Mobile Data या Cellular Data के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • Step #4: अब Add a Plan के ऑप्शन को चुने।
  • Step #5: और कंपनी द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड को स्कैन करें।
  • Step #6: बस हो गया आपकी ई-सिम कुछ ही देर में एक्टिवेट कर दी जाएगी।
  • Step #7: और आपको OTA (over-the-air) के जरिए उस ऑपरेटर का सब्सक्रिप्शन प्लान मिल जाएगा।

हालांकि न्यू eSim कनेक्शन लेने के लिए आप कंपनी से संपर्क कर सकते हैं या फिर इनके स्टोर पर जाकर वहां से अपने इसे एक्टिवेट करवा सकते हैं। कंपनी के स्टोर पर जाते समय अपना वह फोन जरूर लेकर जाए जिसके लिए आप E-Sim प्राप्त करना चाहते हैं। साथ ही अपना ID Proof और पासपोर्ट साइज़ फोटो भी लेकर जाए।


 

कैसे पता करें आपका फोन eSIM सपोर्ट करता है या नहीं?

आपका फोन eSIM को सपोर्ट करता है या नहीं? यह जाँचना आसान है और iOS या Android डिवाइस के लिए लगभग समान है। बस इन चरणों का पालन करें:

  • अपने फोन में सेटिंग्स ऐप खोलें।
  • “कनेक्शंस” या “नेटवर्क और इंटरनेट” विकल्प पर टैप करें।
  • सिम कार्ड मैनेजर” या “मोबाइल नेटवर्क” पर जाएं।
  • अगर यहाँ “eSIM जोड़ें” का विकल्प दिखता है, तो आपका डिवाइस eSIM को सपोर्ट करता है।

सभी फोन में ई-सिम का उपयोग नहीं किया जा सकता। केवल उन्हीं फोन में इसका उपयोग संभव है जो इस तकनीक को सपोर्ट करते हैं, जैसे कि नवीनतम आईफोन मॉडल और कुछ एंड्रॉइड फोन।


 

ई-सिम कार्ड के फायदे और नुकसान

  • ई-सिम फोन में एंबेड होकर आता है इसीलिए यह आपके फोन से अलग नहीं किया जा सकता और इसी वजह से यह कभी खोता (Lost) भी नहीं है।
  • ऑपरेटर या नंबर बदलने के लिए बार-बार sim निकालने या डालने की झंझट खत्म हो जाती है।
  • अलग अलग फोन अलग अलग साइज के सिम को सपोर्ट करते हैं लेकिन eSim में Size की झंझट नहीं होती।
  • इसके इस्तेमाल से फोन में स्पेस बचाया जा सकेगा और आने वाली टेक्नोलॉजी में यह वरदान साबित होगी।
  • MNP करना काफी आसान हो जाएगा और आप आसानी से बिना सिम बदले ही अपनी सिम को पोर्ट करा सकेंगे।
  • यह आपके फोन की बैटरी को भी बचाएगा।

इसके कुछ नुकसान या कमियाँ?

  • 1. सभी डिवाइस में उपलब्ध नहीं: सभी स्मार्टफोन्स और डिवाइस में ई-सिम सपोर्ट नहीं होता।
  • 2. नेटवर्क प्रोवाइडर निर्भरता: सभी नेटवर्क प्रोवाइडर्स ई-सिम सपोर्ट नहीं करते।
  • 3. प्रोसेसिंग समय: एम्बेडेड-सिम को सक्रिय करने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है।
  • 4. डेटा ट्रांसफर चुनौतियां: अगर आप डिवाइस बदलते हैं, तो डेटा ट्रांसफर की प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो सकती है।

इस तरह की सिम का सबसे बड़ा नुकसान यही होगा कि जब आपके फोन की बैटरी खत्म हो जाएगी तो आप अपनी सिम को किसी और फोन में नहीं लगा पाएंगे। हालांकि आने वाले समय में इस समस्या से भी छुटकारा पाने के लिए किसी नई टेक्नोलॉजी का आगमन जरूर होगा।



ई-सिम और फिजिकल सिम में क्या अंतर है?

ई-सिम और फिजिकल सिम दोनों सिम कार्ड हैं, लेकिन इनमें कई अंतर हैं। फिजिकल सिम एक पारंपरिक प्लास्टिक कार्ड है जिसे डिवाइस में डालकर सक्रिय किया जाता है और इसे आसानी से निकाला जा सकता है। दूसरी ओर, ई-सिम डिवाइस में इम्बेडेड होती है और इसे हटाया नहीं जा सकता।

एम्बेडेड-सिम का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसे सक्रिय करना और नेटवर्क प्रोफाइल्स स्विच करना अधिक सुविधाजनक है। आपको केवल नेटवर्क प्रोवाइडर से एक QR कोड स्कैन करना होता है। इसके अलावा, यह अधिक सुरक्षित होती है क्योंकि इसे फिजिकल रूप से चुराया नहीं जा सकता।

फिजिकल सिम का फायदा यह है कि इसे आसानी से एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में ट्रांसफर किया जा सकता है, लेकिन यह खोने या चोरी होने का जोखिम रखती है। कुल मिलाकर, ई-सिम अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित है, जबकि फिजिकल सिम पारंपरिक और सीधे उपयोग के लिए उपयुक्त है।


कौन-कौन से डिवाइस eSim को सपोर्ट करते है?

कुछ स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच और कुछ स्मार्ट डिवाइसेज एम्बेडेड सिम को सपोर्ट करती हैं। सैमसंग, आईफोन एवं गूगल के साथ ही कई अन्य कंपनियों जैसे मोटोरोला, Xiaomi, Vivo, Oneplus, Oppo, Sony आदि के नए प्रीमियम फोंस में अब ई-सिम का सपोर्ट दिया जाने लगा है।

Samsung का Samsung Galaxy Z Flip और Samsung Galaxy Fold, Apple का iPhone 15, iPhone 11, 11 Pro, 11 Pro Max, iPhone Xs, iPhone SE, iPhone Xs Max और iPhone Xr, Google का Pixel 3, Pixel 3 XL, Pixel 3A और Pixel 3A XL तथा Motorola Razr, Moto G54, XIAOMI 14 प्रो आदि भारत में eSim Technology के साथ आने वाले Mobile Handset Models है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

कौन-कौन से भारतीय ऑपरेटर ई-सिम सर्विस प्रदान करते हैं?

भारत में रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया (VI) अपने ग्राहकों को e-Sim की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। Vi ने अभी कुछ साल पहले ही इसकी सर्विसेज को अपने पोस्टपेड यूजर्स के लिए दिल्ली, गुजरात और मुंबई के लिए लांच किया है।


क्या मैं e-सिम लेने के बाद अपना ऑपरेटर बदल सकता हूं?

E-Sim पूरी तरह से फिजिकल सिम की तरह ही काम करती है और इसमें Rewritable फीचर होने के कारण आप फिजिकल सिम के मुकाबले इस सिम पर काफी आसानी से ऑपरेटर को बदल सकते हैं। साथ ही आप आसानी से अपने नंबर को भी बदल सकते हैं।


एक स्मार्टफोन में कितने ई-सिम प्रोफाइल स्टोर किए जा सकते हैं।

आप अपने स्मार्टफोन में कई ई-सिम प्रोफाइल को सेव कर सकते हैं लेकिन आपको ज्यादा से ज्यादा 3 प्रोफाइल को ही रखना चाहिए। हालांकि आप एक बार में केवल एक ही सिम प्रोफाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं।


ई-सिम को सक्रिय करने में कितना समय लगता है?

ई-सिम को सक्रिय करने में सामान्यतः कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटे लग सकते हैं, यह आपके नेटवर्क प्रोवाइडर और कनेक्शन की गुणवत्ता पर निर्भर करता है।


क्या मैं एक ही समय में फिजिकल सिम और ई-सिम का उपयोग कर सकता हूँ?

हाँ, अधिकांश स्मार्टफोन जो ई-सिम सपोर्ट करते हैं, वे फिजिकल सिम और ई-सिम दोनों का एक साथ उपयोग करने की अनुमति देते हैं, जिससे आप दो नेटवर्क पर एक साथ कनेक्ट रह सकते हैं।


अगर मैं अपना फोन बदलता हूँ तो क्या मेरा eSIM ट्रांसफर हो जाएगा?

ई-सिम ट्रांसफर की प्रक्रिया फिजिकल सिम की तुलना में थोड़ी जटिल हो सकती है। आपको नए डिवाइस में ई-सिम प्रोफाइल को पुनः स्थापित करना होगा। इसके लिए आपको अपने नेटवर्क प्रोवाइडर से संपर्क करना होगा।


क्या एम्बेडेड-सिम का उपयोग सुरक्षित है?

हाँ, ई-सिम का उपयोग सुरक्षित है। यह डिजिटल तकनीक पर आधारित होने के कारण, इसके फिजिकल सिम की तुलना में खोने या चोरी होने की संभावना नहीं होती।



अंतिम शब्द

E-Sim आने वाले समय में टेक्नोलॉजी में काफी ज्यादा बदलाव लाएगी और अब आपको मिनी, माइक्रो और नैनो सिम कार्ड को चुनने और इसे काटने छाटने और बार-बार सिम ट्रे को निकालकर इसमें सिम डालने और निकालने से भी छुटकारा मिल जाएगा।

ई-सिम के बारे में आपके क्या विचार हैं क्या यह सचमुच आने वाला फ्यूचर है या फिर इसके मुकाबले फिजिकल सिम अच्छा है? हमें अपने विचार Comment करके बताएं और अगर आपको eSim से जुड़ी यह जानकारी पसंद आई और यूज़फुल लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर जरूर शेयर करें।

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