World Population Day कब और क्यों मनाया जाता है?
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर 11 जुलाई 2024 को गुरुवार के दिन 35वां विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1989 में की गई थी, जिसके बाद 1990 में इसे पहली बार वैश्विक स्तर पर 90 से अधिक देशों में जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इसे मनाया गया।
एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2011 में दुनिया की आबादी 7 अरब थी, जो साल 2023 में 8 अरब तक पहुंच गयी है। दुनियाभर में जनसंख्या की वृद्धि इतनी तेजी से हो रही है कि 2030 तक यह संख्या 8.5 अरब तक पहुंचने का अनुमान है और अगले 20 सालों में (2050 तक) यह 9.7 अरब तक बढ़ने की संभावना है।
नाम | विश्व जनसंख्या दिवस (वर्ल्ड पापुलेशन डे) |
तिथि | 11 जुलाई (वार्षिक) |
पहली बार | 11 जुलाई 1990 |
शुरुआत | 1989 में UNDP की पहल पर संयुक्त राष्ट्र (UNGA) द्वारा |
उद्देश्य | बढती आबादी से होने वाली समस्याओं और इसके नियंत्रण के लिए जागरूकता फैलाना। |
थीम (2024) | किसी को पीछे न छोड़ने के लिए सभी को गिनें |
विश्व जनसंख्या दिवस की शुरूआत कब और कैसे हुई? (इतिहास)
हर साल 11 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की सिफारिश पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा तेजी से बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से की गई थी।
दरअसल इस दिवस की स्थापना यूएनडीपी द्वारा 11 जुलाई 1989 को की गई थी जो 1987 के उस दिन (Five Billion Day) को रेखांकित करता है जब दुनिया की आबादी 5 अरब के आंकड़े तक पहुंच गई थी।
ऐसे में तेजी से बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय बन गया जिसके फलस्वरुप जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन के प्रति वैश्विक स्तर पर जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा यह महत्वपूर्ण दिवस मनाए जाने फैसला लिया गया।
आपको बता दें कि दुनिया की आबादी 1 अरब तक पहुंचने में हजारों वर्षों का समय लग गया लेकिन इसके बाद इसे दुगना होने में कुछ ही सालों का वक्त लगा।
अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या दिवस क्यों मनाते है? (उद्देश्य)
किसी भी विकसित या विकासशील देश के लिए बढ़ती आबादी चिंता का विषय है इसलिए यह दिन राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
11 जुलाई को मनाया जाने वाला विश्व जनसंख्या दिवस बढ़ती आबादी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने का दिन है।
यह लोगों को यह समझाने का भी दिन है कि बढ़ती जनसंख्या भयंकर विपदाएं लेकर आएंगी और आने वाली पीढ़ी पर इसका बुरा असर होगा।
इसके अलावा बढ़ती जनसंख्या से निपटने के लिए दुनिया भर में परिवार नियोजन जैसे समाधान के बारे में लोगों को जागरूक करना भी इस दिन का मुख्य मक़सद है।
● 1 जुलाई – डॉक्टर दिवस
● 2 जुलाई – विश्व UFO दिवस
● 6 जुलाई – चुंबन दिवस
● 7 जुलाई – चॉकलेट दिवस
● जुलाई महीने के सभी महत्वपूर्ण दिवस
क्यों जरूरी है पॉपुलेशन डे मनाना (महत्व)
दुनिया की बड़ी आबादी के लिए संसाधन पर्याप्त मात्रा में नहीं है ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण महत्वपूर्ण हो जाता है। अधिक जनसंख्या अक्सर किसी भी देश को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है, जितनी ज्यादा जनसंख्या उतनी ही ज्यादा समस्याएं।
इसकी वृद्धि चिकित्सा से लेकर शैक्षिक सेवा क्षेत्रों में कमियां और रोजगार का आभाव लेकर आएंगी। महंगाई, गरीबी, कुपोषण और भुखमरी में बढ़ोतरी होगी और सभी के लिए खाद्यान्न और स्वच्छ पीने के पानी की कमी होगी।
रहने, खाने, पहनने, परिवहन और ऊर्जा के लिए जंगल और इसके संसाधनों का हनन होगा और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचेगा, फलस्वरूप विभिन्न आपदाओं के आने का जोखिम बढ़ेगा।
अधिक जनसंख्या महामारियो के प्रसार में मदद करती है, हम सभी ने घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कोविड-19 महामारी के तेजी से होते प्रसार को देखा है।
World Population Day Hindi Quotes Images (जनसंख्या पर स्लोगन)
जन-जन का हो एक विचार,
छोटा परिवार सुखी परिवार।
जब जनसँख्या पर होगा लगाम,
तभी विश्व में भारत का होगा नाम।
जब जनसंख्या होगी कम,
तब सुखी रहेंगे हम!
बढ़ती आबादी त्रासदी का कारण,
परिवार नियोजन से होगा निवारण।
आबादी पर सब करो नियंत्रण,
तभी मिलेगा खुशियों को आमंत्रण।
विश्व जनसंख्या दिवस 2024 की थीम क्या है? (World Population Day Theme)
वर्ल्ड पापुलेशन डे हर साल एक खास Theme पर आधारित होता है, इस साल विश्व जनसंख्या दिवस 2024 की थीम ‘किसी को पीछे न छोड़ने के लिए सभी को गिनें’ (To Leave No One Behind, Count Everyone) है। जो पिछली साल 2023 में ‘लैंगिक समानता की शक्ति को उजागर करना: हमारी दुनिया की अनंत संभावनाओं को खोलने के लिए महिलाओं और लड़कियों की आवाज़ को ऊपर उठाना।’ (Unleashing the power of gender equality: Uplifting the voices of women and girls to unlock our world’s infinite possibilities) थी।
हालंकि साल 2022 में इसे “8 बिलियन की दुनिया: सभी के लिए एक लचीले भविष्य की ओर – अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना” विषय के साथ मनाया गया था। इससे पहले 2021 की Theme “अधिकार और विकल्प उत्तर है, चाहें बेबी बूम हो या बस्ट, प्रजनन दर में बदलाव का समाधान सभी लोगों के प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों को प्राथमिकता देना है।” थी और वर्ल्ड पापुलेशन डे 2020 की थीम “COVID-19 पर ब्रेक लगाना: अब महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और अधिकारों की रक्षा कैसे करें” रखी गयी थी।
2023 में सर्वाधिक आबादी वाला देश कौन सा है?
संयुक्त राष्ट्र (UN) के आंकड़ों के अनुसार चीन सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है और दूसरे नंबर पर भारत है। भारत की अनुमानित जनसंख्या वर्ष 2020 के मध्य में लगभग एक अरब 38 करोड़ लोगों की थी तो वही चाइना की जनसंख्या लगभग एक अरब 43 करोड़ लोगों की थी।
अप्रैल 2023 में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी किए गए ताज़ा आंकड़ों के अनुसार अब भारत चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बना गया है, जहाँ चीन की कुल आबादी 142.57 करोड़ है, तो वहीं भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ पर पहुंच गई है।
चीन में पिछले कई सालों से जनसंख्या पर नियंत्रण किया है, ऐसे में यूनाइटेड नेशन और अन्य संबंधी संस्थाओं ने पहले ही आगाह किया था, कि जिस दर से भारत में आबादी बढ़ रही है, उस हिसाब से यह जल्द ही जनसंख्या के मामले में नंबर-1 देश बन जाएगा। हालंकि यूनाइटेड नेशंस ने यह अनुमान लगाया था कि ऐसा होने में वर्ष 2027 तक का समय लग सकता है।
इसके अलावा दुनिया भर की पॉपुलेशन पर नजर रखने वाली संस्था वर्ल्डोमीटर के अनुसार 2030 तक भारत की जनसंख्या 150 करोड़ होगी जो उस समय चीन की आबादी से लगभग चार करोड़ ज्यादा है।
कैसे मनाया जाता है World Population Day?
वर्ल्ड पापुलेशन डे के खास मौके पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती आबादी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है।
तथा जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए परिवार नियोजन जैसे उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करने का काम किया जाता है।
इसके अलावा छोटा परिवार होने के फायदे गर्भनिरोधक दवाओ का इस्तेमाल, लिंग समानता, मातृ व शिशु स्वास्थ्य तथा परिवार नियोजन से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर कैंप लगाकर जागरूकता अभियान चलाया जाता है।
विश्व के सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश कौन से हैं?
Worldometers के अनुसार जुलाई 2023 की शुरूआत में सबसे अधिक जनसंख्या वाले टॉप 10 देश इस प्रकार है:
- चीन – 145 करोड़+
- भारत – 142 करोड़+
- अमेरिका – 33 करोड़+
- इंडोनेशिया – 28 करोड़+
- पाकिस्तान – 23 करोड़+
- नाइजीरिया – 22 करोड़+
- ब्राज़ील – 21 करोड़+
- बांग्लादेश – 16 करोड़+
- रूस – 14 करोड़+
- मक्सिको – 13 करोड़+
जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण मृत्यु दर का कम होना और जन्म दर का तेजी से बढ़ना है। इसके अलावा गर्भनिरोधक दवाओं का कम उपयोग, महिलाओं में साक्षरता की कमी, लिंग असमानता और गरीबी भी आबादी बढ़ने के मुख्य कारणों में से हैं।