अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2023: (International Day Of Non Violence)

International Day Of Non Violence 2023: अंतरराष्ट्रीय अंहिसा दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? कैसे हुई शुरुआत? जानिए महत्व

Vishva Ahimsa Diwas 2023: 2 अक्टूबर को विश्व स्तर पर महात्मा गांधी जी के जन्मदिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 15 जून 2007 में की गयी थी, जिसके बाद 02 अक्टूबर 2007 को इसे पहली बार मनाया गया।

इंटरनेशनल डे ऑफ़ नॉन-वॉयलेंस को दुनिया के 193 देशो में से 140 देशों में Celebrate किया जाता है जिसमें अमेरिका, अफ्रीका, भारत, नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश जैसे देश शामिल हैं। गांधीजी हमेशा अहिंसा को ही अपना परम धर्म मानते थे और वे सभी को ‘अहिंसा परमो धर्म:’ की सीख़ दिया करते थे।

International Day Of Non Violence 2023 in Hindi
International Day Of Non Violence 2023 in Hindi
इंटरनेशनल डे ऑफ़ नॉन-वॉयलेंस के बारे में जानकारी:
नाम:अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Non-Violence Day)
शुरूआत:15 जून, 2007
सम्बन्धित व्यक्ति:महात्मा गाँधी
तिथि:02 अक्टूबर (वार्षिक)
उद्देश्य:अहिंसा के संदेश का प्रसार करना तथा शांति, सहिष्णुता, समझ व अहिंसा की संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास करना।

 

विश्व अहिंसा दिवस की शुरुआत कब और कैसें हुई? (इतिहास)

अहिंसा दिवस की शुरुआत 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत द्वारा रखे गए प्रस्ताव को पूर्ण समर्थन मिलने के बाद विश्व भर में शांति संदेश को बढ़ावा देने एवं गांधीजी के योगदानों की सराहना करने के मकसद से शुरू किया गया था।

जनवरी 2004 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वाले ईरान के शिरीन इबादी ने ही सबसे पहले “अंहिसा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस” मनाने का सुझाव दिया था। जिसे वर्ष 2007 में भारतीय कांग्रेस पार्टी की सोनिया गांधी तथा देस्मोंड टूटू ने संयुक्त राष्ट्र के समक्ष रखा।

इसके बाद 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वोटिंग कराए जाने के बाद 2 अक्टूबर को “अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस” मनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। तभी से 2 अक्तूबर को इंटरनेशनल डे ऑफ़ नॉन-वॉयलेंस मनाया जाता है और लोगों को अहिंसा का संदेश देने के लिए प्रेरित किया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस - 2 अक्टूबर 2023
अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस – 2 अक्टूबर 2023

 

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जी की जयंती के अवसर पर विश्व स्तर पर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day Of Non Violence) मनाया जाता है, यह दिवस मनाए जाने का उद्देश्य शिक्षा एवं जन जागरूकता सहित अहिंसा के संदेश को प्रसारित करना तथा शांति एवं सहिष्णुता, की संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास करना है।

इसके साथ ही विश्व में हो रहे अपराधों, युद्धों, बढ़ते आतंकवाद और लूट मार को देखते हुए सम्पूर्ण विश्व में शांति स्थापित करना और अहिंसा के मार्ग पर चलने का सन्देश देना भी इसका मक़सद है।

विश्व को शांति और अहिंसा का मार्ग दिखाने और हिंसा ना करने का Message देने वाला यह एक ऐसा दिन है जिसके सही अर्थ को समझने के बाद आप हिंसा का मार्ग छोड़कर अहिंसा के मार्ग पर चल पडने पर मजबूर हो जाएंगे।

 

इंटरनेशनल डे ऑफ़ नॉन-वॉयलेंस का महत्व (Importance)

अहिंसा का महत्व हमारे या किसी भी व्यक्ति के जीवन में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है, आज से पहले के इतिहास में झांके तो हम पाएंगे कि कई बड़े-बड़े देश हिंसा तथा युद्ध की बलि चढ़ गए और जिन्होंने हिंसा का वह मंजर देखा है वह अब युद्ध की बातें नहीं करते।

गांधी जी ने भी युद्ध और हिंसा का अंजाम खुद अपनी आंखों से देखा था इसीलिए वह अहिंसा के पुजारी बन गए और हिंसा का विरोध करने की ठान ली।

इसलिए हमें भी अपने किसी भी विवाद या मसले को शांति पूर्वक और अहिंसा से ही समझाने का प्रयास करना चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2019 की Theme ‘जलवायु क्रिया: गांधीवादी तरीके’ (Climate Action: Gandhian Ways) रखी गई थी।

 

Ahimsa Diwas Special 2023: महात्मा गांधी और अहिंसा

गांधी जी को हमेशा से ही अहिंसा का प्रतीक माना गया है और उन्हें अहिंसा के पुजारी की संज्ञा भी दी जाती है, ऐसे में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता गांधीजी के भारत की आजादी में अहिंसा के जरिए दिए गए महत्वपूर्ण योगदानों और सहयोगों के लिए उनके जन्मदिन के अवसर पर अहिंसा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस चिन्हित किया जाता है।

महात्मा गांधी जी हिंसा के कट्टर विरोधी थे और अहिंसा को ही अपना सबसे बड़ा हथियार मानते थे। उनकी ख्याति भारत में ही नही अपितु विश्वभर में फैली हुई है।

देश की आजादी में उनका योगदान अविस्मरणीय है, उन्होंने अपने साथियों को हमेशा अहिंसा के रास्ते पर चलकर देश को आजाद करवाने की बात कही और खुद भी उसी रस्ते पर चलते हुए देश को आजादी की ओर अग्रसर किया।

बापू ने अनेकों आदोलनों की शुरूआत की लेकिन उन्होने किसी भी आन्दोलन में हिंसा का सहारा नही लिया। बापू के बारे मे अधिक जानकारी के लिए यह लेख पढ़ सकते है।

 

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर गांधीजी के विचार (कोट्स)

गरीबी हिंसा का सबसे बुरा रूप है।

आंख के बदले आंख मांगी जाएगी तो…
एक दिन पूरी दुनिया ही अंधी हो जाएगी।
अहिंसा बलवान का हथियार है।

अहिंसा परमो धर्म:

अहिंसा और सत्य अविभाज्य हैं और एक दूसरे को मानते हैं।

हम कभी भी इतने मजबूत नहीं हो सकते कि हम मन, वचन और कर्म से पूरी तरह से अहिंसक हो जाएं। लेकिन हमें अहिंसा को अपने लक्ष्य के रूप में रखना चाहिए और उसकी ओर मजबूत प्रगति करनी चाहिए।

महात्मा गांधी जी के कुछ अनमोल विचार एवं शांति संदेश पढ़ने के लिए क्लिक करें: गाँधी जी के प्रेरणादायक विचार और शायरी फोटो

 


हम सभी को भी यह दिवस पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाना चाहिये। और सभी को इस दिन के महत्व को समझाना चाहिए और सदैव अहिंसा के मार्ग पर चलने का सन्देश देना चाहिये। ताकि विश्व मे शान्ति और अमन बरकार रहें।