राष्ट्रीय बाल दिवस 2023: कब और क्यों मनाते है चिल्ड्रंस डे? (जवाहरलाल नेहरू जयंती)

बाल दिवस 2023: कब और क्यों मनाते है चिल्ड्रंस डे? चाचा नेहरू का जीवन परिचय (Children’s Day का इतिहास)

Rashtriya Bal Diwas 2023: भारत में हर साल 14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री पण्डित जवाहरलाल नेहरू जी की स्मृति में उनकी जयंती को बाल दिवस (Childrens’ Day) के रूप में मनाया जाता है। उन्हें बच्चों से बहुत ज्यादा लगाव था और बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा कहते थे। उनके मरणोपरांत भारत सरकार ने उनके जन्मदिन को राष्ट्रिय बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।

हर साल भारत में 14 नवम्बर को चिल्ड्रेंस डे के रूप में मनाया जाता हैं, तो वही हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में बच्चों को समर्पित यह दिवस 1 जुलाई को, नेपाल में 14 या 15 सितंबर को, श्रीलंका में 1 अक्टूबर को और बांग्लादेश में 27 मार्च को मनाया जाता है। बंगाली में इसे ‘शिशु दिवस‘ भी बोलते है।

Rashtriya Bal Diwas - Jawaharlal Nehru Jayanti
Rashtriya Bal Diwas – Jawaharlal Nehru Jayanti

चिल्ड्रंस डे इन इंडिया के बारे में जानकारी:
नाम:राष्ट्रीय बाल दिवस (Children’s Day)
स्मृति दिवस:पंडित जवाहरलाल नेहरू
शुरूआत:वर्ष 1964 में जवाहरलाल नेहरू जी की मृत्यु के बाद
तिथि:14 नवम्बर (वार्षिक)
उद्देश्य:नेहरू जी के जन्मदिन पर बच्चों के प्रति उनके प्रेम और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए।

 

बाल दिवस की शुरूआत कैसे हुई? (इतिहास)

वर्ष 1954 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस मनाया गया, इस दिवस का सुझाव श्री वीके कृष्णा मेमन (भारत के पूर्व रक्षामंत्री) ने ही दिया था, जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN) द्वारा इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। उस समय इसे अक्टूबर के महीने में मनाया जाना तय हुआ, परंतु 1959 के बाद इसके लिए 20 नवंबर का दिन तय किया गया।

इसी के साथ विश्व स्तर पर प्रति वर्ष 20 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस (International Children’s Day) मनाने की शुरूआत हुई। भारत में भी यह दिवस पंडित नेहरु की मृत्यु से पहले 20 नवंबर को ही मनाया जाता था। लेकिन वर्ष 1964 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी की मृत्यु के बाद उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को राष्ट्रीय बाल दिवस मनाने की घोषणा की गयी।


Pandit Jawaharlal Nehru Quotes in Hindi
Pandit Jawaharlal Nehru Quotes in Hindi

 

National Childrens Day क्यों मनाया जाता है?

14 नवंबर को पं. जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के दिन बाल दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि पंडित नेहरु बच्चों से बहुत प्रेम करते थे, उन्हें हर बच्चा प्यारा था। साथ ही वह अपना ज्यादा से ज्यादा समय बच्चों के साथ ही बिताना पसंद करते थे, जिसके कारण सभी बच्चे उन्हें ‘चाचा नेहरू‘ कहकर पुकारते थे। इसीलिए उनके मरणोपरांत उन्हें सम्मान और श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी बर्थ एनिवर्सरी को चिल्ड्रन्स डे के रूप में चुना गया।


 

चिल्ड्रेंस डे कैसे मनाया जाता है? (Childrens Day Celebration)

यह दिन बच्चों के लिए बहुत खास होता है, इस दिन स्कूलों में बच्चों से नेहरू जी पर कविताएं, निबंध आदि लिखने एवं भाषण देने के लिए कहा जाता है, साथ ही कई रंगारंग कार्यक्रम भी किए जाते हैं। बच्चों को चाचा नेहरू और चाचा नेहरू को बच्चे बहुत पसंद थे इसीलिए इसीलिए कई बच्चे चाचा नेहरू की वेशभूषा धारण कर भी स्कूल पहुंचते हैं, और उनकी भूमिका निभाते हैं।

तो वहीँ दूसरी और देश के बड़े नेताओं और प्रतिष्ठित लोगों द्वारा उनकी समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है, और उनकी प्रतिमा या फोटो पर मालार्पण कर पुष्प अर्पित किए जाते है।


 

जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय? (About Jawaharlal Nehru Jayanti in Hindi)

14 नवंबर 1889 को ब्रिटिश भारत के इलाहाबाद में जन्में जवाहरलाल नेहरू पेशे से एक वकील थे, उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बनाने का गौरव हासिल किया।

उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरु था, तथा उनकी माता का नाम स्वरूपरानी नेहरू था। पंडित नेहरू अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे, और उनकी तीन बहने थी, कमला नेहरू से विवाह के बाद उनकी इकलौती बेटी इंदिरा गाँधी थी, जो बाद में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी।

कश्मीरी पंडित समुदाय से होने के कारण उन्हें पंडित नेहरू भी कहा जाता था। और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे।

 

पढ़ाई-लिखाई

वे एक सम्पन्न परिवार से थे इसलिए उनकी प्रारंभिक शिक्षा निजी शिक्षकों की देख-रेख में हुई, जिसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए और वहाँ हैरो से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और लॉ की डिग्री प्राप्त की। 1912 में भारत आने के बाद उन्होंने इलाहबाद हाईकोर्ट में वकालत शुरू कर दी।

 

योगदान

वे महात्मा गाँधीजी के विचारों से बेहद प्रभवित थे इसलिए भारत लौटने के बाद सन 1912 में उन्होंने कांग्रेस को ज्वाइन किया और देश की आजादी में महात्मा गांधी का साथ दिया। उन्होंने 1920-22 में असहयोग आन्दोलन में सक्रिय तौर पर भाग लिया और पहली बार जेल गए। इसके बाद उन्होंने 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन का विरोध किया और 1930 में नमक आन्दोलन करते समय इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 6 महीने की जेल हुई।

इसके बाद वे कांग्रेस के अध्यक्ष भी चुने गए हालंकि 1942 में उन्हें भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया गया और आजादी से दो साल पहले उन्हें रिहा किया गया। उन्होंने देश की आजादी के समय ब्रिटिश सरकार के साथ विभिन्न वार्ताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

मृत्यु

वे स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे, उन्होंने देश की स्वतंत्रता से लेकर अपनी मृत्यु तक देश का शासन चलाया, उनका निधन 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ। उन्हें वर्ष 1955 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है।

पं. जवाहरलाल नेहरू को गुलाब का फूल बेहद पसंद था वह हमेशा अपनी शेरवानी पर गुलाब का फूल लगाकर रखते थे।