विश्व वन्यजीव दिवस 2024: थीम, महत्व और इतिहास

दुनियाभर में जंगलों एवं वन्यजीवों के संरक्षण हेतु प्रति वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है, साल 2024 की थीम कनेक्टिंग पीपल एंड प्लेनेट है।

World Wild life Day 2024: विश्व वन्यजीव दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

दुनियाभर में जंगलों एवं वन्यजीवों के संरक्षण हेतु लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 03 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस (World Wildlife Day) मनाया जाता है। इसे मनाए जाने की शुरूआत 20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा की गयी थी। जिसके बाद पहला वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे 03 मार्च 2014 को मनाया गया था।

इस साल 03 मार्च को रविवार के दिन मनाए जाने वाले 11वें विश्व वन्य जीव दिवस 2024 की थीम “कनेक्टिंग पीपल एंड प्लेनेट: एक्सप्लोरिंग डिजिटल इन्नोवेशन इन वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन” रखी गई है।

World Wildlife Day - विश्व वन्यजीव दिवस
World Wildlife Day 2024 in Hindi
World Wildlife Day Information in Hindi
नाम:विश्‍व वन्‍यजीव दिवस
तिथि:03 मार्च 2024 (रविवार)
शुरूआत:20 दिसंबर 2013
पहली बार:03 मार्च 2014
थीम (2024):कनेक्टिंग पीपल एंड प्लेनेट: एक्सप्लोरिंग डिजिटल इन्नोवेशन इन वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन

 

विश्व वन्यजीव दिवस कब मनाया जाता है? (इतिहास)

3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाए जाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा 20 दिसंबर 2013 को, अपने 68वें सत्र में दुनियाभर के वन्य जीवों और वनस्पतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के मकसद से की गई थी।

Wildlife Day मनाने के लिए 3 मार्च का दिन इसलिए क्योंकि 1973 में इसी दिन वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के कन्वेंशन (CITES) पर कई देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।

पृथ्वी पर जीवन की संभावनाओं को बनाए रखने के लिए और पर्यावरण में जीव-जंतु तथा पेड़-पौधों के महत्व को पहचानते हुए साइट्स (CITES) की स्थापना की गई। इस विशेष दिन के वैश्विक पालन के लिए CITES सचिवालय को सूत्रधार के रूप में नामित भी किया गया है।

(CITES:- Convention On International Trade In Endangered Species Of Wild Fauna And Flora)

 

क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे?

हर वर्ष 03 मार्च को मनाया जाने वाला वन्यजीव दिवस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वन्यप्राणियों, विलुप्त होने वाली प्रजातियों एवं पेड़-पौधों के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। क्योंकि इंसानों के लालच और स्वार्थ के चलते जंगलों की अंधाधुंध कटाई से जीव-जंतुओं के आवास सिमटते जा रहे है, इसी बीच इनके अंगों की तस्करी के लिए भी इनका जमकर शिकार हुआ है। ऐसे में वन्य प्राणियों के संरक्षण और आगे से ऐसा न हो यह सुनिश्चित करने के लिए यह दिवस मनाए जाने की आचश्यकता पड़ी।

इसके आलावा लुप्तप्राय हो रही जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों और वनस्पतियों की प्रजातियों की आबादी को पुनः बढ़ाना भी इसका मुख्य मकसद हो सकता है, क्योंकि पृथ्वी को जीवंत बनाए रखने के कदम में पारिस्थितिकी तंत्र के किसी भी प्राणी का लुप्त हो जाना हमारे लिए एक भारी क्षति है।

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विश्व वन्यजीव दिवस 2024 की थीम (World Wildlife Day Theme)

जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों के संरक्षण हेतु हर साल वर्ल्ड वर्ल्डलाइफ डे एक खास विषयवस्तु (थीम) पर आधारित होता है। यह विषय हमारे ग्रह के जंगलों और वुडलैंड्स की स्थिति और इन पर निर्भर रहने वाले लाखों लोगों की आजीविका के संरक्षण के बीच संबंधों पर प्रकाश डालना चाहता है।

इस साल विश्व वन्यजीव दिवस 2024 की थीम ‘Connecting People and Planet: Exploring Digital Innovation in Wildlife Conservation‘ (लोगों और ग्रह को जोड़ना: वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज) है। पिछली साल 2023 की Theme “Partnerships for Wildllife Conservation” (वन्यजीव संरक्षण के लिए भागीदारी) थी।

पिछले कुछ सालों की थीम्स:

  • 2022 की थीम:- Recovering key species for ecosystem restoration (पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए प्रमुख प्रजातियों को पुनर्प्राप्त करना)
  • 2021 की थीम:- Forests and livelihoods: sustaining people and planet (वन और आजीविका: लोगों और ग्रह को बनाए रखना)
  • 2020 की थीम:- Sustaining All Life On Earth (पृथ्वी पर सभी जीवन का निर्वाह) थी।
  • 2019 की थीम:- Life below Water: for People and Planet (पानी के नीचे जीवन: लोगों और ग्रह के लिए)
  • 2018 की थीम:- Big cats – predators under threat (बड़ी बिल्लियां – शिकारियों के खतरे में है।)
  • 2017 की थीम:- Listen to the young voices (युवा आवाज सुनो)
  • 2016 की थीम:- The future of wildlife is in our hands”, and sub-theme The future of elephants is in our hands (वन्यजीवों का भविष्य हमारे हाथ में है”, और उप-थीम “हाथियों का भविष्य हमारे हाथों में है)
  • 2015 की थीम:- It’s time to get serious about wildlife crime (वन्यजीव अपराध के बारे में अब गंभीर होने का समय है)

 

 

वन्यप्राणियों का महत्त्व:

इस पृथ्वी पर सभी प्राणियों का समान अधिकार है चाहे वो बेजुबान पशु-पक्षी हो पेड़-पौधें हो या कोई इंसान… इस ग्रह को जीवंत बनाए रखने के लिए इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षियों का भी अहम योगदान है। आज पशु पक्षियों की कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर है और कई विलुप्त भी हो चुकी है, ऐसे में यह दिवस मनाना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

इस संसार मे जंगलों के साथ-साथ वन्यजीवों को भी एक महत्वपूर्ण संसाधन की तरह देखना चाहिए, क्योंकि ये खाद्य शृंखला और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। साथ ही ये दुनिया-जहान मे किसी भी देश की आर्थिक, मनोरंजन और सौंदर्यता को बनाए रखने में भी काफी सहायक होते है।

इंसानों की जनसंख्या में वृद्धि, कृषि और पशुधन के साथ-साथ शहरों और सड़कों के विस्तार और बढते निर्माण भी वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार हैं। वनों की कटाई और अवैध शिकार भी जैव-विविधता को खतरे में डाल रही हैं।

इतना ही नहीं नदियों के जल में मिलें फैक्ट्रीयों के जहरीले केमिकल्स के कारण जलीय जीवों पर भी खतरा पैदा हो गया है, कईं मछलियाँ और पानी में रहने वाले जीवों की प्रजातियाँ लुप्त हो रही हैं। ऐसे में हमें अब अपनी बंद आँखों को खोल विश्व वन्यजीव दिवस पर इनकी रक्षा करने का प्रण लेना चाहिए।