इंदिरा गाँधी की जयंती और पूण्यतिथि 2023: आयरन लेडी की Biography और उनके योगदान (संकल्प दिवस)

Indira Gandhi Birth & Death Anniversary 2022: इंदिरा गाँधी की जयंती पर बायोग्राफी और देश की उन्नति में उनके महत्वपूर्ण योगदान

Indira Gandhi Birthday Date 2022 in Hindi: देश की पहली महिला प्रधानमंत्री श्री मती इंदिरा गाँधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था, इस साल 2023 में 19 नवम्बर को उनकी 106वीं जयंती और 31 अक्टूबर को 39वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। देश उनकी डेथ एनिवर्सरी को राष्ट्रीय संकल्प दिवस के रूप में मनाता है।

इस अवसर पर उन्हें याद करते हुए देश के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेताओं द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। ट्विटर पर भी कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ-साथ उनके पोते राहुल गांधी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते है।

Indira Gandhi Jayanti 2022 Information In Hindi
Indira Gandhi Jayanti Information In Hindi
इंदिरा गांधी ने अपनी मृत्यु के ठीक 1 दिन पहले 30 अक्टूबर को उड़ीसा में दिए अपने भाषण के दौरान कहा था कि:

मुझे चिंता नहीं है कि मैं जीवित रहूँ या नहीं रहूँ, मेरी लम्बी उम्र रही है और मुझे इस बात का गौरव है कि मेरा सारा जीवन सेवा में गया है। और जब तक मुझमें सांस है तब तक देश की सेवा ही मेरा दायित्व है। जब मैं मरूंगी मेरे खून का एक-एक कतरा भारत को जीवित करेगा इसे मजबूती देगा।

 

इंदिरा गांधी कौन थी – जीवन परिचय (Biography) हिंदी में

उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में 19 नवंबर 1917 को नेहरू परिवार में जन्मी इंदिरा गांधी पंडित जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू की बेटी और उनकी एकमात्र संतान थी। उनके दादा मोतीलाल नेहरू ने उन्हें ‘इंदिरा‘ नाम दिया। तथा उनका पूरा नाम ‘इंदिरा प्रियदर्शनी नेहरू‘ था।

इंदिरा गाँधी ने 1934–35 में अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद, शान्तिनिकेतन में रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा बनाए गए विश्व-भारती विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। इन्हे “प्रियदर्शिनी” नाम रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ही दिया था।

यहाँ से शिक्षा प्राप्त कर वे आगे की पढाई के लिए इंग्लैंड चली गईं और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा पास करने में असफल रहीं।

परन्तु दुबारा ब्रिस्टल के बैडमिंटन स्कूल में कुछ महीने मेहनत करने के बाद उन्हें, 1937 में परीक्षा में सफलता हाथ लगी और इन्होने सोमरविल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में प्रवेश ले लिया।

 

विवाह:

लन्दन में पढाई के दौरान वे अक्सर फिरोज़ से मिलती-जुलती रहती थी, क्योंकि इंदिरा जी फ़िरोज जी को इलाहाबाद से ही जानती थीं और वे उन्ही के निकट लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स में पढ़ाई कर रहे थे। ऑक्सफोर्ड से साल 1941 में पढ़ाई कर भारत वापस आने के बाद वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में शामिल हो गयीं।

बाद में इंदिरा और गुजराती पारसी फ़िरोज का विवाह 16 मार्च 1942 को इलाहाबाद के आनंद भवन में एक निजी आदि धर्म ब्रह्म-वैदिक समारोह में हुआ। इंदिरा को गांधी का उपनाम फिरोज गांधी से शादी करने के बाद मिला था और इनका मोहन दास करमचंद गांधी से कोई भी खून का रिश्ता नहीं था।

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Indira Gandhi का राजनीतिक जीवन:

अपने पिता जवाहरलाल नेहरू के भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने के बाद 1950 के दशक में वे गैरसरकारी तौर पर एक निजी सहायक के रूप में उनकी सेवा में रहीं। अपने पिता की मृत्यु के बाद उन्हें सन् 1964 में राज्यसभा सदस्य के रूप नियुक्त किया गया। और बाद में उन्हें लालबहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में सूचना और प्रसारण मत्री के रूप में चुना गया।

 

कैसे बनी भारत की प्रधानमंत्री:

लालबहादुर शास्त्री की अचानक हुई मृत्यु के बाद तत्कालीन काँग्रेस पार्टी अध्यक्ष ‘के कामराज‘ ने इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने में निर्णायक भूमिका निभाई। इंदिरा गाँधी जी ने 1966 में हुए चुनाव में विजय प्राप्ति के के साथ ही जनलोकप्रियता हासिल कर विरोधियों के ऊपर हावी होने की योग्यता दर्शायी।

वे कृषि उत्पादकता को बढ़ाव देते हुए हरित क्रांति और अधिक बामवर्गी आर्थिक नीतियाँ लेकर आई। 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में एक निर्णायक और महत्वपूर्ण विजय का मार्ग सस्वस्त किया।

उन्होंने एवं काँग्रेस पार्टी ने लगातार दो बार चुनाव जीतकर 1966 से 1977 तक 10 साल शासन करने के बाद 1977 के आम चुनाव में पहली बार हार का स्वाद चखा। लेकिन कुछ साल बाद ही दुबारा सन् 1980 में सत्ता में वापसी करने के बाद वह अधिकतर पंजाब के अलगाववादियों के साथ बढ़ते हुए द्वंद्व में उलझी रहीं।


 

मृत्यु (Death):

साल 1980 में इंदिरा ने ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार‘ में स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई का आदेश दिया, जिसके बाद आगे चलकर सन् 1984 में उनके ही सिख बॉडी गार्ड्स द्वारा 31 अक्टूबर को उनकी राजनैतिक हत्या कर दी गई। उन्हें भारत रत्न और अंतरराष्ट्रीय सम्मान लेनिन नीस अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

 

इंदिरा गांधी के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और देश की उन्नति में दिए एतिहासिक योगदान

इंदिरा गांधी का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम एवं भारतीय राजनीति में अहम योगदान रहा उन्होंने लंदन से अपनी पढ़ाई छोड़ कर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

तथा महात्मा गांधी से प्रभावित होकर उन्होंने ‘बाल चरखा संघ‘ की स्थापना की तथा 1930 में किए जाने वाले असहयोग आंदोलन में भी उन्होंने बच्चों के संयोग से वानर सेना का निर्माण कर कांग्रेस पार्टी की सहायता की। बाद में उन्हें आजादी के आंदोलन में सहभागिता के लिए जेल भी जाना पड़ा।

देश की तीसरी और प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए कई ऐसे महत्वपूर्ण एवं निर्भीक फैसले लिए जिन की बदौलत उन्हें Iron Lady of India (लौह महिला) कहा जाने लगा।

 

बतौर प्रधानमंत्री रहते हुए उनके ऐतिहासिक योगदान इस प्रकार है:

 

  • इंदिरा गांधी जी के नेतृत्व में उन्होंने वर्ष 1969 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर डाला उनके शासनकाल के दौरान साल 1971 में पाकिस्तान के दो टुकडे हो गए और बांग्लादेश का उदय हुआ जिससे उनकी कूटनीतिक क्षमता उजागर हुई।

  • उन्होंने सालों से चली आ रही प्रिवी पर्स यानी राजभत्ते की परंपरा को सरकारी धन के बर्बादी बताते हुए सन् 1971 में इसे समाप्त कर दिया।

  • 18 मई 1974 ‘स्माइलिंग बुद्धा ऑपरेशन‘ के तहत भारत के पोखरण में परमाणु परीक्षण किया जिसे देख पूरी दुनिया में दांतो तले उंगली दबा ली।

  • साथ ही उन्होंने 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार को बखूबी अंजाम देकर पंजाब से आतंकवाद का अंत किया।

  • 1984 में ही ऑपरेशन मेघदूत को अंजाम देकर उन्होंने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाई और ‘सियाचिन‘ पर अपनी मजबूत पकड़ बनाई।

  • उनके कार्यकाल में ही शिमला समझौता भी हुआ तथा भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में राकेश शर्मा को अंतरिक्ष में भेजकर उन्होने भारत को यह गौरवान्वित पल भी दिया।

हालांकि इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून, 1975 को लगाए गए करीब 19 महीने के आपातकाल (Emergency) तथा 1984 में हुए सिख दंगों को लेकर उन्हें काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ी।


 

इंदिरा गांधी की मृत्यु कब हुई थी?

इंडिया की आयरन लेडी कहीं जाने वाली भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी की मृत्यु 31 अक्टूबर 1984 को हुई थी, जब उनके ही सिख बॉडीगार्ड्स ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इंदिराजी की पुण्यतिथि को हर साल ‘राष्ट्रीय संकल्प दिवस‘ (National Pledge Day) के रूप में मनाया जाता है।

 

इंदिरा गांधी का समाधि स्थल कहां स्थित है?

इंदिरा गांधी का समाधि स्थल दिल्ली में राजघाट के निकट ‘शक्ति स्थल‘ (Shakti Sthal) के रूप में स्थित हैं।

 

इंदिरा गांधी के पति और बच्चों का नाम?

इंदिरा गांधी के पति का नाम फिरोज़ गांधी था तथा उनके दो बच्चे थे। छोटे बेटे का नाम संजय गांधी और बड़े बेटे का नाम राजीव गाँधी था जो देश के सांतवे प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी की शादी सोनिया से हुई उनके पुत्र राहुल और पुत्री प्रियंका आज भी भारतीय राजनीति में सक्रिय है।