IPL 2023 Title Sponsor: आईपीएल का टाइटल स्पांसर कौन है? अब तक के सभी शीर्षक प्रयोजकों की सूची?
इस साल भी भारतीय कंपनी टाटा समूह (TATA Group) ही IPL 2023 की Title Sponsor होगी, टाटा ने पिछली साल ही चीनी मोबाइल कंपनी वीवो को हटाकर आईपीएल के 15वें और 16वें सीजन के मुख्य प्रायोजक (टाइटल स्पॉन्सर) के अधिकार हासिल किए है।
अब तक के इंडियन प्रीमियम लीग (आईपीएल) में Vivo कुल 5 सीजनों में शीर्षक प्रायोजक रही है, लेकिन 2020 में भारत-चीन के साथ चलते विवाद के कारण आईपीएल के 13वें सीजन में विवो को हटाकर Dream11 को Indian Premier League का Title Sponsor बनाया गया था जिसके बाद 2021 में दोबारा Vivo को टाइटल प्रायोजक चुना गया था।
IPL 2023 का टाइटल स्पोंसर कौन है?
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2023 के लिए भारतीय कंपनी टाटा ग्रुप को टाइटल स्पांसर चुना गया है, इसलिए IPL का 16वां सीजन टाटा आईपीएल (TATA IPL) के नाम से जाना जाएंगा। मुख्य प्रायोजक के रूप में टाटा ने IPL 2022 और 2023 सीजन के लिए अधिकार प्राप्त किए हैं यह सौदा 670 करोड़ रूपए में 2 साल के लिए तय हुआ बताया जा रहा है।
आपको बता दें कि टाटा कंपनी के मालिक भारत के सफल उद्यमी और देश प्रेमी ‘रतन टाटा‘ जी हैं। और Tata Group का कारोबार ऑनलाइन किराना (बिगबास्केट), ऑनलाइन फ़ार्मेसी (1mg), ईकॉमर्स (TATACliq), इलेक्ट्रॉनिक्स (क्रोमा), कंसल्टेंसी (TCS) के आलावा स्टील,पॉवर, मोटर, केमिकल, होटल, एयर, मनोरंजन आदि तक फैला हुआ है।
टाटा को कितने में मिली आईपीएल की टाइटल स्पोंसरशिप?
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक TATA को Indian Premier League की Sponsorship के लिए प्रति वर्ष 335 करोड़ रूपये देने है, जिसमें ₹301 करोड़ स्पोंसर की फीस है और 34 करोड़ रूपए 2 नयी टीमों और मैचों की संख्या बढ़ने की कीमत है। इस तरह यह सौदा 2 वर्षों के लिए कुल 670 करोड़ रूपए में दो सालों के लिए तय हुआ है।
खबरों के मुताबिक चीनी मोबाइल कंपनी वीवो ने 2022 सीजन के लिए ₹484 करोड़ और 2023 के सीजन के लिए ₹512 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन 2022 के सीजन की शुरुआत से पहले ही उसने IPL की स्पॉन्सरशिप से अपना नाम वापस ले लिया।
ऐसे में BCCI के साथ हुए करार को बीच में ही समाप्त करने पर उसे दोनों सीजनों के लिए अंतर की रकम यानी 183 और 211 करोड़ रुपये देने होंगे। लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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आईपीएल के अब तक के सभी प्रयोजकों की सूची (IPL Title Sponsors History List)
आईपीएल की शुरूआत 2008 में तत्कालीन बीसीसीआई उपाध्यक्ष ललित मोदी ने की थी, और इसे धीरे-धीरे करके कई वर्षों में यह लोकप्रियता मिली है। आज इंडियन प्रीमियर लीग दुनिया की सबसे बड़ी खेल लीगों में से एक बन गई है जिसके कारण कई बड़ी कम्पनियाँ इसके आयोजन के Title Sponsonsip Rights पाने के लिए अच्छी-खासी रकम खर्च करने को तैयार रहती है।
डीएलएफ (2008 से 2012)
आईपीएल टूर्नामेंट के उद्घाटन सत्र (पहले सीजन) में 2008 से 2012 तक के लिए भारत के रियल एस्टेट डेवलपर डीएलएफ (DLF) को आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप राइट्स प्रतिवर्ष 40 करोड रुपए में मिली थी।
पेप्सी (2013 – 2015)
DLF के बाद वर्ष 2013 से 2015 के लिए अमेरिकी खाद्य और पेय कंपनी पेप्सी (Pepsi) ने आईपीएल के मुख्य प्रायोजक के रूप में प्रतिवर्ष 79.2 करोड़ रुपए में स्पॉन्सरशिप के अधिकार हासिल किए, और पांच साल के लिए 396 करोड़ रुपये में इंडियन प्रीमियर लीग को प्रायोजित करने वाला दूसरा ब्रांड बन गया।
हालांकि, Pepsi ने आईपीएल विवादों के कारण अनुबंध की समाप्ति से दो साल पहले ही अपना नाम वापस ले लिया था।
वीवो (2016 – 2017)
पेप्सी के आईपीएल के साथ किए गए करार को बीच में ही समाप्त करने के बाद, बीसीसीआई ने आईपीएल के नौवें और दसवें सीजन के लिए चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी विवो को 200 करोड़ रुपए में इंडियन प्रीमियर लीग के शेष दो सत्रों (2016 और 2017) के लिए शीर्षक प्रायोजक के अधिकार हस्तांतरित कर दिए।
वीवो (2018 – 2019)
आईपीएल के लोकप्रिय होने और चीनी कंपनी विवो के भारत में दमदार प्रदर्शन के बाद बीसीसीआई ने विवो के साथ मुख्य प्रायोजक के रूप में इस करार को अगले 5 सत्रों (2018 से 2022 तक) के लिए 2,199 करोड़ रुपए में जारी रखा जाना तय किया गया।
इस बार विवो को स्पॉन्सरशिप के अधिकार पाने के लिए प्रति सीजन ₹440 करोड रुपए देने थे। लेकिन, भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध चलते चीनी स्मार्टफोन कंपनी VIVO ने 2022 में सौदे से हाथ खींच लिया, और बीच में अपना सौदा समाप्त करने वाली दूसरी कंपनी बन गई।
ड्रीम11 (2020)
2020 के अंत में आयोजित हुए आईपीएल के 13वें सीजन में Dream11 को टाइटल स्पॉन्सर के रूप में चुना गया। भारत के फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म ड्रीम 11 को यह स्पॉन्सरशिप राइट्स 222 करोड़ रुपये में केवल एक सीजन के लिए मिले थे। करोना महामारी के चलते यह सीजन यूएई में आयोजित किया गया था।
वर्ष 2020 में भारत-चीन सीमा विवाद और पूर्वी लद्दाख में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद से देश भर में चीनी समान और कंपनियों का विरोध हुआ जिसका असर विवो और बीसीसीआई के बीच हुए 5 साल के इस कॉन्ट्रैक्ट पर भी पड़ा।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) को भारी दबाव के कारण इस डील को 1 साल के लिए रोकना पड़ा और Vivo की जगह Dream11 को आईपीएल का नया प्रायोजक चुना गया।
वीवो (2021)
2018 में किए गए करार के अनुसार पिछले साल 2021 में विवो एक बार फिर आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर के रूप में वापस आ गया। जो 2020 में भारत-चीन सीमा विवाद के चलते 1 साल के लिए स्थगित कर दिया गया था। लेकिन खबरें यह थी कि कम्पनी अधिकार हस्तांतरित करने की तैयारी कर रही है और बीसीसीआई भी एक नए स्पोंसर की तलाश कर रहा है।
टाटा (2022-2023)
2022 में टाटा समूह आईपीएल के 15वें सीजन का टाइटल प्रायोजक होगा, विवो पहले ही साफ कर चुका था कि वह अगले आईपीएल के लिए मुख्य प्रायोजक के रूप में वापसी नहीं करेगा।
आपको बता दें कि बीसीसीआई और विवो के बीच 2018 में 5 साल के लिए आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए 440 करोड रुपए प्रतिवर्ष का करार किया गया था जो 2022 तक के लिए था।
विवो के पास अभी भी 2 सालों की स्पॉन्सरशिप बची हुई थी 2020 में भारत-चीन सीमा विवाद के कारण विवो की जगह Dream11 को IPL के 13वें सीजन के लिए स्पॉन्सर बनाया गया था। Dream11 ने IPL 2020 के लिए ₹222 करोड़ में स्पॉन्सरशिप हासिल की थी।