विश्व मधुमक्खी दिवस 2023: जानिए थीम, इतिहास और महत्व

World Bee Day कब, क्यों और कैसे मनाते है? Theme, इतिहास और महत्व

पारिस्थितिक तंत्र और कृषि क्षेत्र में मधुमक्खियों की भूमिका को नकार पाना नामुमकिन है, ऐसे में परागणकों के महत्व तथा सतत विकास में मधुमक्खियों के योगदान को रेखांकित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) ने प्रतिवर्ष 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस (World Bee Day) मनाए जाने की घोषणा की।

वर्ल्ड हनी बी डे का उद्देश्य परागणकों द्वारा पारिस्थितिक तंत्र में निभाई जाने वाली उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, 2023 में शनिवार, 20 मई को छठा मधुमक्खी दिवस मनाया जा रहा है।

World Honey Bee Day
World Honey Bee Day
World Bee Day के बारे में
नामविश्व मधुमक्खी दिवस (World Bee Day)
तारीख़20 मई
शुरूआतदिसम्बर 2017, यूनाइटेड नेशन
पहली बार20 मई 2018
उद्देश्यपारिस्थितिक तंत्र के लिए मधुमक्खियों के महत्व को समझाना और उनके संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना।
थीम (2023)बी इंगेज्ड इन पोलिनेटर: फ्रेंडली एग्रीकल्चर प्रोडक्शन

 

विश्व मधुमक्खी दिवस कब मनाया जाता है?

वर्ष 2018 से हर साल 20 मई को आधुनिक मधुमक्खी पालन के अग्रदूत एंटोन जनसा की जयंती को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मधुमक्खी दिवस के रूप में मनाया जाता है। Anton Janša का जन्म 20 मई 1734 को स्लोवेनिया में एक मधुमक्खी पालक परिवार में हुआ था।

हालंकि संयुक्त राज्य अमेरिका अगस्त के तीसरे शनिवार को राष्ट्रीय स्तर पर मधुमक्खी दिवस मनाता है, जिसे इस साल रविवार, 20 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा।

 

कैसे हुई इसकी शुरूआत (इतिहास)

वर्ष 2016 में स्लोवेनिया गणराज्य ने एपिमोंडिया, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ बीकीपर्स एसोसिएशन के सहयोग से यूरोप के लिए खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के क्षेत्रीय सम्मेलन में प्रत्येक वर्ष 20 मई को आधुनिक मधुमक्खी पालन के अग्रणी एंटोन जंसा के जन्मदिन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मधुमक्खी दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रस्ताव रखा।

इसके बाद वर्ष 2017 में फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के 40वें सम्मेलन में स्लोवेनिया के इस प्रस्ताव को प्रस्तुत किया गया और 20 दिसंबर 2017 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से प्रतिवर्ष 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस मनाए जाने की घोषणा की, जिसके बाद 20 मई 2018 को इसे पहली बार मनाया गया।

 

 

अंतर्राष्ट्रीय मधुमक्खी दिवस क्यों मनाते है? (उद्देश्य और महत्व)

परागणकों के महत्व और सतत विकास में मधुमक्खियों के अमूल्य योगदान के बारे में जागरूकता फैलाने के अलावा इसका उद्देश्य है:

  • मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना
  • मधुमक्खियों के संरक्षण के महत्व पर लोगों का ध्यान आकर्षित करना
  • यह याद दिलाना कि हम मधुमक्खियों और अन्य परागणकों पर निर्भर है
  • मानव हस्तक्षेप के कारण इनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।

ये परागणकर्ता पारिस्थितिक संतुलन और जैव विविधता को बनाए रखने, प्रदूषण कम करने की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।

दुनिया भर में मधुमक्खियों की लगभग 20000 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं, तथा दुनियाभर में 90 फ़ीसदी जंगली फूलों के पौधे की प्रजातियां, 75% से ज्यादा खाद्य फसले तथा 35% कृषि भूमि विभिन्न परागणकर्ताओं पर निर्भर करती है।

 

World Bee Day 2023 की Theme

इसकी शुरुआत से ही FAO द्वारा इसे हर साल एक खास Theme के साथ मनाया जाता है, इस साल विश्व मधुमक्खी दिवस 2023 की थीम “मधुमक्खी परागण में लगी है- अनुकूल कृषि उत्पादन” (Bee engaged in pollinator-friendly agricultural production) है।

पिछले साल 2022 की थीम ‘Bee engaged – Celebrating the diversity of bees and beekeeping systems’ थी, जिसे हिंदी में “मधुमक्खियों और मधुमक्खी पालन प्रणालियों की विविधता का जश्न मनाना” कहा जा सकता है। 2021 में यह ‘Bee Engaged: Build Back Better for Bees‘ (बी एंगेज्ड: मधुमक्खियों के लिए बेहतर निर्माण करें) विषय के साथ मनाया गया था, और 2020 में इसे ‘मधुमक्खियों को बचाओ’ (Save the Bees) थीम के साथ मनाया गया था।

 

 

कैसें मनाया जाता है Vishwa Madhumakhi Divas?

वैश्विक स्तर पर संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के नेतृत्व में इसे व्यापक रूप से मनाया जाता है, इस साल एफएओ मुख्यालय में हाइब्रिड फॉर्मेट में विश्व मधुमक्खी दिवस का कार्यक्रम मनाएगा, जिसका विषय ‘बी इंगेज्ड इन पोलिनेटर: फ्रेंडली एग्रीकल्चर प्रोडक्शन’ है।

भारत का कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) इसे मुख्य तौर पर अंकित करता है, हालांकि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा इसे व्यापक तौर पर मनाया जाना चाहिए और देश के अधिक से अधिक लोगों के बीच इस दिवस के बारे में जागरूकता फैलाई जानी चाहिए।

‘वर्ल्ड हनी बी डे’ न केवल मधुमक्खियों के संरक्षण अपितु यह परागण करने वाले अन्य कीटों जैसे तितलियों की कुछ प्रजातियां, पतंगे, ततैया, भृंग, पक्षी, चमगादड़ और अन्य कशेरुकों के भी महत्व को दर्शाता है।