National Milk Day 2021: राष्ट्रीय दुग्ध दिवस का इतिहास और डॉ. वर्गीज कुरियन के बारे में

National Milk Day of India 2021: राष्ट्रीय दुग्ध दिवस, History और Dr. Verghese Kurien का जीवन परिचय

नेशनल मिल्क डे २०२१: दूध को कैल्शियम के सबसे अच्छे स्रोत में से एक माना जाता है यहां तक कि यह दुनिया का एकमात्र पेय पदार्थ है, जिसमें सबसे ज्यादा मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं और भारत विश्व का नंबर वन दुग्ध उत्पादक देश है।
भारत में हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है यह 1 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाए जाने वाले विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day) से काफी अलग है।
आइए आपको नेशनल मिल्क डे ऑफ़ इंडिया कब और क्यों मनाया जाता है? इसका इतिहास (History) और डॉ वर्गीज कुरियन (Dr. Verghese Kurien) के बारे में बताते है।

National milk Day in hindi
National milk Day in Hindi

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश भारत में हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (National Milk Day) मनाया जाता है, इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य हमारे जीवन में दूध के महत्व को प्रदर्शित करना है।

नेशनल मिल्क डे की शुरुआत वर्ष 2014 में खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा डॉ. वर्गीज कुरियन की याद में की गई थी उन्हें भारत की श्वेत क्रांति (White Revolution) का जनक माना जाता है।

यह दिवस डॉक्टर कुरियन द्वारा डेयरी, कृषि और इससे जुड़े संगठनों में दिए गए उनके योगदानों को याद करता है। उनके योगदान के कारण ही दूध की कमी से जूझने वाला देश आज सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बन गया है।

National Milk Day का इतिहास (History)

भारत में वर्ष 2014 में 26 नवंबर को खाद और कृषि संगठन द्वारा राष्ट्रीय दूध दिवस मनाने शुरुआत की गई थी। जिसके बाद 26 नवंबर 2014 को इंडियन डेयरी एसोसिएशन (IDA) द्वारा इसे पहली बार मनाया गया इसमें भारत के 22 राज्यों के विभिन्न दूध उत्पादकों ने हिस्सा लिया।

यह दिन भारत की श्वेत क्रांति के जनक माने जाने वाले डॉ वर्गीज कुरियन को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है उन्होंने देश की डेयरी, खेती और उत्पादन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था 26 नवंबर को वर्गीज कुरियन की जयंती (Birthday) भी होती है।

डॉ. वर्गीज कुरियन के बारे में (Dr. Verghese Kurien)

डॉ वर्गीज कुरियन का जन्म केरल के कोझिकोड में 26 नवंबर 1921 को हुआ था वह ‘मिल्क मैन ऑफ इंडिया‘ के नाम से भी जाने जाते हैं, साथ ही 1970 के दशक में उन्होंने ‘ऑपरेशन फ्लड‘ की शुरुआत की यह विश्व का सबसे बड़ा डेयरी डेवलपमेंट प्रोग्राम था जिसका भारत की श्वेत क्रांति में महत्वपूर्ण योगदान रहा इसी कारण उन्हें श्वेत क्रांति का जनक (Father of India’s White Revolution) भी कहा जाता है।

उन्होंने अमूल ब्रांड की स्थापना की जिसका उद्देश्य भारत को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना तथा किसानों की मदद करना था।

तथा अमूल गर्ल के विज्ञापन अभियान को बनाने में महत्वपूर्ण समर्थन रहा यह कई सालों से ही सबसे लंबे समय तक चलने वाले अभियानों में शामिल रहा है।

उन्होंने ही भारत को अपने खुद के दूध उत्पादन केंद्रों को सक्षम बनाने की दिशा में काम किया और लगभग 30 संस्थानों की स्थापना की।

भैंस के दूध से पाउडर तैयार करने वाले वह दुनिया के पहले व्यक्ति थे।

वे 1965 से 1998 तक लगभग 33 सालों तक राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड के अध्यक्ष रहें।

उनके कार्य की प्रशंसा करने हेतु उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया जिसमें वर्ष 1989 में विश्व खाद्य पुरस्कार, वॉलिंटियर शांति पुरस्कार और 1963 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार शामिल है।

इसके अलावा भारत सरकार द्वारा वर्ष 1965 में मिला पद्मश्री, 1966 में पद्म विभूषण और 1999 में मिला पद्मभूषण सम्मान उनके द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा करता है।

डॉ वर्गीज कुरियन की मृत्यु 90 वर्ष की आयु में 9 सितंबर 2012 को हुई।

अंतिम शब्द

दूध शरीर के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है इससे शरीर को कई जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं ऐसे में विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर हमें दूध के महत्व और डॉक्टर कुरियन द्वारा दूध के लिए दिए गए योगदान को याद करते हुए उन्हें धन्यवाद करना चाहिए और आभार व्यक्त करना चाहिए।

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